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Bharat Jodo Yatra: कांग्रेस को 21 विपक्षी दलों के जवाब का इंतजार, भेजा है न्योता, अभी तक सिर्फ दो ने ही भरी हामी
Bharat Jodo Yatra: अभी तक सिर्फ नेशनल कांफ्रेंस और महबूबा मुफ्ती की अगुवाई वाली पीडीपी ने ही यात्रा के समापन कार्यक्रम में शामिल होने पर अपनी सहमति दी है।
Bharat Jodo Yatra: कांग्रेस नेता राहुल गांधी की अगुवाई में निकली भारत जोड़ो यात्रा का समापन 30 जनवरी को श्रीनगर में होना है। यात्रा के समापन के मौके पर बड़ा कार्यक्रम आयोजित करने की तैयारी है और इसके लिए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने 21 विपक्षी दलों को निमंत्रण भेजा है। कांग्रेस की ओर से जिन दलों को न्योता भेजा गया है उनमें तृणमूल कांग्रेस, सपा, बसपा, जदयू, राजद, टीडीपी आदि प्रमुख विपक्षी दल शामिल हैं।
उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा के दौरान सपा, बसपा और रालोद ने यात्रा से दूरी बना ली थी। ऐसे में यात्रा के समापन कार्यक्रम के दौरान विपक्षी दलों के रुख पर सभी की निगाहें लगी हुई हैं। अभी तक सिर्फ नेशनल कांफ्रेंस और महबूबा मुफ्ती की अगुवाई वाली पीडीपी ने ही यात्रा के समापन कार्यक्रम में शामिल होने पर अपनी सहमति दी है। कांग्रेस नेतृत्व को अन्य विपक्षी दलों के जवाब का इंतजार है।
अखिलेश और मायावती ने बना ली थी दूरी
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की ओर से विपक्षी दलों के प्रमुख नेताओं को समापन कार्यक्रम में शामिल होने का निमंत्रण तो जरूर दिया गया है मगर विपक्ष के प्रमुख चेहरों की ओर से अभी तक इस मुद्दे पर सकारात्मक जवाब नहीं दिया गया है। अब यह देखने वाली बात होगी कि विपक्ष के प्रमुख चेहरे ममता बनर्जी, अखिलेश यादव, मायावती, चंद्रबाबू नायडू, नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव कांग्रेस की छतरी के नीचे दिखना चाहेंगे या नहीं।
महाराष्ट्र में भारत जोड़ो यात्रा के दौरान कांग्रेस नेतृत्व ने अपने सहयोगी दलों शिवसेना और एनसीपी को भी न्योता दिया था मगर पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और शरद पवार ने भारत जोड़ो यात्रा में हिस्सा नहीं लिया था। उत्तर प्रदेश में भी निमंत्रण के बावजूद अखिलेश यादव, मायावती और जयंत चौधरी ने यात्रा से दूरी बना ली थी।
इन सभी नेताओं ने पूर्व निर्धारित व्यस्तता के बहाने यात्रा में शामिल होने से परहेज किया था। सपा मुखिया अखिलेश यादव ने यात्रा के लिए शुभकामनाएं तो जरूर दी थीं मगर वे यात्रा में शामिल नहीं हुए थे। उनका कहना था कि समाजवादी पार्टी की विचारधारा कांग्रेस से अलग है। ऐसे में भारत यात्रा के समापन कार्यक्रम को लेकर भी सवाल उठाए जा रहे हैं।
क्या कदम उठाएंगे ममता और नीतीश
सियासी जानकारों का मानना है कि कांग्रेस नेतृत्व की ओर से भले ही विपक्ष के प्रमुख नेताओं को निमंत्रण दिया गया है मगर इन नेताओं के समापन कार्यक्रम में शामिल होने के संबंध में अभी तक संशय बरकरार है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी मुखिया ममता बनर्जी पिछले दिनों कांग्रेस पर हमला बोलती रही हैं। वे भाजपा के खिलाफ संघर्ष में कांग्रेस की क्षमता को लेकर सवाल खड़े कर चुकी हैं।
टीएमसी के नेता ममता बनर्जी को लगातार पीएम पद का चेहरा बताने में जुटे हुए हैं। दूसरी ओर जदयू के नेता नीतीश कुमार को पीएम पद का चेहरा बता रहे हैं। हालांकि नीतीश कुमार का कहना है कि वे पीएम पद के दावेदार नहीं हैं मगर जानकारों के मुताबिक यह नीतीश की सोची-समझी रणनीति है।
केजरीवाल और केसीआर को न्योता नहीं
कांग्रेस की ओर से भारत जोड़ो यात्रा के समापन कार्यक्रम में आप के मुखिया और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव को आमंत्रित नहीं किया गया है। के चंद्रशेखर राव इन दिनों अलग राग अलापते हुए दिख रहे हैं। उन्होंने 18 जनवरी को खम्मस में बड़ी रैली का आयोजन किया है मगर इस रैली में कांग्रेस और विपक्ष के कई नेताओं को आमंत्रण नहीं भेजा गया है।
माना जा रहा है कि अरविंद केजरीवाल और केसीआर के अलग रुख को देखते हुए कांग्रेस नेतृत्व ने दोनों नेताओं को निमंत्रण नहीं भेजा है। दरअसल विपक्षी दलों के बीच सबसे बड़ा पेंच प्रधानमंत्री पद के चेहरे को लेकर फंसा हुआ है। ऐसे में कांग्रेस के निमंत्रण के प्रति विपक्षी नेताओं की ओर से सकारात्मक जवाब की उम्मीद काफी कम नजर आ रही है।