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Congress President Election: थरूर चाहते हैं पार्टी में बदलाव, खड़गे के मनाने पर भी चुनाव से हटने को तैयार नहीं
Congress President Election: अध्यक्ष पद के लिए नाम वापसी की संभावनाएं अभी बची हुई हैं मगर थरूर चुनाव लड़ने कि अपनी सोच पर डटे हुए हैं।
Congress President Election: अध्यक्ष पद के चुनाव को लेकर कांग्रेस में इन दिनों गतिविधियां काफी तेज हो गई है। पार्टी में अध्यक्ष पद के दोनों उम्मीदवार मल्लिकार्जुन खड़गे और शशि थरूर पार्टी को मजबूत बनाने की अपनी रणनीति बताने में जुटे हुए हैं। थरूर पार्टी में बदलाव लाने की वकालत कर रहे हैं और उनका कहना है कि बदलाव चाहने वाले कार्यकर्ताओं के कहने पर ही वे चुनाव मैदान में उतरे हैं। दूसरी ओर खड़गे ने खुद के पार्टी का आधिकारिक प्रत्याशी होने की धारणा को खारिज करते हुए कहा है कि वे पार्टी को मजबूत बनाने और पार्टी की विचारधारा को और आगे ले जाने की सोच के साथ अध्यक्ष पद के चुनावी अखाड़े में कूदे हैं।
अध्यक्ष पद के लिए नाम वापसी की संभावनाएं अभी बची हुई हैं मगर थरूर चुनाव लड़ने कि अपनी सोच पर डटे हुए हैं। पार्टी में आम सहमति से अध्यक्ष चुने जाने की बात को लेकर खड़गे ने खुद थरूर से चर्चा की थी मगर वे चुनाव मैदान से हटने के लिए तैयार नहीं हुए। इस बात का खुलासा खुद खड़गे ने मीडिया से बातचीत के दौरान किया है।
थरूर कर रहे पार्टी में बदलाव की वकालत
थरूर का कहना है कि वे कांग्रेस में बदलाव लाने के लिए चुनाव मैदान में उतरे हैं। उन्होंने कहा कि खड़गे जैसे शीर्ष नेता पार्टी में कोई बदलाव नहीं ला सकते। उनके अध्यक्ष बनने की स्थिति में पार्टी में मौजूदा व्यवस्था ही जारी रहेगी। उन्होंने पार्टी को मजबूत बनाने की रणनीति के मुद्दे पर खड़के को सार्वजनिक बहस की चुनौती भी दे डाली है।
हालांकि खड़गे ने थरूर की चुनौती का संयमित भाषा में जवाब देते हुए कहा कि यह समय आपसी वाद-विवाद का नहीं बल्कि देश बचाने का है। हमें एकजुट होकर भाजपा की चुनौतियों का मुकाबला करना है। थरूर ने कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव को लेकर कहा कि यह चुनाव युद्ध नहीं है, लेकिन मैं युवा कार्यकर्ताओं की आवाज बनने का इच्छुक हूं। अगर पार्टी में बदलाव नहीं होगा तो हम आगे कैसे बढ़ सकेंगे। उन्होंने कहा कि खड़गे के अध्यक्ष बनने पर पार्टी में यथास्थिति बनी रहेगी।
थरूर चुनाव मैदान से हटने को तैयार नहीं
दूसरी ओर खड़गे का यह भी कहना है कि वे पार्टी में आम सहमति से अध्यक्ष चुने जाने के पक्षधर रहे हैं और उन्होंने इस बाबत अपने प्रतिद्वंद्वी शशि थरूर से भी चर्चा की थी। हालांकि इस बातचीत के दौरान थरूर ने चुनाव मैदान से हटने से इनकार कर दिया। उनका कहना था कि वे इस बार चुनाव लड़ने के लिए दृढ़ प्रतिज्ञ हैं।
खड़गे के इस खुलासे से साफ हो गया है कि अभी नाम वापसी की तारीख बाकी होने के बावजूद थरूर चुनाव मैदान से नहीं हटेंगे। थरूर ने अपनी चुनावी संभावनाओं को मजबूत बनाने के लिए कांग्रेस जनों से संपर्क साधना भी शुरू कर दिया है।
अध्यक्ष पद के लिए खड़गे और थरूर के अलावा झारखंड के पूर्व मंत्री केएन त्रिपाठी ने भी नामांकन दाखिल किया था मगर उनका नामांकन पत्र शनिवार को खारिज कर दिया गया। ऐसे में अब मुकाबला खड़गे और थरूर के बीच ही होना है।
खुद को अधिकारिक उम्मीदवार नहीं मानते खड़गे
वैसे कांग्रेस के अधिकांश वरिष्ठ नेताओं का समर्थन होने और गांधी परिवार का आशीर्वाद हासिल होने के कारण अध्यक्ष पद के चुनाव में खड़गे की स्थिति थरूर के मुकाबले मजबूत मानी जा रही है। हालांकि खड़गे इस बात को मानने को तैयार नहीं है कि वे पार्टी के आधिकारिक प्रत्याशी हैं। उनका कहना है कि वे पार्टी के कार्यकर्ता की हैसियत से चुनाव मैदान में उतरे हैं। वे खुद को गांधी परिवार का आधिकारिक उम्मीदवार नहीं मानते।
खड़गे का कहना है कि पार्टी के वरिष्ठ साथियों के कहने पर वे चुनाव मैदान में उतरे हैं। सोनिया गांधी, राहुल और प्रियंका के चुनाव न लड़ने की स्थिति में साथियों ने मुझसे चुनाव लड़ने का अनुरोध किया था। पार्टी के वरिष्ठ और युवा साथियों का कहना था कि जब गांधी परिवार का कोई उम्मीदवार नहीं है तो ऐसे में मुझे चुनाव लड़ना चाहिए। उनकी बातों से प्रोत्साहित होकर ही मैं चुनाव लड़ रहा हृं।
भाजपा पर किया जवाबी हमला
खड़गे ने स्पष्ट किया कि मैं किसी का विरोध करने के लिए चुनाव मैदान में नहीं उतरा हूं बल्कि मेरा मकसद पार्टी को मजबूत बनाना है। पार्टी में जो कुछ भी कमियां हैं, उन्हें दुरुस्त करने की कोशिश की जाएगी। उन्होंने गांधी परिवार के ही पार्टी चलाने के भाजपा के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि भाजपा हमेशा कांग्रेस को कमजोर दिखाने की कोशिश करती है। उन्होंने भाजपा पर जवाबी हमला करते हुए सवाल भी पूछा कि पार्टी के मौजूदा अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा को किसने चुना है?
इस बीच खड़गे का चुनाव प्रचार करने के लिए पार्टी के तीन प्रवक्ताओं ने इस्तीफा दे दिया है। इन प्रवक्ताओं में गौरव वल्लभ, दीपेंद्र हुड्डा और सैयद नासिर हुसैन शामिल हैं। इस्तीफे के बाद गौरव वल्लभ ने कहा कि अब हम खड़गे का चुनाव प्रचार करेंगे। चुनाव में निष्पक्षता बनी रहे, इसलिए हमने प्रवक्ता के पदों से इस्तीफा दे दिया है।