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हरियाणा के नतीजे से कांग्रेस उत्साहित, विधानसभा चुनाव के लिए दिया 70 पार का नारा,BJP की सियासी राह आसान नहीं
Haryana Politics: कांग्रेस के हौसले इसलिए भी बुलंद हो गए हैं क्योंकि 2019 के चुनाव की तुलना में इस बार कांग्रेस का वोट प्रतिशत करीब 20 फ़ीसदी बढ़ गया है।
Haryana Politics: हरियाणा के लोकसभा चुनाव के नतीजे से कांग्रेस में गजब का उत्साह दिख रहा है। भाजपा की ओर से राज्य की सभी 10 सीटों पर जीत के दावे किए जा रहे थे मगर कांग्रेस ने कड़ी चुनौती देते हुए पांच सीटों पर जीत हासिल कर ली है। कांग्रेस के हौसले इसलिए भी बुलंद हो गए हैं क्योंकि 2019 के चुनाव की तुलना में इस बार कांग्रेस का वोट प्रतिशत करीब 20 फ़ीसदी बढ़ गया है।
हरियाणा में जल्द ही विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और कांग्रेस ने इसकी तैयारियां शुरू कर दी हैं। विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस की ओर से 70 पार का नारा दिया गया है। हरियाणा के अगले विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस की कड़ी चुनौती के चलते भाजपा की सियासी राह आसान नहीं मानी जा रही है।
46 विधानसभा सीटों पर कांग्रेस को बढ़त
2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने हरियाणा की सभी 10 लोकसभा सीटों पर जीत हासिल करते हुए कांग्रेस को करारा झटका दिया था। इस बार भी चुनाव नतीजे की घोषणा से पूर्व भाजपा की स्थिति मजबूत मानी जा रही थी मगर पार्टी पांच सीटों पर ही अटक गई। पिछले लोकसभा चुनाव में अपना खाता भी न खोल पानी वाली कांग्रेस इस बार पांच सीटों पर जीत हासिल करने में कामयाब हो गई है।
कांग्रेस के लिए एक अच्छी बात यह भी है कि पार्टी ने 46 विधानसभा सीटों पर बढ़त बनाकर भाजपा को करारा झटका दिया है। यही कारण है कि आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस के रणनीतिकार काफी उत्साहित नजर आ रहे हैं और कांग्रेस की ओर से 70 पार का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
इस बार पार्टी ने दिया 70 पार का नारा
हरियाणा में विधानसभा की 90 सीटें हैं और पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा की ओर से 75 पार का नारा दिया गया था। हालांकि पार्टी सिर्फ 40 सीटों पर जीत हासिल करने में कामयाब हुई थी। भाजपा को बहुमत के आंकड़े से छह सीटें कम मिली थी मगर जननायक जनता पार्टी के 10 विधायकों और निर्दलीय विधायकों के समर्थन से भाजपा अपनी सरकार बनाने में कामयाब हुई थी।
भाजपा के 75 पार के नारे की लीक पर चलते हुए कांग्रेस ने इस बार विधानसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान से पहले ही 70 पार का नारा दे दिया है। अपने इस नारे को हकीकत में बदलने के लिए कांग्रेस ने कार्ययोजना तैयार करने के साथ उस पर काम भी शुरू कर दिया है।
कांग्रेस का वोट शेयर 20 फीसदी बढ़ा
हरियाणा के लोकसभा चुनाव में इस बार कांग्रेस का प्रदर्शन काबिले तारीफ रहा है। हालांकि पार्टी सिर्फ पांच सीटों पर जीत हासिल करने में कामयाब रही है मगर अन्य सीटों पर भी पार्टी ने भाजपा को कड़ी चुनौती दी है। कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट पर आप की ओर से प्रत्याशी उतारा गया था और भाजपा को कड़े मुकाबले के बाद इस सीट पर जीत हासिल हुई है।
कांग्रेस के लिए अच्छी खबर यह है कि हर लोकसभा क्षेत्र में कांग्रेस के वोट प्रतिशत में काफी बढ़ोतरी दर्ज की गई है। यदि 2019 से तुलना की जाए तो कांग्रेस के वोट प्रतिशत में करीब 20 फ़ीसदी की लंबी छलांग दर्ज की गई है।
राज्य की 46 विधानसभा सीटों पर कांग्रेस ने भाजपा को पीछे छोड़ दिया है। यही कारण है कि कांग्रेस के रणनीतिकार उत्साहित नजर आ रहे हैं और उनका मानना है कि यदि मेहनत की जाए तो 70 पार के नारे को हकीकत में बदला जा सकता है।
कांग्रेस ने बनाई जीत की कार्ययोजना
विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा को कड़ी चुनौती देने के लिए कांग्रेस ने अपनी कार्ययोजना भी तैयार कर ली है। कांग्रेस ने 16 जून से अगले एक महीने के दौरान प्रदेश के हर जिले में कार्यकर्ता सम्मेलन का आयोजन करने का फैसला किया है। इसके जरिए कांग्रेस कार्यकर्ताओं को एकजुट और संगठित बनाने का प्रयास किया जाएगा। जिला स्तरीय सम्मेलन का सिलसिला खत्म होने के तत्काल बाद विधानसभा स्तरीय सम्मेलनों की शुरुआत की जाएगी।
इन सम्मेलनों के जरिए पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा,उनके बेटे और सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष चौधरी उदयभान जिताऊ उम्मीदवारों की तलाश भी करेंगे। इसके साथ ही लोकसभा चुनाव में अच्छा नतीजा देने के लिए पार्टी कार्यकर्ताओं को बधाई भी दी जाएगी।
हरियाणा में विधानसभा चुनाव दो नवंबर से पूर्व प्रस्तावित है और ऐसे में राजनीतिक दलों के पास चुनाव की तैयारी के लिए अब ज्यादा वक्त नहीं बचा है। इसीलिए कांग्रेस ने अभी से ही पूरी ताकत लगाने का फैसला किया है। सियासी जानकारों का मानना है कि पार्टी की ओर से की जा रही तैयारियों से पार्टी के मजबूती के साथ उभरने की उम्मीद है।