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कांग्रेस ने बुजुर्ग नेताओं को किनारे करने का फैसला टाला, 2024 में सियासी नुकसान की आशंका

कांग्रेस (Congress) में पार्टी के नेताओं की रिटायरमेंट की आयु (retirement age) तय करने का फैसला फिलहाल टाल दिया है।

Anshuman Tiwari
Written By Anshuman TiwariPublished By Shashi kant gautam
Published on: 17 May 2022 7:45 PM IST
Congress postpones decision to sideline elderly leaders, fears of political loss in 2024
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 कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी- राहुल गांधी: Photo - Social Media

New Delhi: कांग्रेस (Congress) में पार्टी के नेताओं की रिटायरमेंट की आयु (retirement age) तय करने का फैसला फिलहाल टाल दिया है। माना जा रहा है कि पार्टी में उम्रदराज नेताओं की भरमार और कई राज्यों में पार्टी के प्रमुख चेहरों के अधिक उम्र का होने के कारण इस फैसले को टाला गया है। कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि पार्टी में नेताओं की रिटायरमेंट उम्र की सीमा अभी फिलहाल नहीं तय की जाएगी। इसके पीछे 2024 में होने वाले लोकसभा चुनावों (Lok Sabha Elections 2024) को बड़ा कारण माना जा रहा है।

पंजाब कांग्रेस (Punjab Congress) के अध्यक्ष और युवा कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष रह चुके अमरिंदर सिंह बराड़ की अगुवाई में गठित समिति ने कांग्रेस नेताओं के रिटायरमेंट की उम्र 65 वर्ष रखने की सिफारिश की थी मगर पार्टी ने इसे अभी लागू न करने का फैसला किया है। 2024 में होने वाले लोकसभा चुनावों मैं सियासी नुकसान की आशंका से इस प्रस्ताव को फिलहाल ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है।

पार्टी के अधिकांश प्रमुख नेता अधिक उम्र वाले

उदयपुर में हाल में हुए पार्टी के चिंतन शिविर (Chintan Sivir) के दौरान पार्टी से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर गहराई से मंथन किया गया था। इस दौरान पार्टी में युवाओं को ज्यादा महत्व देने और पार्टी के नेताओं के लिए रिटायरमेंट उम्र तय किए जाने का मुद्दा भी प्रमुखता से उठा था। बराड़ की अगुवाई वाली समिति ने नेताओं की रिटायरमेंट उम्र 65 वर्ष करने की सिफारिश की थी। पार्टी की अध्यक्ष सोनिया गांधी (Party President Sonia Gandhi) ने भी इस प्रस्ताव पर सहमति जताई थी मगर पार्टी ने इसे तत्काल लागू करने का फैसला टाल दिया है।

चिंतन शिविर के दौरान कई प्रस्तावों पर सहमति बन गई मगर पार्टी के नेताओं की रिटायरमेंट उम्र को लेकर अंत तक हंगामा मचा रहा। कांग्रेस से जुड़े सूत्रों का कहना है कि पार्टी के अधिकांश बड़े नेता 65 साल से ज्यादा उम्र के हैं। ऐसे में इन नेताओं को अपना सियासी भविष्य संकट में फंसता नजर आ रहा था। माना जा रहा है कि बुजुर्ग नेताओं के दबाव की वजह से ही फिलहाल इसे लागू न करने का फैसला किया गया है।

इन नेताओं पर लटक जाती तलवार

यदि मौजूदा समय में कांग्रेस के प्रमुख चेहरों को देखा जाए तो अधिकांश प्रमुख नेता 65 वर्ष की आयु से ऊपर के हैं। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी (Congress President Sonia Gandhi) खुद 76 साल की हो चुकी है जबकि राज्यसभा में पार्टी के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे 79 साल के हैं। पार्टी के कई अन्य प्रमुख नेता भी 65 साल से अधिक आयु के हैं। इन नेताओं में पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम, गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा, अंबिका सोनी और दिग्विजय सिंह के नाम शामिल हैं।

पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम, गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा, अंबिका सोनी और दिग्विजय सिंह: Photo - Social Media

इन नेताओं के अलावा विभिन्न राज्यों में कांग्रेस के प्रमुख चेहरे भी अधिक आयु वाले नेता ही हैं। मध्य प्रदेश में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ, राजस्थान में अशोक गहलोत, हरियाणा में भूपेंद्र सिंह हुड्डा और हिमाचल प्रदेश में प्रतिभा वीरभद्र सिंह की गिनती भी बुजुर्ग नेताओं में ही होती है। इन नेताओं को किनारे करने पर पार्टी को सियासी नुकसान की आशंका जता रही है। इसी कारण 65 वर्ष से अधिक आयु वाले नेताओं को रिटायर करने की योजना को फिलहाल ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है।

संगठन में युवा चेहरों को मिलेगा महत्व

कांग्रेस कार्यसमिति (Congress Working Committee) का मानना है कि मौजूदा समय में इस फैसले को जल्दबाजी में लागू करना उचित नहीं होगा। इस फैसले से विभिन्न राज्यों में पार्टी का मजबूती से नेतृत्व कर रहे कई नेता भी किनारे हो जाएंगे जिससे पार्टी को नुकसान उठाना पड़ सकता है। इसलिए इस प्रस्ताव को लागू करने का फैसला 2024 तक टालने पर सहमति बनी है।

2024 के चुनावों के बाद इस प्रस्ताव को धीरे धीरे लागू किया जाएगा। बैठक में 50 वर्ष से कम आयु वाले नेताओं को संगठन में 50 फ़ीसदी जिम्मेदारी देने के फैसले पर सहमति जताई गई। माना जा रहा है कि इस दिशा में जल्द ही पार्टी नेतृत्व की ओर से कदम उठाया जाएगा।



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