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EVM के मुद्दे पर अकेली पड़ती जा रही कांग्रेस, TMC और नेशनल कॉन्फ्रेंस के बाद अब NCP ने भी दिया झटका
EVM discrepancies: एनसीपी के शरद पवार गुट ने भी साफ तौर पर कहा है कि सबूतों के आधार के बिना इस तरह के आरोप लगाने का कोई मतलब नहीं है।
EVM discrepancies: ईवीएम के मुद्दे पर कांग्रेस विपक्षी दलों के गठबंधन इंडिया में अलग-अलग पड़ती जा रही है। लोकसभा चुनाव के बाद हरियाणा और महाराष्ट्र में मिली हार पर कांग्रेस ईवीएम के मुद्दे पर हमलावर रही है। इस मुद्दे पर कांग्रेस चुनाव आयोग और मोदी सरकार को घेरती रही है मगर विपक्षी दल ही कांग्रेस से किनारा करते जा रहे हैं।
हाल में जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला और तृणमूल कांग्रेस के नेता अभिषेक बनर्जी ने कांग्रेस की ओर से ईवीएम को लेकर उठाए जा रहे सवालों को खारिज कर दिया था। अब एनसीपी के शरद पवार गुट ने भी साफ तौर पर कहा है कि सबूतों के आधार के बिना इस तरह के आरोप लगाने का कोई मतलब नहीं है। एनसीपी की सांसद और शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले ने कहा कि ठोस प्रमाण के बिना ईवीएम पर आरोप लगाने का कोई आधार नहीं है।
बिना किसी प्रमाण के आरोप लगाना उचित नहीं
एनसीपी की वरिष्ठ नेता सुप्रिया सुले ने कहा कि बिना किसी ठोस प्रमाण के वे इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों पर कोई आरोप नहीं लगा सकती। पुणे में मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि मैंने अतीत में चार चुनाव ईवीएम के जरिए जीते हैं। इस कारण मुझे लगता है कि जब तक मेरे पास ठोस प्रमाण नहीं है तब तक ईवीएम पर आरोप लगाना ठीक नहीं है। हालांकि इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि इस मुद्दे पर चर्चा की जानी चाहिए क्योंकि कुछ अन्य दलों की ओर से ईवीएम से छेड़छाड़ के सबूत होने का दावा किया गया है।
अन्य दलों की मांग पर होनी चाहिए चर्चा
एनसीपी की नेता ने कहा कि पिछले दिनों आम आदमी पार्टी और बीजू जनता दल की ओर से ईवीएम में गड़बड़ी होने के सबूत होने का दावा किया गया था। उन्होंने कहा कि बीजू जनता दल के सांसद अमर पटनायक ने मंगलवार को उन्हें ईवीएम में गड़बड़ी होने के संबंध में कुछ डेटा भेजा गया था। उन्होंने ईवीएम के खिलाफ अपने विरोध के प्रति समर्थन मांगा था।
हालांकि सुले ने इस डेटा के विवरण को साझा नहीं किया। उन्होंने कहा कि व्यक्तिगत रूप से मुझे ईवीएम में कोई गड़बड़ी नहीं मिली है मगर कुछ अन्य दलों की ओर से की जा रही मांग को देखते हुए इस मुद्दे पर चर्चा की जानी चाहिए।
कांग्रेस से किनारा करते जा रहे हैं विपक्षी दल
एनसीपी नेता सुप्रिया सुले का यह बयान सियासी नजरिए से काफी अहम माना जा रहा है। हाल में महाराष्ट्र में हुए विधानसभा चुनाव में महाविकास अघाड़ी गठबंधन की करारी हार के बाद कांग्रेस की ओर से लगातार ईवीएम लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं। हरियाणा की हार के बाद भी कांग्रेस ने इस मुद्दे पर चुनाव आयोग और मोदी सरकार को घेरा था मगर विपक्ष के कुछ प्रमुख दल ही इस मुद्दे पर कांग्रेस से किनारा करते हुए दिख रहे हैं।
उमर अब्दुल्ला और अभिषेक ने दिया था कांग्रेस को झटका
हाल में जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने ईवीएम को लेकर उठाए जा रहे सवालों को पूरी तरह खारिज कर दिया था। उनका कहना था कि ईवीएम को लेकर कांग्रेस की ओर से जताई जा रही आपत्ति में कोई दम नहीं है।
इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता कि जब आपको चुनाव में जीत हासिल हो तो आप उसे स्वीकार कर लें और हार जाने पर ईवीएम पर हमला करना शुरू कर दें। उन्होंने कहा कि जब लोकसभा चुनाव के दौरान इसी ईवीएम के जरिए आपको ताकत मिलती है तो आप जीत का जश्न मनाते हैं। बाद में जब चुनाव परिणाम आपके अनुकूल नहीं आ रहे हैं तो आप ईवीएम को दोषी नहीं ठहरा सकते।
उमर अब्दुल्ला के बाद टीएमसी नेता अभिषेक बनर्जी ने भी ईवीएम के मुद्दे पर कांग्रेस से किनारा कर लिया था। उन्होंने कहा कि ईवीएम पर सवाल उठाने वाले लोगों को चुनाव आयोग के पास जाना चाहिए और आयोग को डेमो के जरिए यह दिखाना चाहिए कि किस तकनीक के जरिए ईवीएम को हैक किया जा सकता है।
हालांकि उन्होंने कांग्रेस का नाम नहीं लिया मगर कांग्रेस की ओर साफ तौर पर इशारा जरूर किया। ईवीएम के मुद्दे पर कांग्रेस को घेरते हुए उन्होंने कहा कि इसे लेकर सिर्फ बयानबाजी की जा रही है और कुछ नहीं हो रहा है।