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Nehru Museum का नाम बदलने पर खड़गे-नड्डा आमने-सामने, कांग्रेस बोली-'संकीर्ण सोच' तो BJP ने कहा 'राजनीतिक अपच'
Nehru Memorial Museum : दिल्ली स्थित तीन मूर्ति स्थित आवास में देश के पूर्व पीएम जवाहरलाल नेहरू ने अपने जीवन के महत्वपूर्ण 16 साल बिताए थे। इस वजह से इस घर को नेहरू स्मारक बना दिया गया था। मोदी सरकार ने अब इसका नाम बदल दिया है।
Nehru Memorial Museum : राष्ट्रीय राजधानी स्थित तीन मूर्ति भवन (Teen Murti Bhavan) परिसर में 'नेहरू स्मारक संग्रहालय एवं पुस्तकालय सोसाइटी (NMML) का नाम बदलकर 'प्रधानमंत्री संग्रहालय एवं पुस्तकालय सोसाइटी' कर दिया गया है। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के इस फैसले के बाद सियासी पारा चढ़ गया है। कांग्रेस लगातार हमलावर है। विपक्षी कांग्रेस और सत्ताधारी बीजेपी के बीच जुबानी जंग तेज हो गई है।
कांग्रेस ने नाम बदलने को जहां केंद्र की 'संकीर्ण सोच' और 'प्रतिशोध' करार दिया। कांग्रेस ने बीजेपी के इस कदम की आलोचना की, तो सत्ताधारी दल ने विपक्षी पार्टी पर पलटवार करते हुए कहा, कि 'विपक्षी दल देश के प्रधानमंत्री के रूप में सेवा देने वाले अपने नेताओं का भी अपमान करने से नहीं हिचकती। गौरतलब है कि, NMML का नाम बदले जाने से एक साल पहले ही देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू (Jawaharlal Nehru) का आधिकारिक आवास रहे तीन मूर्ति भवन परिसर में प्रधानमंत्री संग्रहालय (Pradhanmantri Sangrahalaya) का उद्घाटन किया गया था।
कांग्रेस- नाम बदलने से विरासतें नहीं मिटा करतीं
कांग्रेस पार्टी ने NMML का नाम बदले जाने को लेकर मोदी सरकार को 'संकीर्ण सोच' वाला बताया। कांग्रेस का कहना है कि मौजूदा सरकार 'प्रतिशोध' से काम करती है। ये भी कहा कि, 'इमारतों के नाम बदलने से विरासतें नहीं मिटा करतीं हैं।' पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) ने दावा किया कि, 'सरकार के इस कदम से BJP और RSS की ओछी मानसिकता और तानाशाही रवैये का परिचय मिलता है। उन्होंने कहा, ऐसे कदम से पंडित जवाहरलाल नेहरू की शख्सियत को कम नहीं किया जा सकता।'
'ये मोदी सरकार की बौनी सोच'
मल्लिकार्जुन खड़गे ने एक ट्वीट किया। जिसमें उन्होंने लिखा, 'जिनका कोई इतिहास ही नहीं है, वे दूसरों के इतिहास को मिटाने चले हैं। 'नेहरू स्मारक संग्रहालय एवं पुस्तकालय' का नाम बदलने के कुत्सित प्रयास से, आधुनिक भारत के शिल्पकार व लोकतंत्र के निर्भीक प्रहरी पंडित जवाहरलाल नेहरू (Pandit jawaharlal nehru) जी की शख़्सियत को कम नहीं किया जा सकता। इससे केवल बीजेपी-आरएसएस की ओछी मानसिकता और तानाशाही रवैये का परिचय मिलता है।' उन्होंने कहा, 'मोदी सरकार की बौनी सोच,‘हिन्द के जवाहर’ का भारत के प्रति विशालकाय योगदान कम नहीं कर सकती।'
जिनका कोई इतिहास ही नहीं है, वो दूसरों के इतिहास को मिटाने चले हैं !
Nehru Memorial Museum & Library का नाम बदलने के कुत्सित प्रयास से, आधुनिक भारत के शिल्पकार व लोकतंत्र के निर्भीक प्रहरी, पंडित जवाहरलाल नेहरू जी की शख़्सियत को कम नहीं किया जा सकता।
इससे केवल BJP-RSS की ओछी…— Mallikarjun Kharge (@kharge) June 16, 2023
बीजेपी ने किया पलटवार
कांग्रेस के हमलावर रुख पर बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा (BJP President JP Nadda) ने शुक्रवार को कहा, 'नया प्रधानमंत्री संग्रहालय एवं पुस्तकालय सोसाइटी राजनीति से परे एक प्रयास है। विपक्षी पार्टी (कांग्रेस) के पास इसे महसूस करने के लिए दृष्टि की कमी है। मल्लिकार्जुन खड़गे के ट्वीट को टैग करते हुए जेपी नड्डा ने उनकी टिप्पणी को 'राजनीतिक अपच' का उत्कृष्ट उदाहरण बताया। बीजेपी अध्यक्ष ने कहा, 'वह (कांग्रेस) इस सच्चाई को स्वीकार करने में अक्षम हैं कि एक परिवार से हटकर भी ऐसे नेता हैं, जिन्होंने हमारे राष्ट्र की सेवा की। उसका निर्माण किया। नड्डा ने एक के बाद एक कई ट्वीट किए।
Classic example of political indigestion- the inability to accept a simple fact that there are leaders beyond one dynasty who have served and built our nation. PM Sangrahalaya is an effort beyond politics and Congress lacks the vision to realise this. https://t.co/jmyNzJPB9a
— Jagat Prakash Nadda (@JPNadda) June 16, 2023