Rahul Gandhi के पास अब आगे क्या है विकल्प, जानें यहां...

Rahul Gandhi: राहुल गांधी को मानहानि मामले में राहत मिली गई है। उन्हें सूरत कोर्ट ने जमानत दे दी है, लेकिन कोर्ट ने उनकी सजा पर रोक नहीं लगाई है, केवल 13 अप्रैल तक जमानत दी है।

Ashish Pandey
Published on: 3 April 2023 6:22 PM GMT
Rahul Gandhi के पास अब आगे क्या है विकल्प, जानें यहां...
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rahul gandhi (Photo-Social Media)

Rahul Gandhi: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को मानहानि मामले में सोमवार को बड़ी राहत मिली। उन्हें गुजरात की सूरत कोर्ट ने जमानत दे दी है। राहुल गांधी ने मानहानि मामले में दोषी ठहराए गए कोर्ट के फैसले को चुनौती दी थी। हालांकि, कोर्ट ने उनकी सजा पर रोक नहीं लगाई है, केवल 13 अप्रैल तक जमानत दी है। बतादें कि मोदी सरनेम पर विवादित टिप्पणी करने पर राहुल के खिलाफ मानहानि का केस दायर हुआ था। 23 मार्च को सूरत की कोर्ट ने इस मामले में राहुल को दोषी करार देते हुए दो साल की सजा सुनाई थी। इसी फैसले के बाद राहुल गांधी की संसद की सदस्यता समाप्त कर दी गई थी। अब राहुल गांधी ने कोर्ट के इसी फैसले को चुनौती दी थी। कोर्ट ने राहुल गांधी की सजा पर किसी तरह की अंतरिम रोक नहीं लगाई गई है। इसका मतलब साफ है कि राहुल को सांसद के तौर पर अयोग्य ठहराने के मामले में उन्हें किसी तरह की राहत नहीं मिली है। राहुल की पैरवी करने वाली टीम ने उनकी सजा पर रोक लगवाने पर जोर दिया, लेकिन कोर्ट ने कहा कि सभी पक्षों को सुने बिना वे अंतरिम रोक नहीं लगा सकती।

क्या फिर राहुल संसद में दिखेंगे?

राहुल गांधी फिर से संसद में लौट सकते हैं। उनके पास अपनी लोकसभा सदस्यता बचाने का विकल्प है। इसके लिए राहुल गांधी को स्पीकर की ओर से की गई कार्रवाई के विरुद्ध कोर्ट जाने का राइट है। वे इस मामले को हाईकोर्ट में रख सकते हैं। वह लोकसभा सचिवालय की कार्रवाई पर अगर कोर्ट से राहत पाते हैं तो उनकी सदस्यता बच सकती है और वह फिर संसद में लौट भी सकते हैं।

क्या आवास खाली करना होगा?

राहुल को अपना सरकारी आवास खाली करने के लिए कह दिया गया है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष दिल्ली में लुटियंस जोन के 12 तुगलक रोड पर स्थित सरकारी आवास में रहते हैं। यह आवास उन्हें लोकसभा सदस्य यानी सांसद होने के नाते ही आवंटित किया गया था। अब उनकी लोकसभा की सदस्यता रद्द कर दी गई है तो उन्हें यह आवास भी खाली करने को कह दिया गया है।

क्या लड़ पाएंगे 2024 का?

राहुल गांधी 2024 का लोकसभा चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। उनकी सदस्यता जन प्रतिनिधि कानून के तहत रद्द की गई है। इसके अनुसार, अगर सांसदों या विधायकों को किसी भी मामले में 2 साल से अधिक की सजा हुई हो तो ऐसे में उनकी सदस्यता (संसद और विधानसभा से) रद्द हो जाती है। साथ ही सजा की अवधि पूरी करने के बाद छह वर्ष तक चुनाव लड़ने के लिए भी अयोग्य करार दिया जाता है। इस तरह देखा जाए तो राहुल गांधी 2024 का चुनाव नहीं लड़ पाएंगे, लेकिन वहीं अगर हाईकोर्ट-सुप्रीम कोर्ट से उन्हें राहत मिलती है तो वह अगले साल लोकसभा का चुनाव लड़ सकते हैं।

अभी बंद नहीं हुए हैं सभी रास्ते-

बता दें कि राहुल गांधी के लिए अभी सभी रास्ते बंद नहीं हुए हैं। उन्हें सूरत की सेशन कोर्ट ने दो साल की सजा सुनाई है। वे सूरत की इस कोर्ट के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दे सकते हैं। अगर हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट राहुल गांधी के दोषी पाए जाने पर रोक लगाता है, तब तो ठीक है, लेकिन वहीं अगर इस पर उन्हें राहत नहीं मिलती है तो वे 8 साल तक चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। यहां यह समझना भी जरूरी है कि राहुल गांधी को सूरत कोर्ट से मिली सजा पर तो राहत पानी ही है साथ ही लोकसभा अध्यक्ष की ओर से की गई कार्रवाई पर भी राहत पानी है। अगर हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट राहुल की याचिका पर सूरत कोर्ट से मिली सजा पर रोक भी लगा देते हैं, तब भी उनकी लोकसभा सदस्यता बहाल नहीं होगी। इसके लिए जरूरी है कि राहुल गांधी के दोषी पाए जाने पर भी रोक लगे।

क्या वायनाड सीट पर होगा उप चुनाव?

इस सीट पर चुनाव हो सकता है। क्योंकि किसी संसदीय-विधायकी की सीट पर चुनाव उसके सांसद-विधायक के पद पर रहते निधन हो जाने से होते हैं या फिर अगर विधायक/सांसद की विधायकी/सांसदी चली जाए तो उस सीट पर उप चुनाव कराना होता है। जनप्रतिनिधित्व कानून 1951 के अनुसार इस कानून के सेक्शन-151 (।) अनुसार, अगर कोई भी सीट (लोकसभा या विधानसभा) खाली होती है को छह महीने के अंदर उस पर चुनाव कराना जरूरी है। यह तारीख उस दिन से लागू होती है, जिस तारीख से वह सीट खाली हुई होती है। अब अगर राहुल गांधी को कोर्ट से राहत नहीं मिलती है तो उनकी वायनाड सीट पर फिर से चुनाव कराए जा सकते हैं। छह महीने के भीतर वहां फिर चुनाव होंगे। संविधान के मुताबिक, अगर आम चुनाव होने में 6 महीने से अधिक का समय है तो वहां उपचुनाव होना जरूरी है। देश में लोकसभा का आम चुनाव 2024 में होना है। अभी इसमें एक साल से अधिक का समय है। इससे पहले 6 महीने के अंदर वायनाड सीट पर उपचुनाव होंगे। जानकारों की मानें तो निर्वाचन आयोग ने इस पर विचार भी शुरू कर दिया है।

क्या खत्म हो गया राहुल का सियासी करियर?

नहीं अभी ऐसा नहीं है। यह पूरी तरह राहुल गांधी पर निभर करता है। वह लोकसभा की सदस्यता जाने के मुद्दे को अपने पक्ष में भुना लें और कोर्ट से दोनों मोर्चों पर राहत पा लेते हैं तो यह उनके लिए एक पॉजिटिव फैक्टर साबित होगा, लेकिन, अगर अंततः वह 8 साल के लिए चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य हो गए तो फिर उनके राजनीतिक करियर के बारे में कुछ भी कहना मुश्किल हो सकता है।

इस मामले में हुई है सजा-

13 अप्रैल 2019 को कर्नाटक में चुनावी रैली में राहुल गांधी ने मोदी सरनेम पर विवादित टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा था कि नीरव मोदी, ललित मोदी, नरेंद्र मोदी... सबका कॉमन सरनेम क्यों है? सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है?‘

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