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Ram Mandir: प्राण प्रतिष्ठा समारोह का न्योता ठुकराने पर घर में ही घिरी कांग्रेस, कई नेताओं ने उठाए सवाल, कुछ समर्थन में भी उतरे
Ram Mandir: कांग्रेस के नेता समारोह में शामिल होंगे या नहीं काफी समय से इसको लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई थी। केरल की मुस्लिम लीग जैसी सहयोगी पार्टी का दबाव था कि कांग्रेस जल्द से जल्द अपना स्टैंड क्लियर करे।
Ram Mandir: 22 जनवरी को होने जा रहे अयोध्या स्थित राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह का न्योता कई विपक्षी नेताओं को मिला है। जिनमें कांग्रेस के भी तीन वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे और अधीर रंजन चौधरी शामिल हैं। कांग्रेस के नेता समारोह में शामिल होंगे या नहीं काफी समय से इसको लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई थी। केरल की मुस्लिम लीग जैसी सहयोगी पार्टी का दबाव था कि कांग्रेस जल्द से जल्द अपना स्टैंड क्लियर करे।
कांग्रेस ने 22 जनवरी को अयोध्या में हो रहे प्राण प्रतिष्ठा समारोह में न शामिल होने का फैसला किया है। लेकिन अपने इस निर्णय को लेकर वो घर में ही घिरती नजर आ रही है। गुजरात के कद्दावर कांग्रेस नेता अर्जुन मोढवाडिया ने राम मंदिर के उद्घाटन समारोह का न्योता ठुकराने के आलाकमान के फैसले की आलोचना की है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को ऐसे फैसले से दूर रहना चाहिए थे।
गुजरात की पोरबंदर सीट से कांग्रेस विधायक अर्जुन मोढवाडिया ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश की ओर से जारी प्रेस रिलीज को शेयर करते हुए लिखा, भगवान श्री राम आराध्य देव हैं। यह देशवासियों की आस्था और विश्वास का विषय है। कांग्रेस को ऐसे राजनीतिक निर्णय लेने से दूर रहना चाहिए था।
एक अन्य कांग्रेस नेता और पूर्व विधायक अंबरीश डेर ने भी पार्टी आलाकमान के फैसले की आलोचना की है। उन्होंने कहा, मर्यादा पुरूषोत्तम भगवान श्री राम हमारे आराध्य देव हैं इसलिए यह स्वाभाविक है कि भारत भर में अनगिनत लोगों की आस्था इस नवनिर्मित मंदिर से जुड़ी हुई है। कांग्रेस के कुछ लोगों को उस खास तरह के बयान से दूरी बनाए रखनी चाहिए और जनभावना का दिल से सम्मान करना चाहिए।
वहीं आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कांग्रेस के इस फैसले को लेकर उन नेताओं पर निशाना साधा है, जिन्हें गांधी परिवार का करीबी माना जाता है। उन्होंने कहा कि राम मंदिर और भगवान राम सबके हैं। कांग्रेस हिंदू विरोधी पार्टी नहीं है, कांग्रेस राम विरोधी नहीं है। यह कुछ लोग हैं जिन्होंने इस तरह का फैसला कराने में भूमिका अदा की है। इस फैसले से पार्टी के कई कार्यकर्ताओं का दिल टूटा है। निमंत्रण को स्वीकार ना करना बेहद दुखद और पीड़ादायक है।
राम की भक्ति में डूबा कमलनाथ परिवार
एक तरफ जहां कांग्रेस आलाकमान ने राम मंदिर उद्घाटन समारोह से कन्नी काट ली है। वहीं, पार्टी के कुछ नेता 22 जनवरी को लेकर विशेष तैयारियों में जुटे हैं। इनमें सबसे प्रमुख नाम गांधी परिवार के करीबी माने जाने वाले मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ का है। उनका पूरा परिवार इन दिनों राम की भक्ति में डुबा हुआ है। कमलनाथ के बेटे और छिंदवाड़ा से कांग्रेस सांसद नकुलनाथ ने एक वीडियो शेयर किया है, जिसमें दोनों पिता-पुत्र ‘राम’ शब्द लिखते नजर आ रहे हैं। इस पोस्ट में लिखा है - 4 करोड़ 31 लाख राम नाम लिखकर छिंदवाड़ा इतिहास रचने जा रहा है । आज उसी क्रम में पूर्व मुख्यमंत्री आदरणीय कमलनाथ जी के साथ सिमरिया हनुमान मंदिर पहुँचकर पत्रक में राम नाम लिखा। आप सभी से अपील करता हूँ कि इस ऐतिहासिक कार्य में शामिल होकर पुण्य लाभ अर्जित करें । राम राम ।
दिग्विजय समेत कुछ नेताओं ने किया समर्थन
कांग्रेस पार्टी में कई नेता ऐसे भी हैं, जो प्राण प्रतिष्ठा समारोह का न्योता अस्वीकार करने के आलाकमान के फैसले के साथ हैं। मध्य प्रदेश से ही आने वाले पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने कहा कि राम मंदिर हमारे जैसे लोगों के चंदे पर बन रहा है। हमें इस बात पर आपत्ति है कि शंकराचार्य को क्यों अपमानित किया जा रहा है। राम मंदिर पर विहिन का क्या अधिकार है ?
राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय पर हमला बोलते हुए दिग्गी राजा ने कहा कि उन्होंने जमीन का घोटाला किया है। राम मंदिर का प्रमुख ऐसे शख्स को बनाया गया है जो धर्म का अपमान कर रहा है। हिंदू नेताओं और धर्म को बांट रहा है। पहले धर्म के नाम पर हिंदू-मुसलमानों को बांटा। अब भगवान राम को बांटने की कोशिश कर रहे हैं। बीजेपी, संघ और विहिप आज अंग्रेजों की फूट डालो और राज करो की नीति चला रही है।
कांग्रेस के दलित नेता उदित राज ने कहा कि यह एक अच्छा फैसला इसमें किसी को नहीं जाना चाहिए। यह आरएसएस और वीएचपी का कार्यक्रम है और बीजेपी इसका राजनीतिक फायदा लेने की कोशिश कर रही है। कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा कि बीजेपी इसे चुनाव प्रचार का जरिया बना रही है।
देश की जनता कांग्रेस को बॉयकॉट करेगी – अनुराग ठाकुर
प्राण प्रतिष्ठा समारोह का न्योता अस्वीकार करने को लेकर बीजेपी ने कांग्रेस पर हमला बोला है। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस ने कुछ नया नहीं किया है। वे हमेशा से भगवान राम का विरोध करते आए हैं और सनातन का अपमान करने की कोशिश करते रहे हैं। उन्होंने कई मौकों पर भगवान राम के अस्तित्व को भी नकारा है। अगर उन्होंने राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह का बॉयकॉट करने का फैसला लिया है तो देश की जनता आगामी लोकसभा चुनाव में उनका बॉयकॉट करेगी।
कांग्रेस ने मंदिर का बताया था बीजेपी का राजनीतिक प्रोजेक्ट
कांग्रेस के मीडिया प्रभारी जयराम रमेश ने बुधवार शाम को आधिकारिक स्टेटमेंट जारी कर बताया कि पूर्व कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी, लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी और राज्यसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे 22 जनवरी को अयोध्या में हो रहे प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शिरकत नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि हमारे देश में लाखों लोग भगवान राम की पूजा करते हैं। धर्म एक निजी मामला है, लेकिन बीजेपी और आरएसएस ने लंबे समय से अयोध्या में मंदिर को राजनीतिक प्रोजेक्ट बना दिया है।
बीजेपी और आरएसएस के नेताओं द्वारा अधूरे मंदिर का उद्घाटन स्पष्ट रूप से चुनावी लाभ के लिए किया जा रहा है। 2019 के सुप्रीम कोर्ट के फैसले का पालन करते हुए और भगवान राम का सम्मान करने वाले लाखों लोगों की भावनाओं का सम्मान करते हुए मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी और अधीर रंजन चौधरी ने स्पष्ट रूप से आरएसएस/बीजेपी के कार्यक्रम के निमंत्रण को सम्मानपूर्वक अस्वीकार कर दिया है।
बता दें कि इससे पहले सीपीएम नेता सीताराम येचुरी भी न्योते को ठुकरा चुके हैं। वहीं, सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने यह कहते हैं प्राण प्रतिष्ठा समारोह का निमंत्रण स्वीकार करने से मना कर दिया कि वो वीएचपी नेता आलोक कुमार को नहीं जानते हैं। जिनको हम नहीं जानते हैं, उनको न न्योता हम देते हैं और न लेते हैं।