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Delhi News: दिल्ली की हार के बाद कांग्रेस में बड़े फेरबदल की तैयारी, संगठन को मजबूत बनाने की रणनीति तैयार

Congress News: हरियाणा और महाराष्ट्र के बाद अब दिल्ली में पार्टी को करारी हार का सामना करना पड़ा है। लगातार मिल रही शिकस्त से सबक लेते हुए पार्टी में अब बड़े फेरबदल की तैयारी है

Anshuman Tiwari
Written By Anshuman Tiwari
Published on: 13 Feb 2025 7:56 PM IST
Delhi Election 2025, Congress
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Congress preparations for reshuffle After loss delhi election 2025 (Photo: Social Media)

Delhi News: देश के विभिन्न राज्यों के चुनाव में लगातार मिल रही हार से कांग्रेस में हड़कंप मचा हुआ है। हरियाणा और महाराष्ट्र के बाद अब दिल्ली में पार्टी को करारी हार का सामना करना पड़ा है। लगातार मिल रही शिकस्त से सबक लेते हुए पार्टी में अब बड़े फेरबदल की तैयारी है। माना जा रहा है कि संगठन को मजबूत बनाने के लिए इस महीने के अंत तक पार्टी में कई बदलाव किए जाएंगे।

जानकार सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस में लोकसभा चुनाव के बाद ही संगठन स्तर पर बदलाव होने थे मगर राज्यों के चुनाव के कारण इसे टाल दिया गया था। दिल्ली के विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद पार्टी का नेतृत्व इसमें अब विलंब करने के मूड में नहीं है। फेरबदल के जरिए संगठन को मजबूत बनाने के लिए रणनीति तैयार कर ली गई है। अब इस पर जल्द ही अमल करने की तैयारी है।

राहुल गांधी और खड़गे की बातचीत में बनी रणनीति

हाल में आए दिल्ली विधानसभा के चुनाव नतीजे कांग्रेस के लिए काफी निराशाजनक रहे हैं। लगातार तीसरे विधानसभा चुनाव में पार्टी अपना खाता खोलने में विफल साबित हुई है और पार्टी ने जीरो की हैट्रिक लगा दी है। ऐसे में संगठन में बड़ा बदलाव करने की कवायद शुरू कर दी गई है। सूत्रों का कहना है कि संगठन में बदलाव के लिए कांग्रेस नेता राहुल गांधी और पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बीच कई दौर की बातचीत हुई है।

दोनों नेताओं के बीच चर्चा में पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल भी शामिल रहे हैं। कांग्रेस को मजबूत बनाने के लिए अब संगठन में ढांचागत बदलाव भी किया जा सकता है। सूत्रों के मुताबिक संगठन महासचिव के काम को तीन हिस्सों में बांटा जा सकता है। तीनों हिस्सों के लिए अलग-अलग नेताओं को जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। वेणुगोपाल को राहुल गांधी का करीबी माना जाता है मगर इस कदम से उनकी ताकत घटेगी।

नए महासचिवों और प्रभारियों की होगी तैनाती

संगठन को मजबूत बनाने के लिए पार्टी में आधा दर्जन नए महासचिवों की नियुक्ति की जा सकती है। कुछ महासचिवों की छुट्टी के साथ ही कुछ के प्रभार वाले राज्यों में भी बदलाव किया जाएगा। राजस्थान, हरियाणा, तेलंगाना,बिहार, असम और पंजाब के प्रभारी बदले जा सकते हैं। इसके साथ ही कम से कम आठ राज्यों में प्रदेश अध्यक्ष बदलने की भी तैयारी है। ओडिशा में बदलाव के साथ इसकी शुरुआत भी की जा चुकी है।

कर्नाटक में डीके शिवकुमार ने डिप्टी सीएम पद के साथ ही अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी भी संभाल रखी है। यहां पर नए अध्यक्ष की नियुक्ति की जा सकती है। असम में गौरव गोगोई को कमान सौंपी जा सकती है। हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, महाराष्ट्र और तमिलनाडु में नए प्रदेश अध्यक्षों की तैनाती की तैयारी है। गुलाम अहमद मीर से झारखंड का प्रभार वापस लिया जा सकता है।

प्रियंका गांधी की भी बदलेगी भूमिका

मौजूदा समय में प्रियंका गांधी पार्टी के महासचिव के रूप में कार्य कर रही हैं मगर उनके पास किसी राज्य की जिम्मेदारी नहीं है। ऐसे में माना जा रहा है कि प्रियंका गांधी को किसी बड़े राज्य का प्रभार सौंपा जा सकता है। श्रीनिवास बीवी, अजय कुमार लल्लू, परगट सिंह, जिग्नेश मेवानी, मीनाक्षी नटराजन, बीके हरिप्रसाद और गणेश गोदियाल जैसे नेताओं को भी संगठन में जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है।

राहुल गांधी का करीबी होने के कारण वेणुगोपाल को काफी मजबूत माना जाता है मगर हाल ही में उन्हें संसद की लोकलेखा समिति का अध्यक्ष बना दिया गया है। ऐसे में उन्हें भी बदले जाने की चर्चाएं सुनी जा रही हैं। उनकी जगह प्रियंका गांधी, अशोक गहलोत,भूपेश बघेल और रणदीप सुरजेवाला में किसी एक को जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है। वैसे इस बारे में आखिरी फैसला राहुल गांधी को ही करना है। जानकारों का कहना है कि दिल्ली की हार के बाद पार्टी में गहराई से मंथन चल रहा है और जल्दी ही बड़े कदम उठाए जाएंगे।



Ragini Sinha

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