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Congress News : कांग्रेस में शुरू हुआ 'खड़गे युग', कहा- 'देश में फैले नफरत के जाल तोड़कर रहेंगे'

Congress President Oath Ceremony: वरिष्ठ कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने बुधवार को पार्टी के सर्वोच्च पद की कमान संभाली। इस दौरान सोनिया और राहुल गांधी सहित पार्टी के वरिष्ठ नेता मौजूद रहे।

Anshuman Tiwari
Report Anshuman TiwariWritten By aman
Published on: 26 Oct 2022 11:46 AM IST (Updated on: 26 Oct 2022 12:34 PM IST)
Mallikarjun Kharge will take oath for the highest post of Congress Party today
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मल्लिकार्जुन खड़गे कांग्रेस पार्टी के सर्वोच्च पद पर आसीन: Photo- Social Media

Congress President Oath Taking Ceremony: कद्दावर कांग्रेस नेता (Congress Leader) और अपने 50 साल से अधिक के राजनीतिक जीवन में एकमात्र चुनाव हारने वाले मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) देश की सबसे पुरानी पार्टी के सर्वोच्च पद की कमान संभाली। आज यानी बुधवार (26 अक्टूबर 2022) को कांग्रेस मुख्यालय में उन्होंने अध्यक्ष पद की शपथ ली। शपथ समारोह के दौरान सोनिया-राहुल गांधी के अलावा कांग्रेस के तमाम दिग्गज नेता मौजूद थे। भारत जोड़ो यात्रा (Bharat Jodo Yatra) पर निकले राहुल गांधी भी यात्रा से ब्रेक लेकर कार्यक्रम में पहुंचे।

पदभार ग्रहण करने से पहले पूर्व केंद्रीय मंत्री मल्लिकार्जुन खड़गे राजघाट पहुंचे और महात्मा गांधी की समाधि पर पुष्पांजलि अर्पित की। राजघाट के बाद वे शांति वन, विजय घाट, वीर भूमि, शक्ति स्थल और समता स्थल जाएंगे। इससे पहले उन्होंने मंगलवार शाम को पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मुलाकात की थी। खड़गे के पदभार ग्रहण करने से जुड़े कार्यक्रम को लेकर भी कांग्रेस मुख्यालय में तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी हैं। कांग्रेस के केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण के प्रमुख मधुसूदन मिस्त्री आज खड़गे को औपचारिक रूप से निर्वाचन प्रमाणपत्र सौंपेंगे।

Congress President Oath Taking Ceremony Live :


...मेरे लिए सौभाग्य और गौरव की बात

मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, 'जिस महान राजनीतिक दल का नेतृत्व महात्मा गांधी जी, नेहरू जी, सुभाषचंद्र बोस जी, पटेल जी, मौलाना आजाद जी, बाबू जगजीवन राम जी, इंदिरा जी, राजीव जी ने किया हो, उस जिम्मेदारी को संभालना मेरे लिए सौभाग्य और गौरव की बात है।'

'संविधान की रक्षा के लिए लड़ेंगे'

मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, 'आधुनिक भारत के निर्माण में कांग्रेस पार्टी का बेमिसाल योगदान रहा है। बाबा साहेब डॉ. अंबेडकर जी ने इस देश के संविधान के निर्माण के लिए योगदान दिया है। इस देश के संविधान की रक्षा के लिए हमें लड़ना होगा।'


खड़गे बोले- नफरत के जाल तोड़कर रहेंगे

अपने संबोधन में खड़गे ने कहा, कि 'राजनीति के इस दौर में सोनिया गांधी ने त्याग की जो मिसाल कायम की, उसका कोई दूसरा उदाहरण नहीं है। खड़गे ने संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (UPA) सरकार को सोनिया गांधी और मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली सरकार कहा। खड़गे आगे बोले, ये दौर मुश्किल भरा है। लोकतंत्र को बदलने की कोशिश जारी है। किसने सोचा था कभी झूठ का बोलबाला होगा। सत्ता में बैठे लोग लोकतंत्र को कमजोर करेंगे। खड़गे ने कहा, वो झूठ, फरेब और नफरत के इस जाल को तोड़कर रहेंगे। कांग्रेस 137 सालों से लोगों के जीवन का अहम अंग बन गया है।'

सोनिया- देश के लोकतंत्र को लेकर कई चुनौतियां हैं

सोनिया ने आगे कहा, 'मैं आप सबको दिल से धन्यवाद देती हूं कि आप सबने मुझे इतना सहयोग व समर्थन दिया। अब यह जिम्मेदारी खड़गे जी के पास है। परिवर्तन संसार का नियम है। परिवर्तन जीवन के हर क्षेत्र में होता रहा है और आगे भी होता रहेगा। उन्होंने कहा, कि आज पार्टी के सामने, देश के लोकतंत्र को लेकर कई चुनौतियां हैं। हमें इन चुनौतियों से सफलतापूर्वक बाहर निकलने का रास्ता खोजना होगा।'

अध्यक्ष के तौर पर मल्लिकार्जुन खड़गे का पहला संबोधन

कांग्रेस अध्यक्ष के तौर पर मल्लिकार्जुन खड़गे ने अपना पहला संबोधन दिया। उन्होंने कहा, 'ये मेरे लिए भावुक क्षण है। एक सामान्य कार्यकर्ता, मजदूर के बेटे को कांग्रेस अध्यक्ष चुनकर सम्मान देने के लिए आप सभी का आभार। ब्लॉक अध्यक्ष से शुरू हुई इस यात्रा को आपने इस मुकाम तक पहुंचाया है। खड़गे ने कहा, अंबेडकर के बनाए संविधान की रक्षा करना हम सबका कर्तव्य है।'

सोनिया बोलीं- आपका प्यार मेरे लिए गौरव की बात

सोनिया गांधी ने कहा, आपने इतने वर्षों तक जो प्यार, सम्मान दिया है, यह मेरे लिए गौरव की बात है। मुझे इसका अहसास जीवन की आखिरी सांस तक रहेगा।

'इनके नेतृत्व में कांग्रेस दिनोंदिन मजबूत होगी'

संबोधन में सोनिया गांधी ने कहा, मुझे पूरा विश्वास है कि खड़गे जी से पूरी पार्टी को प्रेरणा मिलेगी। एक संदेश मिलेगा। इनके नेतृत्व में कांग्रेस दिनोंदिन मजबूत होगी। उन्होंने कहा, मैं बहुत प्रसन्न हूं और सबसे अधिक संतोष इस बात का है कि आपने अपने-अपने विवेक से जिन्हें अध्यक्ष चुना है, वह एक अनुभवी नेता हैं। धरती से जुड़े हुए नेता हैं। एक साधारण कार्यकर्ता के रूप में अपनी मेहनत व समर्पण से इस ऊंचाई तक पहुंचे हैं।

सोनिया- खड़गे के अध्यक्ष बनने से राहत महसूस कर रही

कांग्रेस के नए अध्यक्ष के तौर पर मल्लिकार्जुन खड़गे की ताजपोशी हो गई। इस दौरान आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सोनिया गांधी ने उन्हें बधाई दी और कहा, कि 'मल्लिकार्जुन खड़गे के अध्यक्ष बनने से राहत महसूस कर रही हूं।'

सोनिया-राहुल की मौजूदगी में खड़गे की हुई ताजपोशी

दिल्ली स्थित कांग्रेस मुख्यालय में सोनिया और राहुल गांधी की मौजूदगी में मल्लिकार्जुन खड़गे की ताजपोशी हुई। इस मौके पर कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव लड़ने वाले शशि थरूर (Shashi Tharoor), जगदीश टाइटलर (Jagdish Tytler), अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) सहित सीडब्ल्यूसी के सभी सदस्य मौजूद रहे।

-कांग्रेस के नवनिर्वाचित अध्यक्ष मलिकार्जुन खड़गे आज पार्टी के अध्यक्ष की बड़ी जिम्मेदारी संभालेंगे। खड़के की ताजपोशी के कार्यक्रम में अभी तक कांग्रेस अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी संभाल रही सोनिया गांधी और पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी भी हिस्सा लेंगे।

-सितंबर महीने में भारत जोड़ो यात्रा की शुरुआत करने के बाद राहुल गांधी पहली बार दिल्ली में आयोजित किसी कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे। कांग्रेस अध्यक्ष पद की वोटिंग के दौरान भी वे दिल्ली नहीं पहुंचे थे।

-खड़गे पार्टी के अध्यक्ष के पद की जिम्मेदारी ऐसे समय में संभाल रहे हैं जब पार्टी के सामने ढेर सारी चुनौतियां हैं। हिमाचल प्रदेश में 12 नवंबर को विधानसभा चुनाव के लिए मतदान होना है जबकि गुजरात में भी जल्द ही विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। इसके साथ ही पार्टी राजस्थान में गहलोत और पायलट गुट के बीच चल रही खींचतान से जूझ रही है। अगले साल भी करीब 10 राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में खड़गे को अध्यक्ष पद पर बैठते ही कई बड़ी चुनौतियों का सामना करना होगा।

गांधी परिवार से सलाह लेने में परहेज नहीं

-कांग्रेस के अध्यक्ष पद की कमान संभालने से पहले मल्लिकार्जुन खड़गे ने मंगलवार को पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह के आवास पर जाकर उनसे मुलाकात की। खड़गे ने मनमोहन कैबिनेट में मंत्री पद की जिम्मेदारी संभाली थी। अध्यक्ष पद के चुनाव में खड़गे का मुकाबला शशि थरूर से हुआ था और इस चुनाव में खड़गे ने आसानी से जीत हासिल की थी। गांधी परिवार का आशीर्वाद हासिल होने के कारण खड़गे को पूरे देश में कांग्रेस प्रतिनिधियों का भारी समर्थन हासिल हुआ। अध्यक्ष पद पर उनकी जीत पहले से ही तय मानी जा रही थी। कांग्रेस के 137 साल के इतिहास में छठी बार कराए गए चुनाव में खड़गे ने यह महत्वपूर्ण जीत हासिल की है।

वैसे कांग्रेस अध्यक्ष का पद खड़गे के लिए आसान नहीं होगा क्योंकि उन्हें जल्द ही कई बड़ी चुनौतियों का सामना करना होगा। हालांकि उन्होंने पहले ही यह स्पष्ट कर दिया है कि पार्टी से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों पर वा गांधी परिवार से सलाह लेने में परहेज नहीं करेंगे।

सोनिया-राहुल समेत सभी नेता लेंगे हिस्सा

-कांग्रेस मुख्यालय में खड़ा करके ताजपोशी कार्यक्रम की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। इस कार्यक्रम में सोनिया गांधी और राहुल गांधी के अलावा कांग्रेस कार्यसमिति के सदस्य राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेता शामिल होंगे। कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा इन दिनों तेलंगाना में है मगर राहुल गांधी भी यात्रा छोड़कर इस कार्यक्रम में शिरकत करेंगे। गुरुवार को वे एक बार फिर यात्रा में शामिल हो जाएंगे।

हिमाचल का चुनाव सिर पर

-खड़गे को अध्यक्ष बनने के साथ ही दो राज्यों में काफी अहम माने जाने जा रहे विधानसभा चुनाव का सामना करना होगा। हिमाचल प्रदेश में तो चुनाव की तारीखों का ऐलान तक हो चुका है। राज्य में 12 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर खड़गे के सामने चुनाव की तैयारियों के लिए काफी कम समय बचा है। कांग्रेस का सबसे बड़ा चेहरा माने जाने वाले राहुल गांधी इन दिनों भारत जोड़ो यात्रा में व्यस्त हैं। ऐसे में खड़गे की हिमाचल प्रदेश के विधानसभा चुनाव में अग्निपरीक्षा होगी।

राहुल गांधी की व्यस्तता के कारण हिमाचल प्रदेश के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस प्रियंका गांधी पर निर्भर नजर आ रही है। दूसरी ओर भाजपा ने हिमाचल प्रदेश में पूरी ताकत लगा रखी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल में हिमाचल प्रदेश के दो दौरे किए हैं जबकि गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने भी राज्य पर फोकस कर रखा है। ऐसे में खड़गे के लिए हिमाचल में भाजपा की चुनौतियों से निपटना आसान नहीं होगा।

गुजरात में भाजपा की बड़ी चुनौती

-इसके साथ ही गुजरात में भी जल्द ही चुनाव कार्यक्रम घोषित किए जाने की संभावना है। हिमाचल प्रदेश और गुजरात में कांग्रेस की चुनौतियां इसलिए भी बढ़ गई हैं क्योंकि राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा इन दोनों ही राज्यों में नहीं जाने वाली है। इसलिए कांग्रेस को इन दोनों ही राज्यों में भारत जोड़ो यात्रा से कोई सियासी लाभ होने की संभावना नहीं है।

-गुजरात में तो कांग्रेस के लिए स्थिति और चुनौतीपूर्ण मानी जा रही है। हार्दिक पटेल समेत पार्टी के कई बड़े चेहरे भाजपा में शामिल हो चुके हैं। भाजपा ने गुजरात के चुनाव को प्रतिष्ठा की जंग बना रखा है और पार्टी ने राज्य में पूरी ताकत झोंक दी है। हिमाचल प्रदेश और गुजरात के विधानसभा चुनावों को लेकर अभी तक आए सर्वे में भी भाजपा की स्थिति कांग्रेस से काफी मजबूत मानी जा रही है।

राजस्थान कांग्रेस में खींचतान

-कांग्रेस में केंद्रीय स्तर से लेकर राज्य इकाइयों तक जबर्दस्त गुटबाजी दिखती रही है। मौजूदा समय में राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकारे हैं और इन दोनों राज्यों में मुख्यमंत्री की कुर्सी को लेकर खींचतान चल रही है। राजस्थान में तो पिछले दिनों विधायकों के बागी तेवर के कारण कांग्रेस विधायक दल की बैठक तक नहीं हो सकी थी। मजे की बात यह है कि पार्टी के नए अध्यक्ष चुने गए खड़गे इस दौरान पर्यवेक्षक के रूप में जयपुर में ही मौजूद थे। खड़गे राजस्थान के सियासी हालात को संभालने में नाकाम साबित हुए थे।

-राजस्थान कांग्रेस पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की मजबूत पकड़ है। विधायकों की बगावत के बाद पार्टी नेतृत्व गहलोत से काफी नाराज था मगर अभी तक उन्हें पद से नहीं हटाया जा सका है। ऐसे में राजस्थान संकट सुलझाना भी खड़गे के लिए आसान नहीं होगा।

पार्टी में गुटबाजी से निपटना आसान नहीं

राज्य इकाइयों में पनप रही गुटबाजी से निपटना भी खड़गे के आसान नहीं होगा। इसके साथ ही कांग्रेस के असंतुष्ट खेमे जी-23 से जुड़े नेता भी लंबे समय से पार्टी की कार्यप्रणाली में बदलाव की मांग करते रहे हैं। असंतुष्ट नेताओं से संतुलन बनाते हुए उनकी शिकवा-शिकायतें दूर करना भी कम चुनौतीपूर्ण नहीं माना जा रहा है।

हाल के दिनों में पार्टी के कई बड़े चेहरे पार्टी छोड़कर भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर चुके हैं। राजस्थान और छत्तीसगढ़ समेत कई राज्यों में कांग्रेस को अगले साल विधानसभा चुनाव लड़ना है। ऐसे में खड़गे के सामने कई बड़ी चुनौतियां खड़ी हैं और अब यह देखने वाली बात होगी कि वे इन चुनौतियों का सामना कैसे करते हैं।

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थरूर को हराकर जीता था चुनाव

कांग्रेस में 22 साल बाद संगठन के सर्वोच्च पद को लेकर चुनाव हुए और गांधी परिवार ने प्रत्यक्ष रूप से इसमें हिस्सा नहीं लिया। जिससे तकरीबन 24 साल बाद कांग्रेस को गैर-गांधी सरनेम वाला अध्यक्ष मिलने का रास्ता साफ हो गया। 17 अक्टूबर को देश की सबसे पुरानी पार्टी के अध्यक्षी के लिए मल्लिकार्जुन खड़गे और केरल से सांसद शशि थरूर के बीच मुकाबला हुआ।

19 अक्टूबर को जब मतों की गिनती हुई तो 80 वर्षीय खड़गे 66 वर्षीय थरूर पर भारी पड़े। खड़गे को 7897 वोट मिले थे जबकि थरूर को 1072 मिले। हालांकि, चुनाव से पहले ही जिस तरह मल्लिकार्जुन खड़गे के पीछे कांग्रेस के तमाम दिग्गज लामबंद हुए, उससे ये स्पष्ट हो गया था कि गांधी परिवार का हाथ किसके ऊपर है और कौन आने वाले समय में कांग्रेस की बागडोर संभालेगा।

खड़गे के सामने कई चुनौतियां

कर्नाटक से आने वाले मल्लिकार्जुन खड़गे पूर्व उप-प्रधानमंत्री जगजीवन राम के बाद दूसरे दलित नेता हैं, जो कांग्रेस की कमान संभालेंगे। खड़गे को कांटों का ताज मिला है। उनकी सबसे बड़ी परीक्षा गुजरात और हिमाचल प्रदेश विधानसभा में होगी। इसके बाद उन्हें राजस्थान कांग्रेस में सीएम अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच छिड़ी जंग को समाप्त करना होगा। अगले साल उनके गृह राज्य कर्नाटक समेत हिंदी पट्टी के कई अहम राज्यों में चुनाव होने हैं। इनमें कर्नाटक को छोड़कर अन्य राज्यों में कांग्रेस ही हालत पतली है। संगठन के अंदर गुटबाजी चरम पर है।



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Shashi kant gautam

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