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Rahul Gandhi Savarkar Raw: सावरकर पर राहुल की टिप्पणी से गठबंधन में घमासान, उद्धव को बयान मंजूर नहीं
Rahul Gandhi Savarkar Raw: गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान भी राहुल गांधी ने वीर सावरकर पर हमला बोला। उनका कहना था कि वीर सावरकर को अंग्रेजों का एजेंट बताया था।
Rahul Gandhi Savarkar Raw: राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के भारत जोड़ो यात्रा (Bharat Jodo Yatra) इन दिनों महाराष्ट्र में है और इस दौरान वीर सावरकर पर राहुल गांधी की टिप्पणी से महाविकास अघाड़ी गठबंधन (Mahavikas Aghadi Alliance) में ही घमासान छिड़ता दिख रहा है। वीर सावरकर (Veer Savarkar) पर हमेशा हमलावर रुख अपनाने वाले राहुल गांधी ने जनजातीय दिवस के मौके पर बिरसा मुंडा (Birsa Munda) की प्रशंसा करते हुए वीर सावरकर को अंग्रेजों का एजेंट बताया था। गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान राहुल गांधी ने कहा कि सावरकर ने अंग्रेजों को चिट्ठी लिखकर कहा था कि सर मैं आपका नौकर बने रहना चाहता हूं। उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान अंग्रेजों को लिखी सावरकर की चिट्ठी भी दिखाई।
मेरी पार्टी वीर सावरकर का बहुत सम्मान करती है: उद्धव ठाकरे
दूसरी और महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी गठबंधन में शामिल कांग्रेस के सहयोगी दल शिवसेना उद्धव गुट ने राहुल गांधी की इस टिप्पणी को ठुकरा दिया है। पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने खुलकर कहा है कि मेरी पार्टी वीर सावरकर का बहुत सम्मान करती है और हमें स्वतंत्रता सेनानी सावरकर पर राहुल गांधी की यह टिप्पणी स्वीकार नहीं है। एनसीपी नेताओं ने भी इस टिप्पणी का समर्थन करने की जगह चुप्पी साध ली है। दूसरी ओर भाजपा और शिंदे गुट ने राहुल गांधी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
सावरकर पर राहुल का तीखा हमला
भारत जोड़ो यात्रा के महाराष्ट्र प्रवास के दौरान राहुल गांधी वीर सावरकर पर हमलावर दिख रहे हैं। जनजातीय दिवस के मौके पर उन्होंने बिरसा मुंडा से वीर सावरकर की तुलना करते हुए उन्हें अंग्रेजों का एजेंट बताया था। राहुल का कहना था कि 24 साल के बिरसा मुंडा ने अंग्रेजों का सामना किया और तनिक भी पीछे नहीं हटे। दूसरी ओर सावरकर ने अंडमान जेल में बंद किए जाने पर अंग्रेजों को चिट्ठी लिखनी शुरू कर दी। सावरकर ने चिट्ठी में लिखा कि जो चाहे वह ले लो मगर हमें माफ कर दो। बस किसी तरह मुझे जेल से बाहर निकाल दो।
गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान भी राहुल गांधी ने वीर सावरकर पर हमला बोला। उनका कहना था कि सावरकर ने अंग्रेजों को चिट्ठी लिखी थी कि सर, मैं आपका नौकर रहना चाहता हूं। उन्होंने चिट्ठी दिखाते हुए कहा कि यह मेरे लिए सबसे जरूरी डॉक्यूमेंट है। उन्होंने सावरकर पर गांधी, नेहरू और पटेल के साथ धोखा करने का आरोप भी लगाया। उन्होंने कहा कि देवेंद्र फडणवीस जी चाहें तो इस पत्र को पढ़ सकते हैं। उन्होंने सावरकर पर अंग्रेजों की मदद का आरोप भी लगाया।
उद्धव ने राहुल का बयान ठुकराया
राहुल की सावरकर पर इन टिप्पणियों को लेकर महाराष्ट्र के महाविकास अघाड़ी गठबंधन में ही मतभेद के स्वर उभर आए हैं। महाराष्ट्र में कांग्रेस के सहयोगी दल शिवसेना (उद्धव गुट) के नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने राहुल गांधी की इस टिप्पणी से दूरी बना ली है। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि हमारी पार्टी वीर सावरकर का बहुत सम्मान करती है और हमें सावरकर के खिलाफ ऐसी टिप्पणी मंजूर नहीं है।
ठाकरे ने कहा कि सावरकर के प्रति हमारे मन में सम्मान और विश्वास की जो भावना है, उसे कभी मिटाया नहीं जा सकता। उन्होंने वीर सावरकर को भारत रत्न न दिए जाने का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को यह बताना चाहिए कि अभी तक वीर सावरकर को भारत रत्न क्यों नहीं दिया गया।
महाराष्ट्र में कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ीं
जानकारों का कहना है कि महाराष्ट्र के रहने वाले वीर सावरकर को प्रदेश का एक बड़ा तबका मराठी अस्मिता से जोड़कर देखता रहा है। वीर सावरकर के खिलाफ की गई टिप्पणियों को लेकर महाराष्ट्र के कांग्रेस नेता भी हमेशा चुप्पी साधे रहते हैं। सियासी जानकारों का मानना है कि वीर सावरकर के खिलाफ की गई टिप्पणियों को मराठी अस्मिता के खिलाफ माना जाता है।
महाराष्ट्र के मराठी समाज में शिवाजी, बाल गंगाधर तिलक और वीर सावरकर की नायकों जैसी मान्यता रही है। ऐसे में सियासी दलों के नेता उन पर कोई भी प्रतिकूल टिप्पणी करने से बचते रहे हैं। ऐसे में महाराष्ट्र के धरती पर वीर सावरकर पर हमला बोलकर राहुल कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ाते हुए दिख रहे हैं।
फडणवीस और शिंदे गुट का तीखा जवाब
सावरकर के खिलाफ राहुल गांधी की टिप्पणियों पर महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस और शिंदे गुट ने भी तीखा विरोध जताया है। फडणवीस ने राहुल के बयान का विरोध करते हुए कहा कि महाराष्ट्र के लोग इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे। निर्लज्जता की हदें पार करने वालों को महाराष्ट्र की जनता जवाब देगी।
शिंदै गुट ने भी राहुल गांधी के बयान को पूरी तरह गलत बताया है। महाविकास अघाड़ी गठबंधन में शामिल शिवसेना और एनसीपी दोनों दल हमेशा मराठी अस्मिता की बात करते रहे हैं। ऐसे में इन दोनों दलों के लिए भी राहुल के बयान ने असहज स्थिति पैदा कर दी है।