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'कांग्रेस मुक्त भारत' बाद में, पहले केजरीवाल से निपटेगी बीजेपी, कोर टीम गठित

पार्टी ने केजरीवाल को काउंटर करने के लिए केंद्रीय मंत्रियों की एक कोर टीम बनाई है। इस चीम में रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर, खेल मंत्री विजय गोयल और वित्त मंत्री अरुण जेटली प्रमुख हैं। मनोहर पर्रिकर को गोवा में, अरुण जेटली को पंजाब में और विजय गोयल को 'आप' का गढ़ दिल्ली सौंप दिया है।

zafar
Published on: 24 Sep 2016 7:53 AM GMT
कांग्रेस मुक्त भारत बाद में, पहले केजरीवाल से निपटेगी बीजेपी, कोर टीम गठित
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नई दिल्ली: साल भर पहले भाजपा ने अपनी राष्ट्रीय कार्यकारिणी में 'कांग्रेस मुक्त भारत' के वचन को दोहराया था। लेकिन पिछले कुछ महीनों में भाजपा अपने ही वचन से भटकती दिख रही है। दरअसल यह भटकाव वक्त की मजबूरी है क्योंकि पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को लगता है कि जिस गति से आम आदमी पार्टी, पंजाब, गोवा और गुजरात में सक्रिय हो रही है, उस स्थिति में भाजपा के लिए राहुल गांधी से ज्यादा मुसीबत अब अरविन्द केजरीवाल बनते दिख रहे हैं।

मोदी-शाह ने बनाई कोर टीम

भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के निकटस्थ सूत्र के अनुसार पार्टी ने केजरीवाल को काउंटर करने के लिए केंद्रीय मंत्रियों की एक कोर टीम बनाई है। इस टीम में रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर, खेल मंत्री विजय गोयल और वित्त मंत्री अरुण जेटली प्रमुख हैं। मनोहर पर्रिकर अपने गृह राज्य गोवा में केजरीवाल की रणनीति को ध्वस्त करने में जुट गए हैं जबकि अरुण जेटली पहले से ही अकाली दल के साथ मिलकर पंजाब में 'आप' के काडर पर लगाम कस रहे हैं। इधर प्रधानमंत्री मोदी ने अपने नए मंत्री विजय गोयल को 'आप' का गढ़ दिल्ली सौंप दिया है।

खेल और युवा मामलों के स्वतन्त्र राज्य मंत्री गोयल को भाजपा में केजरीवाल 'एक्सपर्ट' माना जाता है। दिल्ली के स्थानीय नेता होने के नाते, विजय गोयल और अरविन्द केजरीवाल के बीच राजनीतिक रंजिश जगजाहिर है। सूत्रों के मुताबिक, केजरीवाल के पर कतरने के लिए गोयल ने मोदी से कहा था कि अगर उन्हें सरकार में हैसियत मिल जाए तो वह केजरीवाल से मजबूती से निपट सकते हैं। इसलिए हाल के मंत्रिमंडल विस्तार में गोयल को मोदी ने न सिर्फ शपथ दिलाई बल्कि स्वतन्त्र प्रभार भी दे डाला।

जहर के घूंट से बचना चाहते हैं मोदी

पंजाब में भाजपा शुरू से ही अकाली दल की सहयोगी की भूमिका में रही है इसलिए वहां सरकार का तख्ता पलटता है तो पार्टी को ज्यादा परेशानी नहीं होगी लेकिन गुजरात में अगर केजरीवाल ने झाड़ू लगा दी तो मोदी और शाह को जहर का घूंट पीना पड़ेगा। सम्भवत: इसलिए मोदी और शाह मिलकर गुजरात में सक्रिय हुए हैं। शाह जहां हर पखवाड़े अब अहमदाबाद में देखे जाते हैं वहीं प्रधानमंत्री मोदी ने भी दो बरस तक दूरी निभाने के बाद अपने प्रदेश में फिर पांव जमाना शुरू किया है।

हाल ही में उन्होंने गुजरात की एक रैली में कहा कि वह अब लगातार वहां आते रहेंगे। यही नहीं, मोदी ने अपनी खासम खास आनंदी बेन को कुर्सी से हटाकर विजय रूपानी जैसे भागदौड़ करने वाले नेता को मुख्यमंत्री बनाया है। लेकिन इन कोशिशों के बावजूद केजरीवाल जिस तरह गुजरात में पटेल आंदोलन को भुनाकर अब दलित और मुस्लिम कार्ड की मिलीजुली कॉकटेल बना रहे उससे शाह के होश उड़ रहे हैं। आलम यह है कि ८ सितम्बर को शाह की सूरत रैली में पटेल आंदोलनकारियों ने इतना हंगामा किया कि शाह को अब अगली सभाओं के लिए विशेष पुलिस इंतजाम करने पड़ रहे हैं।

कई कार्ड खेल रहे केजरी

गोवा में आम आदमी पार्टी चुनाव लडऩे के मूड में नहीं थी। लेकिन जब अंग्रेजी चैनल के एक बड़े एंकर पार्टी का गोवा में चेहरा बनने के लिए तैयार हुए तो केजरीवाल की आंखों में चमक आ गयी। लिहाजा दो महीने पहले केजरीवाल ने एलान किया कि 'आप' पंजाब के अलावा गोवा में भी चुनाव लड़ेगी।

सूत्रों के मुताबिक केजरीवाल ने अपने दो करीबियों, पार्टी कोषाध्यक्ष पंकज गुप्ता और दिल्ली सरकार में मंत्री सत्येंद्र जैन को चुनाव की बागडोर सौंपी है। पार्टी जहां भाजपा और कांग्रेस के भ्रष्टाचार पर हमला बोल रही है वहीं गोवा में ईसाई वोटों पर भी नजर गड़ाए हैं। 'आप' के आक्रामक प्रचार के जवाब में साफ सुथरी छवि वाले रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर को भाजपा ने गोवा की जिम्मेदारी दी है। सूत्रों के मुताबिक अगर 'आप' चुनाव आते-आते प्रभावी हुई तो पर्रिकर मुख्यमंत्री के उम्मीदवार का चेहरा भी बन सकते हैं भले ही उन्हें रक्षा मंत्री की कुर्सी कुर्बान करनी पड़े।

स्कैंडल से मैली हो सकती है चादर

भाजपा के लिए इन दिनों 'आप' में पनपी अंतर्कलह और लगातार पार्टी नेताओं के लीक होने वाले सेक्स स्कैंडल वरदान साबित हो रहे हैं। कहने वाले तो यहां तक कह रहे हैं की 'आप' के बर्खास्त मंत्री संदीप कुमार की सेक्स सीडी लीक होने के पीछे भाजपा के स्थानीय नेताओं का हाथ था। इसी तरह पंजाब में 'आप' के कुछ नेताओं पर भी महिलाओं के शोषण के गंभीर आरोप लगे हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि अरविन्द केजरीवाल को भी इस तरह के आरोप में उन्हीं के विधायक देवेंद्र सेहरावत ने लपेटा है। सेहरावत ने केजरीवाल के बारे में कहा कि वह सेक्स स्कैंडल में फंसे पार्टी नेताओं को प्रश्रय देते आए हैं। हालांकि केजरीवाल ने सेहरावत को पार्टी से सस्पेंड कर दिया लेकिन आने वाले दिनों में कोई और बड़ी सेक्स सीडी किसी और बड़े नेता की आ जाए तो 'आप' का क्या होगा? यह सवाल अब 'आप' और भाजपा के बीच मुकाबले में अहम हो रहा है।

(फोटो साभार: इंडियाटुडे,दस्टेट्समैन)

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