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Modi Surname: राहुल गांधी की याचिका पर SC में सुनवाई कल, कांग्रेस नेता की दलील-'...तो लोकतंत्र के लिए सही नहीं होगा'
Rahul Gandhi Defamation Case: राहुल गांधी ने मोदी सरनेम से जुड़े मानहानि केस में सुप्रीम कोर्ट को दी याचिका में कहा है कि, ऐसा नहीं हुआ तो लोकतंत्र के लिए सही नहीं होगा।
Rahul Gandhi Defamation Case: कांग्रेस नेता राहुल गांधी के 'मोदी सरनेम' से जुड़े मानहानि मामले की सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुक्रवार (21 जुलाई) को होगी। राहुल की याचिका पर सुनवाई दो जजों की बेंच करेगी, जिसमें जस्टिस बीआर गवई (Justice BR Gavai) और जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा (Justice Prashant Kumar Mishra) होंगे। राहुल गांधी ने गुजरात हाई कोर्ट के उस फैसले को शीर्ष अदालत में चुनौती दी है, जिसमें दोषसिद्धि (2 साल की सजा) पर रोक लगाए जाने का अनुरोध करने वाली उनकी याचिका खारिज कर दी गई थी।
कानून से जुड़े मामलों की साइट 'लाइव लॉ' के अनुसार, राहुल गांधी (Rahul Gandhi Modi Surname) की ओर से पिछली बार पेश हुए वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी (Abhishek Manu Singhvi) ने याचिका को 21 या 24 जुलाई को सूचीबद्ध किए जाने का अनुरोध किया था। जिसके बाद मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ (CJI DY Chandrachud), जस्टिस पी एस नरसिम्हा (Justice P S Narasimha) और जस्टिस मनोज मिश्रा (Justice Manoj Mishra) की पीठ याचिका पर सुनवाई के लिए सहमत हो गई थी। तब पीठ ने कहा था कि, 21 जुलाई को मामले पर सुनवाई होगी।
कानून से जुड़े मामलों की साइट 'लाइव लॉ' के अनुसार, राहुल गांधी (Rahul Gandhi Modi Surname) की ओर से पिछली बार पेश हुए वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी (Abhishek Manu Singhvi) ने याचिका को 21 या 24 जुलाई को सूचीबद्ध किए जाने का अनुरोध किया था। जिसके बाद मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ (CJI DY Chandrachud), जस्टिस पी एस नरसिम्हा (Justice P S Narasimha) और जस्टिस मनोज मिश्रा (Justice Manoj Mishra) की पीठ याचिका पर सुनवाई के लिए सहमत हो गई थी। तब पीठ ने कहा था कि, 21 जुलाई को मामले पर सुनवाई होगी।
राहुल गांधी की तरफ से क्या दलील दी गई?
मोदी सरनेम मामले में राहुल गांधी ने 15 जुलाई को सर्वोच्च न्यायालय में दायर अपनी याचिका में कहा था कि, 'यदि आदेश पर रोक नहीं लगाई गई तो इससे स्वतंत्र भाषण, स्वतंत्र अभिव्यक्ति, स्वतंत्र विचार तथा स्वतंत्र वक्तव्य का दम घुट जाएगा।' राहुल ने अपनी याचिका में कहा है कि, 'यदि होई कोर्ट के फैसले पर रोक नहीं लगाई गई तो यह लोकतांत्रिक संस्थाओं (Democratic Institutions) को व्यवस्थित तरीके से, बार-बार कमजोर करेगा। परिणाम स्वरूप लोकतंत्र का दम घुट जाएगा। उन्होंने कहा, अगर ऐसा होता है तो ये भारत के राजनीतिक माहौल और भविष्य के लिए गंभीर रूप से हानिकारक होगा।'
क्या है मोदी सरनेम केस?
ये मामला 2019 लोकसभा चुनाव के समय का है। राहुल गांधी 13 अप्रैल को कर्नाटक के कोलार में एक चुनावी जनसभा को संबोधित कर रहे थे। रैली के दौरान उन्होंने टिप्पणी की थी कि, 'सभी चोरों का सरनेम मोदी ही क्यों होता है?' इस टिप्पणी के विवाद बवाल मचा। गुजरात सरकार में पूर्व मंत्री और बीजेपी नेता पूर्णेश मोदी (BJP Leader Purnesh Modi) ने उनके खिलाफ आपराधिक मानहानि का मामला दर्ज कराया था।
23 मार्च को सुनाई थी 2 साल की याचिका
इस मामले में सूरत की मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट की अदालत ने 23 मार्च 2023 को राहुल गांधी को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धाराओं 499 और 500 (आपराधिक मानहानि) के तहत दोषी ठहराया था। अदालत ने उन्हें दो साल जेल की सजा सुनाई थी। कांग्रेस नेता ने इसके खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दी थी। वहां से भी ख़ारिज होने के बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया।
मोदी सरनेम मामले में राहुल गांधी ने 15 जुलाई को सर्वोच्च न्यायालय में दायर अपनी याचिका में कहा था कि, 'यदि आदेश पर रोक नहीं लगाई गई तो इससे स्वतंत्र भाषण, स्वतंत्र अभिव्यक्ति, स्वतंत्र विचार तथा स्वतंत्र वक्तव्य का दम घुट जाएगा।' राहुल ने अपनी याचिका में कहा है कि, 'यदि होई कोर्ट के फैसले पर रोक नहीं लगाई गई तो यह लोकतांत्रिक संस्थाओं (Democratic Institutions) को व्यवस्थित तरीके से, बार-बार कमजोर करेगा। परिणाम स्वरूप लोकतंत्र का दम घुट जाएगा। उन्होंने कहा, अगर ऐसा होता है तो ये भारत के राजनीतिक माहौल और भविष्य के लिए गंभीर रूप से हानिकारक होगा।'
क्या है मोदी सरनेम केस?
ये मामला 2019 लोकसभा चुनाव के समय का है। राहुल गांधी 13 अप्रैल को कर्नाटक के कोलार में एक चुनावी जनसभा को संबोधित कर रहे थे। रैली के दौरान उन्होंने टिप्पणी की थी कि, 'सभी चोरों का सरनेम मोदी ही क्यों होता है?' इस टिप्पणी के विवाद बवाल मचा। गुजरात सरकार में पूर्व मंत्री और बीजेपी नेता पूर्णेश मोदी (BJP Leader Purnesh Modi) ने उनके खिलाफ आपराधिक मानहानि का मामला दर्ज कराया था।
23 मार्च को सुनाई थी 2 साल की याचिका
इस मामले में सूरत की मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट की अदालत ने 23 मार्च 2023 को राहुल गांधी को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धाराओं 499 और 500 (आपराधिक मानहानि) के तहत दोषी ठहराया था। अदालत ने उन्हें दो साल जेल की सजा सुनाई थी। कांग्रेस नेता ने इसके खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दी थी। वहां से भी ख़ारिज होने के बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया।
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