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मोदी और शाह को गुजरात में ही घेरने की तैयारी, हार्दिक पटेल पर दांव लगाएगी कांग्रेस

हार्दिक खुद चुनाव नहीं लड़ेंगे क्योंकि उनकी आयु चुनाव लड़ने के योग्य नहीं हुई है लेकिन कांग्रेस के साथ गठबंधन में उनके जिन लोगों को टिकट मिलेंगे वे कांग्रेस के टिकट पर ही चुनाव लड़ेंगे। यहां यह भी बता दें कि गुजरात में करीब 40 से 50 सीटों पर पाटीदार वोट निर्णायक मुकाम पर हैं।

zafar
Published on: 30 May 2017 7:53 PM GMT
मोदी और शाह को गुजरात में ही घेरने की तैयारी, हार्दिक पटेल पर दांव लगाएगी कांग्रेस
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उमाकांत लखेड़ा

नई दिल्ली: गुजरात में करीब दो दशक से सत्ता से बेदखल कांग्रेस करो या मरो की रणनीति पर काम करने में जुट गई है। राज्य के नए प्रभारी महासचिव अशोक गहलोत ने दो मोर्चों पर कांग्रेस को आगामी चुनावी लड़ाई के लिए तैयार करने की नींव डाली है।

पहला है, गुजरात में गुटों व धड़ों में बंटे कांग्रेस नेताओं को एक दूसरे के करीब लाकर साथ आगे बढ़ने की रणनीति। उनका दूसरा लक्ष्य है, कांग्रेस का वोट बैंक बढ़ाने की जुगत भिड़ाना।

आगे की स्लाइड में कांग्रेस की नजर...

पाटीदार वोटों पर नजर

वोट प्रतिशत बढ़ाने के लिए कांग्रेस की नजर इस बार हार्दिक पटेल पर टिकी है। ऐसे आसार हैं कि हार्दिक पटेल से आलाकमान स्तर पर गुप्त बातचीत हो रही है। वार्ता प्रकिया को पूरी तरह गोपनीय रखा जा रहा है। कांग्रेस को चुनावी जीत के लिए राज्य में भाजपा के खिलाफ बदले की आग में जल रहे पाटीदार समुदाय का साथ मिल रहा है।

बतादें कि हार्दिक खुद चुनाव नहीं लड़ेंगे क्योंकि उनकी आयु चुनाव लड़ने के योग्य नहीं हुई है लेकिन कांग्रेस के साथ गठबंधन में उनके जिन लोगों को टिकट मिलेंगे वे कांग्रेस के टिकट पर ही चुनाव लड़ेंगे। यहां यह भी बता दें कि गुजरात में करीब 40 से 50 सीटों पर पाटीदार वोट निर्णायक मुकाम पर हैं।

आगे की स्लाइड में निर्णायक राह...

सहमति की चर्चा

2012के विधानसभा चुनावों में भाजपा के करीब 40 पाटीदार चुनाव जीते थे। इस बार कांग्रेस ने पाटीदारों के साथ खुला गठबंधन करने का फैसला कर लिया है। सूत्रों का कहना है कि करीब 25 सीटें समझौते में हार्दिक पटेल को देने पर मोटे तौर पर सहमति बन चुकी है। कांग्रेस नेताओं ने भी उन सीटों पर अपनी गतिविधियां बढ़ा दी हैं जहां पाटीदार वोट बैंक का अच्छा असर है।

ज्ञात रहे कि दो साल पहले शुरू हुई गुजरात में पाटीदारों की आरक्षण की मांग को लेकर हिंसक आंदोलन हुए हैं। हार्दिक पटेल की अगुवाई में चले इस आंदोलन ने केंद्र में मोदी सरकार की नाक में दम कर दिया था। हार्दिक पटेल पर देशद्रोह का मुकदमा ठोंक कर उन्हें कई माह जेल में कैद रखा गया। लेकिन यही हार्दिक पटेल अब भाजपा के खिलाफ गुजरात में मजबूत विकल्प खड़ा करने की तैयारी में हैं।

आगे की स्लाइड में विकल्प की जोड़तोड़...

विकल्प की जोड़तोड़

पिछले कुछ माह में उनकी शिव सेना प्रमुख उद्धव ठाकरे, एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से गुजरात में भाजपा के खिलाफ मजबूत राजनीतिक विकल्प तैयार करने के मुद्दे पर लंबी बातचीत हो चुकी है।

कांग्रेस ने एक अंदरूनी सर्वे कराया है। इसका निचोड़ यही है कि भाजपा को इस बार सत्ता से हटाने के लिए सभी तरह की अनुकूल परिस्थितियां मौजूद हैं। गुजरात में हार्दिक पटेल के करीबी लोग अभी कांग्रेस से गठजोड़ पर कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हैं। लेकिन वे निजी तौर पर स्वीकार करते हैं कि कांग्रेस से समझौता मुमकिन है।

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