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आम बजट पर संग्रामः आखिर क्यों कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी पार्टियां आम बजट से डरी है?

कांग्रेस समेत 16 विपक्षी पार्टियों ने राष्ट्रपति और मुख्य चुनाव आयुक्त को पत्र लिखा था। उनका कहना है कि सरकार तय समय से पहले बजट लाकर फायदा उठाना चाहती है

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Published on: 5 Jan 2017 12:00 PM IST
आम बजट पर संग्रामः आखिर क्यों कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी पार्टियां आम बजट से डरी है?
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नई दिल्ली: केंद्र सरकार और विपक्ष में अब आम बजट को लेकर भिड़ंत के आसार जोर पकड़ने लगे हैं। कांग्रेस समेत 16 विपक्षी पार्टियां चुनाव आयुक्त से मिलने पहुंची हैं। ये पार्टियां चाहती हैं कि केंद्र सरकार चुनाव के बाद आम बजट पेश करे।

2012 में इन्हीं 5 राज्यों में विधानसभा चुनाव हुए थे। उस वक्त प्रेसीडेंट प्रणब मुखर्जी वित्त मंत्री थे। उन्होंने आम बजट को टाल दिया था और बजट 16 मार्च 2012 को पेश किया गया था। अब विपक्षी दलों ने प्रेसीडेंट प्रणब मुखर्जी के सामने इसे रोकने की गुहार लगाई है। अब फैसला उन्हीं को लेना है। देखना होगा कि वे प्रेसीडेंट के रुप में क्या निर्णय लेते हैं।

दरअसल, कांग्रेस समेत 16 विपक्षी पार्टियों ने राष्ट्रपति और मुख्य चुनाव आयुक्त को पत्र लिखा था। उनका कहना है कि केंद्र सरकार तय समय से पहले बजट लाकर यूपी सहित पांच राज्यों में होने वाले चुनाव में फायदा उठाना चाहती है।

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गौरतलब है कि इससे पहले संसदीय मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने मंगलवार को बजट सत्र 31 जनवरी से शुरू होने का फैसला लिया था। 1 फरवरी को वित्त मंत्री जेटली बजट पेश करेंगे। विपक्षी पार्टियों का मानना है कि इस बार बजट तय समय (अमूमन बजट फ़रवरी के आखिरी हफ्ते में पेश किया जाता रहा है) से लगभग तीन हफ्ते पहले लाया जा रहा है, जिसमें बीजेपी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर फायदा उठा सकती है।

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सरकार ला सकती है रिझाने वाले स्कीम

विपक्षी पार्टियों ने यह पत्र पिछले हफ्ते भेजा था। इसमें केंद्र सरकार की मंशा पर सवाल उठाए गए हैं। विपक्षी पार्टियों का मानना है कि सरकार लोगों को रिझाने वाले स्कीम लाकर चुनावी फायदा लेना चाहती है।

सरकार को जल्दी बजट लाने से रोकें

पत्र में आगे कहा गया है कि स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के लिए सरकार को जल्दी बजट लाने से रोका जाना चाहिए। इस पत्र में साल 2012 का भी जिक्र करते हुए लिखा गया है कि तब भी यूपी, पंजाब, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में चुनाव होने थे लेकिन यूपीए सरकार ने बजट को 16 मार्च तक के लिए आगे बढ़ा दिया था।

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जल्दी बजट से मतदान पर पड़ेगा प्रभाव

इस पात्र पर जिन लोगों के हस्ताक्षर हैं उनमें राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद, सीताराम येचुरी, राम गोपाल यादव और शरद यादव शामिल हैं। सरकार के इस कदम पर एतराज जताते हुए कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने कहा, ‘जल्दी बजट आने से चुनाव में होने वाले मतदान पर प्रभाव पड़ना तय है।’

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