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Digvijaya Singh: राज्यसभा में नेता विपक्ष के कौन हैं दावेदार, आखिर क्यों मजबूत मानी जा रही दिग्विजय की स्थिति
Congress Digvijaya Singh: राज्यसभा में नेता विपक्ष के पद के लिए पी चिदंबरम के साथ दिग्विजय सिंह का नाम चर्चाओं में प्रमुख रूप से उभरकर सामने आया है।
Congress Digvijaya Singh: कांग्रेस के अध्यक्ष पद के चुनाव में उतरने के बाद पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री मल्लिकार्जुन खड़गे ने राज्यसभा में नेता विपक्ष के पद से इस्तीफा दे दिया है। पार्टी की ओर से अपनाए गए एक व्यक्ति-एक पद के सिद्धांत का अनुपालन करते हुए उन्होंने यह इस्तीफा दिया है। कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव में शशि थरूर के मुकाबले खड़गे की स्थिति मजबूत मानी जा रही है। पार्टी के अधिकांश नेताओं के साथ ही गांधी परिवार का आशीर्वाद भी खड़गे के ही साथ है। इसी कारण वे थरूर के मुकाबले ज्यादा मजबूत स्थिति में माने जा रहे हैं।
खड़गे के राज्यसभा में विपक्ष के नेता पद से इस्तीफे के बाद दो दावेदारों का नाम मजबूती से उभरकर सामने आए हैं। नेता विपक्ष पद के लिए पार्टी के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के बीच मुकाबला माना जा रहा है। वैसे कांग्रेस सूत्रों का मानना है कि अध्यक्ष पद की रेस से हटने के बाद दिग्विजय की स्थिति चिदंबरम के मुकाबले ज्यादा मजबूत दिख रही है। उनका उत्तर भारत से होना भी उनके लिए प्लस पॉइंट माना जा रहा है।
इन नेताओं के नाम चर्चा में
खड़गे से पहले गुलाम नबी आजाद करीब सात साल तक राज्यसभा में नेता विपक्ष के पद पर थे। राज्यसभा सदस्य के रूप में उनका कार्यकाल समाप्त होने के बाद यह महत्वपूर्ण जिम्मेदारी खड़गे को सौंपी गई थी। अब उनके नेता विपक्ष के पद से इस्तीफा देने के बाद नए नेता को लेकर चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है। राज्यसभा में नेता विपक्ष के पद के लिए पी चिदंबरम के साथ दिग्विजय सिंह का नाम चर्चाओं में प्रमुख रूप से उभरकर सामने आया है। वैसे इस पद के लिए जयराम रमेश,मुकुल वासनिक और प्रमोद तिवारी के नाम भी चर्चाओं में हैं।
दिग्विजय की स्थिति क्यों मजबूत
चिदंबरम की राह में सबसे बड़ी मुश्किल उनका दक्षिण भारत से जुड़ा होना है। कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव में खड़गे का चुना जाना तय माना जा रहा है और ऐसे में अध्यक्ष और नेता विपक्ष दोनों पद दक्षिण भारत के हो जाएंगे। संगठन महामंत्री केसी वेणुगोपाल का रिश्ता भी दक्षिण भारत के केरल राज्य से है।
लोकसभा में नेता विपक्ष के पद पर अधीर रंजन चौधरी हैं जो कि पश्चिम बंगाल से चुने गए हैं। कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि इस कारण पार्टी की ओर से उत्तर भारत के दिग्विजय सिंह को नेता प्रतिपक्ष बनाए जाने की पूरी उम्मीद है।
अध्यक्ष की दौड़ से बाहर होना भी कारण
दिग्विजय सिंह की उम्मीद मजबूत होने का दूसरा कारण कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव से जुड़ा हुआ है। दिग्विजय सिंह कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव में उतरने का पूरा मन बना चुके थे और इसके लिए उन्होंने नामांकन पत्र भी ले लिया था। आखिरी दिन यानी 30 सितंबर को उनके नामांकन दाखिल करने की पूरी उम्मीद थी मगर इसी बीच कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव में खड़गे की एंट्री हो गई। खड़गे का नाम उछलने के बाद दिग्विजय उनके आवास पर मुलाकात करने के लिए पहुंचे थे और बाद में उन्होंने खड़गे का समर्थन करने की घोषणा कर दी थी।
उनका कहना था कि खड़गे का नाम सामने आने के बाद वे अपना नाम वापस ले रहे हैं। खड़गे के नामांकन में दिग्विजय प्रस्तावक भी बने हैं। हालांकि उनके इस कदम से उनके समर्थकों को झटका जरूर लगा है। अध्यक्ष पद की दौड़ से दिग्विजय के बाहर होने के बाद माना जा रहा है कि उन्हें नेता विपक्ष बनाकर पार्टी हाईकमान की ओर से इनाम दिया जा सकता है। दिग्विजय लंबे समय से गांधी परिवार के वफादार रहे हैं और विभिन्न मुद्दों पर पार्टी नेतृत्व का हमेशा साथ देते रहे हैं।
संगठन महामंत्री को लेकर भी चर्चा
वैसे दिग्विजय को लेकर पार्टी में एक और बड़ी चर्चा संगठन महामंत्री पद को लेकर भी है। मौजूदा समय में पार्टी के संगठन महामंत्री केसी वेणुगोपाल हैं जिन्हें राहुल गांधी का काफी करीबी माना जाता है। खड़गे के पार्टी अध्यक्ष चुने जाने के बाद अध्यक्ष और संगठन महामंत्री दोनों दक्षिण भारत से हो जाएंगे। ऐसे में कांग्रेस के भीतर एक चर्चा यह भी काफी जोरों पर है कि दिग्विजय को संगठन महामंत्री की जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है ताकि पार्टी में उत्तर भारत और दक्षिण भारत दोनों का बैलेंस बना रहे।