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Congress Rally: राहुल की दावेदारी मजबूत बनाने की कोशिश, PM मोदी पर कांग्रेस नेता का सीधा हमला
Congress Halla Bol Rally: 2024 की सियासी जंग की तैयारियां तेज है। ऐसे माहौल में कांग्रेस की हल्ला बोल रैली के जरिए राहुल गांधी ने PM नरेंद्र मोदी के खिलाफ बड़े चेहरे के रूप में स्थापित करने की कोशिश की गई।
Congress Halla Bol Rally: महंगाई के खिलाफ दिल्ली के रामलीला मैदान (Delhi Ramlila Maidan) में कांग्रेस की हल्ला बोल रैली (Halla Bol Rally) के जरिए पार्टी ने राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को बड़े चेहरे के रूप में पेश करने की कोशिश की है। कांग्रेस में नए अध्यक्ष का चुनाव 17 अक्टूबर को होने वाला है और नए अध्यक्ष को लेकर पार्टी के विभिन्न मंचों पर इन दिनों बहस छिड़ी हुई है।
इसके साथ ही 2024 की सियासी जंग में विपक्ष के चेहरे को लेकर भी सुगबुगाहट काफी तेज हो गई है। ऐसे माहौल में कांग्रेस की हल्लाबोल रैली के जरिए राहुल गांधी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ बड़े चेहरे के रूप में स्थापित करने की कोशिश की गई।
राहुल का लगातार पीएम मोदी पर निशाना
रैली में अपने संबोधन के दौरान राहुल गांधी लगातार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधने में जुटे रहे। कांग्रेस की ओर से 7 सितंबर को भारत जोड़ो यात्रा की शुरुआत होने वाली है और इस यात्रा के केंद्र बिंदु भी राहुल गांधी ही होंगे। सियासी जानकारों का मानना है कि कांग्रेस में राहुल समर्थक खेमा उन्हें एक बार फिर पार्टी का अध्यक्ष बनाने की मुहिम में तेजी लाने की कोशिश में जुट गया है। इसके साथ ही 2024 की बड़ी सियासी जंग में राहुल के लिए सियासी पिच तैयार करने की कोशिश भी की जा रही है।
PM पर राहुल का सीधा वार
रामलीला मैदान में हुई हल्ला बोल रैली की तैयारियां कई दिनों से की जा रही थीं। इस रैली में हिस्सा लेने के लिए राहुल गांधी जल्दी स्वदेश लौट आए। जबकि, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) और प्रियंका अभी विदेश दौरे से नहीं लौटे हैं। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने सोनिया, राहुल और प्रियंका के विदेश दौरे पर रवाना होते समय ही कहा था कि 'हल्ला बोल रैली' की अगुवाई राहुल गांधी ही करेंगे। महंगाई के खिलाफ हुई इस रैली में कांग्रेस के लगभग सभी वरिष्ठ नेता मौजूद थे। मगर, रैली का केंद्र बिंदु राहुल गांधी ही थे।
रैली में अपने संबोधन के दौरान राहुल गांधी ने सीधे प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधा। उन्होंने विपक्षी नेताओं के खिलाफ केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ बोलने वाले को 55 घंटे तक ईडी ऑफिस में बैठना पड़ता है। उल्लेखनीय है कि, नेशनल हेराल्ड केस (National Herald Case) में राहुल गांधी से लंबी पूछताछ की गई थी। उन्होंने इसी पूछताछ की याद दिलाते हुए पीएम मोदी पर निशाना साधा।
विपक्ष की आवाज कुचलने की कोशिश
उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी पर देश में घृणा और नफरत का माहौल पैदा करने का बड़ा आरोप भी लगाया। कांग्रेस नेता ने कहा कि भाजपा और संघ के लोग मिलकर देश में डर और घृणा का माहौल बनाने की कोशिश में जुटे हुए हैं जबकि इससे हमारे देश के दुश्मनों को ही फायदा होने वाला है। मोदी सरकार अपने खिलाफ उठने वाली आवाज को लेकर इतना भयभीत रहती है कि उसे कुचलने की साजिश रची जाती है।
कांग्रेस नेता ने कहा कि देश में ऐसा माहौल बना दिया गया है जिसमें विपक्ष का आवाज उठाना भी मुश्किल हो गया है। संसद से लेकर सड़क तक विपक्ष के साथ जोर-जबरदस्ती की जा रही है। राहुल ने रैली में अपना पुराना आरोप दोहराते हुए एक बार फिर कहा कि मोदी सरकार सिर्फ उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाने की कोशिश में ही जुटी हुई है। देश की गरीब जनता को मुश्किलों से निजात दिलाने के लिए कोई प्रयास नहीं किया जा रहा है।
एकजुट होकर लड़ाई लड़ने की अपील
उन्होंने रैली में मौजूद लोगों को उनकी ताकत का भी एहसास कराया। राहुल ने याद दिलाया कि किसानों की ताकत के आगे ही झुकते हुए मोदी सरकार को तीनों कृषि कानून वापस लेने पड़े थे। उन्होंने कहा कि महंगाई और बेरोजगारी ने लोगों का जीना मुश्किल कर दिया है। कांग्रेस के राज में कभी ऐसी महंगाई नहीं रही। देश के लोगों को इन मुश्किलों से निजात दिलाने में कांग्रेस ही सक्षम है। अगर हम एकजुट होकर लड़ाई लड़ने में सक्षम रहे तो प्रधानमंत्री को देश की आवाज सुननी ही होगी।
राहुल ने अपनी रैली की शुरुआत से पूर्व अपने ट्वीट के जरिए भी मोदी सरकार पर हमला बोला। उनका कहना था कि राजा मित्रों की कमाई में व्यस्त है और प्रजा महंगाई से त्रस्त है। हालत यह हो गई है कि लोगों को जरूरत का भी सामान खरीदने से पहले दस बार सोचना पड़ता है।
कांग्रेस अध्यक्ष की चुनाव पर निगाहें
कांग्रेस की आज हुई हल्ला बोल रैली के सियासी निहितार्थ तलाशे जा रहे हैं। सियासी जानकारों का मानना है कि इस रैली के जरिए राहुल गांधी को एक बार फिर प्रोजेक्ट करने की कोशिश की गई है। कांग्रेस का एक बड़ा खेमा राहुल गांधी को फिर पार्टी का अध्यक्ष बनाए जाने की मांग कर रहा है। नए कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का नाम भी चर्चा में है मगर गहलोत लगातार राहुल गांधी को पार्टी की कमान सौंपने की मांग कर रहे हैं।
कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव काफी दिनों से टलता रहा है। इसे लेकर कांग्रेस के असंतुष्ट खेमे जी 23 के नेता पार्टी नेतृत्व पर निशाना भी साधते रहे हैं। इस कारण कांग्रेस नेतृत्व ही अब इस मसले को ज्यादा टालने के मूड में नहीं है। 17 अक्टूबर को होने वाले चुनाव से पूर्व एक बार फिर राहुल के पक्ष में माहौल बनाने की कोशिश की जा रही है।
राहुल की दावेदारी मजबूत बनाने की कोशिश
दूसरी ओर, 2024 की सियासी जंग के लिए विपक्ष के चेहरे को लेकर भी सुगबुगाहट काफी तेज हो गई है। एनडीए से नाता तोड़कर बिहार में महागठबंधन की सरकार बनाने के बाद नीतीश कुमार भी बड़े दावेदार के रूप में उभरे हैं। उन्होंने विपक्षी दलों को एक मंच पर लाने की बात भी कही है। दूसरी और टीएमसी नेता ममता बनर्जी की वकालत करने में जुटे हुए हैं।
ऐसे में कांग्रेस की ओर से राहुल गांधी की दावेदारी को मजबूत बनाने की कोशिश की गई है। कांग्रेस की ओर से 7 सितंबर को भारत जोड़ो यात्रा का बड़ा कार्यक्रम शुरू होने वाला है। इस यात्रा के केंद्रबिंदु भी राहुल गांधी ही होंगे। इस कार्यक्रम के जरिए कांग्रेस अपनी ताकत दिखाएगी और राहुल गांधी की दावेदारी को मजबूत बनाने की कोशिश की जाएगी।