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Congress President Election 2022: खड़गे के पक्ष में गहलोत की अपील पर पैदा हुआ विवाद, थरूर ने जताई तीखी आपत्ति
अशोक गहलोत ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी करके अध्यक्ष पद के चुनाव में कांग्रेस प्रतिनिधियों से खड़गे को समर्थन देने की अपील की है। इस पर शशि थरूर ने तीखी आपत्ति जताई है।
Congress President Election: कांग्रेस अध्यक्ष पद (Congress President Election) के 17 अक्टूबर को होने वाले चुनाव से तीन दिन पहले राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Rajasthan Chief Minister Ashok Gehlot) की एक अपील पर बड़ा विवाद पैदा हो गया है। दरअसल गहलोत ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी करके अध्यक्ष पद के चुनाव में कांग्रेस प्रतिनिधियों से खड़गे को समर्थन देने की अपील की है। गहलोत की इस अपील को कांग्रेस चुनाव प्राधिकरण की ओर से जारी गाइडलाइन का खुला उल्लंघन माना जा रहा है।
हालांकि पार्टी का कोई नेता इस मुद्दे पर खुलकर बोलने को तैयार नहीं है। अध्यक्ष पद के चुनाव में खड़गे को चुनौती दे रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री शशि थरूर (Former Union Minister Shashi Tharoor) ने गहलोत की इस अपील पर तीखी आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा कि चुनाव प्राधिकरण के मुखिया मधुसूदन मिस्त्री को इस बात की देखभाल करनी चाहिए कि चुनाव में गाइडलाइन का पालन किया जाए और निष्पक्षता व पारदर्शिता बनी रहे।
गहलोत खुलकर खड़गे के समर्थन में उतरे
दरअसल यह पूरा विवाद अशोक गहलोत के एक वीडियो के बाद पैदा हुआ है। इस वीडियो में अशोक गहलोत का कहना है कि कांग्रेस अध्यक्ष उस नेता को बनना चाहिए जो अनुभवी होने के साथ ही सभी प्रतिनिधियों और कार्यकर्ताओं से संपर्क रखने वाला हो। उसके भीतर अन्य विपक्षी दलों के नेताओं के साथ बातचीत करने की क्षमता होनी चाहिए। इसके साथ ही उसमें केंद्र सरकार और भाजपा के खिलाफ अन्य दलों के साथ मिलकर संघर्ष करने की ताकत होनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि इन सभी मापदंडों पर खड़गे की योग्यता को देखने के बाद ही मैं उनका प्रस्तावक बना था। उन्होंने खुलकर कांग्रेस प्रतिनिधियों से खड़गे को भारी बहुमत से जिताने की अपील भी की। उन्होंने सियासी मैदान में खड़के की सफलताओं की चर्चा के साथ ही उनके लंबे सियासी अनुभव का भी जिक्र किया है। सोशल मीडिया पर गहलोत का यह वीडियो वायरल होने के बाद इस पर खासा विवाद पैदा हो गया है।
गहलोत की अपील गाइडलाइन का उल्लंघन
कांग्रेस के चुनाव प्राधिकरण की ओर से जारी की गई गाइडलाइन के मुताबिक नेता पद पर रहने वाला कोई भी व्यक्ति किसी उम्मीदवार के पक्ष में कोई अपील नहीं जारी कर सकता। प्राधिकरण के अध्यक्ष मधुसूदन मिस्त्री की ओर से 30 सितंबर को सात पॉइंट वाली गाइडलाइन जारी की गई थी। इस गाइडलाइन में पार्टी पदाधिकारियों के साथ ही विधायक दल के नेता पर भी किसी उम्मीदवार का प्रचार करने पर पाबंदी लगाई गई थी।
इस गाइडलाइन में यह भी कहां गया है कि अगर किसी पदाधिकारी या नेता को किसी उम्मीदवार का प्रचार करना है तो पहले उसे पद छोड़ना होगा। मौजूदा समय में गहलोत राजस्थान में कांग्रेस विधायक दल के नेता हैं मगर इसके बावजूद उन्होंने खुलकर खड़गे को समर्थन देने की अपील की है। गहलोत की इस अपील को प्राधिकरण की ओर से जारी गाइडलाइन का खुला उल्लंघन माना जा रहा है।
थरूर ने जताई तीखी आपत्ति
खड़गे को चुनौती देने वाले शशि थरूर ने गहलोत की इस अपील पर गहरी आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा कि गहलोत के इस कदम को उचित नहीं माना जा सकता। कांग्रेस प्रतिनिधियों से मुलाकात करने के लिए भोपाल पहुंचे थरूर ने कहा कि कांग्रेस के चुनाव प्राधिकरण के मुखिया मधुसूदन मिस्त्री को इस मामले में दखल देना चाहिए। थरूर ने कहा कि मिस्त्री को अध्यक्ष पद के चुनाव की निष्पक्षता को बनाए रखना चाहिए तथा सभी पर गाइडलाइन का पालन करने का दबाव डालना चाहिए।
इससे पहले थरूर ने गुरुवार को भी अध्यक्ष पद के चुनाव को लेकर अपना दर्द बयां किया था। उनका कहना था कि विभिन्न राज्यों में प्रचार के लिए जाने पर प्रदेश कांग्रेस के पदाधिकारी उनसे मुलाकात करने के लिए नहीं आते जबकि खड़गे के समर्थन में सभी जुट जाते हैं। उनका आरोप है कि प्रदेश पदाधिकारियों की ओर से खड़गे को महत्व दिया जा रहा है जबकि उनकी लगातार अनदेखी की जा रही है।
कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए 17 अक्टूबर को मतदान होना है जबकि 19 अक्टूबर को अध्यक्ष पद के नतीजे घोषित किए जाएंगे। वैसे खड़गे को विभिन्न राज्यों में व्यापक समर्थन हासिल हो रहा है और उनकी जीत पहले से ही तय मानी जा रही है।