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संसद में फिर GST को लेकर संग्राम के आसार, कांग्रेस करेगी नए टैक्स स्लैब का विरोध
नई दिल्लीः संसद के 16 नवंबर से होने वाले विंटर सेशन के दौरान फिर मोदी सरकार और कांग्रेस के बीच संग्राम के आसार दिख रहे हैं। इस बार भी मामला जीएसटी का है। कांग्रेस ने जीएसटी के कर ढांचे को चार हिस्सों में बांटने के मोदी सरकार के प्रस्ताव का जोरदार विरोध करने का फैसला किया है। ऐसे में संसद की कार्यवाही न चलने के संकेत मिल रहे हैं।
फिर फंसेगा जीएसटी?
ज्यादातर राज्यों ने जीएसटी का अनुमोदन कर दिया है। अब मोदी सरकार को टैक्स स्लैब और दूसरे प्रावधानों को संसद के दोनों सदनों में मंजूरी दिलानी है। इसके बाद ही जीएसटी लागू हो सकेगा। कई विपक्ष शासित राज्यों ने मांग की है कि शराब, पेट्रोलियम पदार्थ और तंबाकू जैसे उत्पादों पर वे भी कर लगा सकें, ताकि आय पर असर न हो। मोदी सरकार अभी इसे मानती नहीं दिख रही है। इसे ही कांग्रेस विरोध का मुद्दा मुख्यतौर पर बनाएगी।
कांग्रेस ने क्या कहा?
कांग्रेस के नेता अभिषेक मनु सिंघवी के मुताबिक मोदी सरकार ने टैक्स के जो चार स्लैब तय किए हैं, उनका कांग्रेस पुरजोर विरोध करेगी। कांग्रेस लगातार टैक्स की ऊपरी सीमा 18 फीसदी रखने की मांग करती रही है। वहीं, मोदी सरकार टैक्स स्लैब को छह से 26 फीसदी तक रखने की कोशिश कर रही है। कांग्रेस की मांग आंशिक तौर पर मानने के बाद भी पार्टी नाराज है। उसका कहना है कि ऊपरी सीमा बढ़ाने से आम आदमी को फायदा नहीं होगा।
क्या करेगी कांग्रेस?
कांग्रेस के सूत्रों के मुताबिक जीएसटी स्लैब में मनमानी पर विपक्षी राज्य सरकारों और केंद्र के कुछ दलों से बातचीत की जाएगी। ये दल मानसून सेशन में जीएसटी पास कराने में मोदी सरकार के साथ थे। इसके अलावा पार्टी सर्जिकल स्ट्राइक और बीजेपी शासित राज्यों में आर्थिक घपलों का मुद्दा भी उठाएगी।