TRENDING TAGS :
सवर्णों को 10 प्रतिशत आरक्षण देने के फैसले का कांग्रेस ने किया समर्थन
कांग्रेस ने कहा कि गरीबों के हित में उठाए गए कदमों का वह हमेशा समर्थन करती है। इसके पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने मोदी कैबिनेट के इस फैसले पर सवाल उठाते हुए इसे 'चुनावी जुमलेबाजी' करार दिया। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार लोकसभा चुनावों को देखते हुए देश के युवाओं के सामने सिर्फ दिखावा कर रही है।
नई दिल्ली: मोदी सरकार द्वारा लोकसभा चुनाव के ठीक पहले सवर्णों को 10 प्रतिशत आरक्षण देने के सरकार के फैसला बड़ी राजनीतिक चाल मानी जा रही है। फिलहाल सरकार के इस फैसले का कांग्रेस ने समर्थन किया है। कांग्रेस ने कहा कि गरीबों के हित में उठाए गए कदमों का वह हमेशा समर्थन करती है।
ये भी पढ़ें— क्या सवर्णों को मिलेगा हारिजेंटल रिजर्वेशन?
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा, 'सरकार ने संसद में माना है कि देश में 24 लाख सरकारी पद रिक्त हैं। मोदी सरकार ने इन पदों को नहीं भरा है। हम नौकरियों में आरक्षण देने का समर्थन करते हैं लेकिन देश के युवा यह सवाल पूछते हैं कि उन्हें नौकरियां कब मिलेंगी।
ये भी पढ़ें— ‘सवर्ण’ आरक्षण का जश्न मना लिया हो तो, आरक्षण की पोथी भी बांच लीजिए
इसके पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने मोदी कैबिनेट के इस फैसले पर सवाल उठाते हुए इसे 'चुनावी जुमलेबाजी' करार दिया। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार लोकसभा चुनावों को देखते हुए देश के युवाओं के सामने सिर्फ दिखावा कर रही है।
अपने ट्वीट में सिंघवी ने कहा, ‘क्या आपने इस बारे में चार साल और आठ महीने तक सोचा? निश्चित तौर पर आचार संहिता लागू होने से तीन महीने पहले इस चुनावी जुमलेबाजी के बारे में सोचा गया।’ उन्होंने कहा, ‘आप जानते हैं कि आप कोटा की सीमा को 50 फीसदी से ज्यादा नहीं कर सकते। इसलिए आप यह दिखाना चाहते हैं कि आपने प्रयास किया, लेकिन नहीं हो पाया।
ये भी पढ़ें— ‘सवर्ण’ आरक्षण का जश्न मना लिया हो तो, आरक्षण की पोथी भी बांच लीजिए
वहीं राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्विट कर कहा कि, "पूरे देश के अंदर पहली सरकार हमारी थी 1998 में... हमारा EBC को 14% आरक्षण देने का प्रस्ताव था। सरकार को 10 नहीं, 14% की जो मांग थी उसके आधार पर ही फैसला करना चाहिए। संविधान में संशोधन करना चाहिए तत्काल, आरक्षण मिलना चाहिए। यह हमारी राजस्थान कांग्रेस सरकार की 20 साल पुरानी मांग थी।"