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हिमाचल और गुजरात को लेकर दुविधा में कांग्रेस, विधानसभा से पहले संगठन चुनाव बढ़ाएगा गुटबाजी

राहुल गांधी ने हिमाचल व गुजरात के पार्टी नेताओं के साथ चुनाव तैयारियों के साथ ही संगठन चुनाव को लेकर आड़े आ रही दिक्कतों पर चर्चा की। चुनाव होने जा रहे प्रदेशों में आंतरिक सांगठनिक चुनावों को अभी कैसे लंबित रखा जाए, इस बाबत कानूनी मशविरा लिया जा रहा है।

zafar
Published on: 30 May 2017 8:43 PM GMT
हिमाचल और गुजरात को लेकर दुविधा में कांग्रेस, विधानसभा से पहले संगठन चुनाव बढ़ाएगा गुटबाजी
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उमाकांत लखेड़ा

नई दिल्ली: कांग्रेस पार्टी पर एक तरफ दिसंबर तक पार्टी की चुनावी प्रकिया हर हाल में पूरी करने का दबाव है, तो दूसरी तरफ गुजरात, हिमाचल व मिजोरम में विधानसभा चुनाव को देखते हुए पार्टी के सांगठनिक चुनाव टालने का भी भारी दबाव है। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी इन तीनों प्रदेशों में चुनावी तैयारी के साथ संगठन चुनाव को लेकर भारी असमंजस में हैं।

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दो पाटों के बीच

मुश्किल यह है कि अगर चुनाव आयोग द्वारा बांधी गई समय सीमा का कड़ाई से पालन किया गया तो इन अहम प्रदेशों में न केवल पार्टी की चुनावी तैयारी प्रभावित होगी बल्कि गुटबाजी की होड़ बढ़ने से उम्मीदवारों का चयन व चुनाव प्रचार की पूरी फिजा पर ही पानी फिर सकता है। कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि राहुल गांधी ने हिमाचल व गुजरात के पार्टी नेताओं के साथ चुनाव तैयारियों के साथ ही संगठन चुनाव को लेकर आड़े आ रही दिक्कतों पर चर्चा की। चुनाव होने जा रहे प्रदेशों में आंतरिक सांगठनिक चुनावों को अभी कैसे लंबित रखा जाए, इस बाबत कानूनी मशविरा लिया जा रहा है।

ज्ञात रहे कि गुजरात, हिमाचल व मिजोरम के कांग्रेस पदाधिकारियों व प्रभारी महसचिवों ने राहुल गांधी को दो टूक कह दिया है कि संगठन चुनाव टालने ही होंगे क्योंकि विधानसभा चुनाव में पार्टी गुटबाजी व धड़ेबाजी में बंट सकती है। बता दें कि कांग्रेस के लिए नए अध्यक्ष का चुनाव इसलिए अति आवश्यक है कि सोनिया गांधी के पिछले तीन साल के कार्यकाल में दो साल की पहले ही बढ़ोतरी की जा चुकी है।

राहुल के साथ हो रही बैठक में तीनों ही राज्यों के चुनाव अधिकारियों को भी इस बैठक में शामिल होने को कहा गया है। हाल में प्रदेश रिटर्निंग अधिकारियों की भी राहुल गांधी ने बैठक बुलाई थी जिसमें चुनाव आयोग द्वारा तय की गई समय सीमा को देखते हुए सांगठनिक चुनाव प्रक्रिया की समीक्षा की गई।

आगे स्लाइड में पार्टी पर दबाव...

संगठन चुनाव में असमंजस

दो सप्ताह पूर्व कांग्रेस की केंद्रीय चुनाव समिति के अध्यक्ष मुल्लापल्ली रामचंद्रन ने प्राथमिक सदस्यों के पंजीकरण की प्रक्रिया को बंद कर पांच चरणों में होने वाले संगठन चुनावों को 7 अगस्त से आरंभ करने का फैसला किया था। इस प्रथम प्रक्रिया में बूथ स्तरीय कमेटियों का गठन व उनके अध्यक्षों का चुनाव भी शामिल था। इसके उपरांत जिला कांग्रेस कमेटियों के चुनाव जिनमें ब्लॉकों से चुने हुए प्रतिनिधि वोट डाल सकेंगे।

यह प्रक्रिया पूरी करने के लिए 5 से 15 सितंबर की समय सीमा तय थी। चुनाव समिति ने तय किया था कि कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव में भाग लेने वाले एआईसीसी सदस्यों के चुनाव भी इसी चरण में होंगे। यह भी तय किया था कि कांग्रेस की चुनाव संबंधी सभी प्रकियाएं 15 अक्टूबर तक पूरी हो जाएंगी।

कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव के लिए राहुल गांधी ही एकमात्र नाम है। इसलिए मुकाबले की कहीं कोई संभावना नहीं है लेकिन यदि ऐसी नौबत आयी तो अध्यक्ष का चुनाव देश के सभी राज्यों के मुख्यालयों पर बैलेट के गुप्त मतदान से संपन्न होगा। बाद में सभी राज्यों के मतपत्रों को दिल्ली कांग्रेस मुख्यालय में लाया जाएगा। विधिवत मतगणना के बाद ही पार्टी के निर्वाचित अध्यक्ष की घोषणा होगी।

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