Congress: छत्तीसगढ़ के बाद अब राजस्थान का विवाद सुलझाने की तैयारी, सचिन पायलट को लेकर क्या है कांग्रेस का प्लान

Rajasthan Congress: पार्टी नेतृत्व ने छत्तीसगढ़ में सिंहदेव को डिप्टी सीएम बना कर विवाद को सुलझाया है तो अब राजस्थान में नाराज चल रहे नेता सचिन पायलट को मनाने के लिए भी प्लान तैयार कर लिया गया है।

Monika
Published on: 30 Jun 2023 6:36 AM GMT
Congress: छत्तीसगढ़ के बाद अब राजस्थान का विवाद सुलझाने की तैयारी, सचिन पायलट को लेकर क्या है कांग्रेस का प्लान
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Sachin Pilot Ashok Gehlot (PHOTO: SOCIAL MEDIA )

Rajasthan Congress: छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और वरिष्ठ मंत्री टीएस सिंहदेव के बीच लंबे समय से जारी विवाद को सुलझाने के बाद अब कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व ने राजस्थान पर निगाहें गड़ा दी हैं। पार्टी नेतृत्व ने छत्तीसगढ़ में सिंहदेव को डिप्टी सीएम बना कर विवाद को सुलझाया है तो अब राजस्थान में नाराज चल रहे नेता सचिन पायलट को मनाने के लिए भी प्लान तैयार कर लिया गया है।

राजस्थान में इस साल विधानसभा चुनाव होने वाला है और यही कारण है कि कांग्रेस नेतृत्व जल्द से जल्द मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के बीच विवाद को सुलझाकर पार्टी की चुनावी संभावनाओं को मजबूत बनाने की कोशिश में जुटा हुआ है। माना जा रहा है कि सचिन पायलट को जल्द ही पार्टी में बड़ी भूमिका दी जा सकती है।

दिल्ली बैठक के बाद भी नहीं सुलझा विवाद

राजस्थान में लंबे समय से हर पांच साल पर भाजपा और कांग्रेस के बीच सत्ता की अदला-बदली होती रही है। यही कारण है कि भाजपा इस बार पूरी ताकत लगाकर कांग्रेस को सत्ता से बेदखल करने की कोशिश में जुटी हुई है। भाजपा को जवाब देने में कांग्रेस के लिए सबसे बड़ी बाधा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और राज्य के वरिष्ठ नेता सचिन पायलट के बीच चल रहा विवाद है। विपक्षी खेमे को जवाब देने की जगह कांग्रेस इन दोनों नेताओं के विवाद में ही उलझी हुई है।

इस कारण पार्टी का शीर्ष नेतृत्व अब जल्द से जल्द राजस्थान का विवाद सुलझाने की कोशिश में जुट गया है। पिछले दिनों कांग्रेस नेतृत्व की ओर से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट के साथ बैठक की गई थी। इस बैठक के बाद कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने दोनों नेताओं के मिलकर चुनाव लड़ने की बात कही थी मगर विवाद सुलझता हुआ नजर नहीं आया। इसी कारण जल्द ही दोनों नेताओं के साथ एक बार फिर बैठक करने की तैयारी है।

पायलट के लिए क्या है कांग्रेस का प्लान

कांग्रेस से जुड़े सूत्रों का कहना है कि सचिन पायलट को सम्मानजनक पद देने की तैयारी तो जरूर है मगर छत्तीसगढ़ के फार्मूले के आधार पर राजस्थान का विवाद नहीं सुलझ सकता। कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि पायलट को एक बार फिर राज्य का डिप्टी सीएम तो नहीं बनाया जाएगा मगर उन्हें राज्य में कांग्रेस कैंपेन कमेटी का प्रमुख बनाया जा सकता है। माना जा रहा है कि शीर्ष नेतृत्व के इस कदम में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को भी कोई आपत्ति नहीं होगी।

कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक सचिन पायलट के लिए एक और विकल्प तैयार रखा गया है। उन्हें कांग्रेस वर्किंग कमिटी का मेंबर बनाने के साथ ही राष्ट्रीय कमेटी में महासचिव की जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है। हालांकि इन दोनों विकल्पों पर सचिन पायलट की रजामंदी भी जरूरी होगी और अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि इस पर सचिन पायलट की क्या प्रतिक्रिया होगी।

गहलोत के चोटिल होने से टल सकती है बैठक

वैसे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के चोटिल हो जाने के कारण अब राजस्थान विवाद सुलझने में थोड़ा विलंब हो सकता है। गहलोत और पायलट को 3 जुलाई को दिल्ली बुलाया गया था मगर सीएम आवास में टहलते समय गहलोत के पैर के अंगूठे में चोट लग गई है। उन्हें फिलहाल कच्चा प्लास्टर लगाया गया है और 7 दिन के आराम की सलाह दी गई है।

माना जा रहा है कि डॉक्टरों की सलाह के बाद दिल्ली में होने वाली बैठक को कुछ समय के लिए टाली जा सकती है। इस बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के अलावा पार्टी के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी भी हिस्सा लेंगे।

दोनों नेताओं के बीच लंबे समय से विवाद

सचिन पायलट और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बीच लंबे समय से विवाद चल रहा है और इस कारण कांग्रेस की चुनावी संभावनाओं पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है। 2018 में कांग्रेस के चुनाव जीतने के समय सचिन पायलट ही पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष थे। राज्य के मुख्यमंत्री पद पर उन्होंने भी निगाहे लगा रखी थीं मगर पार्टी नेतृत्व ने अशोक गहलोत को राज्य की कमान सौंपी थी।

उस समय तो सचिन पायलट ने डिप्टी सीएम बनना मंजूर कर लिया था मगर 2020 में उन्होंने अपने समर्थक विधायकों के साथ मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ बागी तेवर अपना लिए थे। बाद में वरिष्ठ नेताओं के हस्तक्षेप से इस विवाद को सुलझाया गया मगर गहलोत और सचिन पायलट ने एक-दूसरे पर निशाना साधना नहीं छोड़ा। अब यह देखने वाली बात होगी कि कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व इस विवाद को सुलझाने में कहां तक कामयाब हो पाता है।

Monika

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पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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