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Constitution Day: क्यों मनाया जाता है संविधान दिवस? जानिए भारतीय संविधान की 10 खास बातें

26 नवंबर 1949 को भारतीय संविधान सभा की तरफ से इसे अपनाया गया और 26 नवंबर 1950 को इसे लोकतांत्रिक सरकार प्रणाली के साथ लागू किया गया।

Aditya Mishra
Published on: 26 Nov 2018 11:57 AM IST
Constitution Day: क्यों मनाया जाता है संविधान दिवस? जानिए भारतीय संविधान की 10 खास बातें
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नई दिल्ली: देश में हर साल 26 नवंबर को संविधान दिवस मनाया जाता है। इस दिन संविधान निर्माता डॉं.भीमराव अंबेडकर को याद किया जाता है। यह दुनिया के सभी संविधानों को परखने के बाद बनाया गया। इसे विश्व का सबसे बड़ा संविधान माना जाता है। यह हस्तलिखित संविधान है।

इसे तैयार करने में 2 साल 11 महीने और 17 दिन का वक्त लगा था। यूजीसी ने भी देश के सभी विश्वविद्यालयों को आदेश दिया कि वे 26 नवंबर को 'संविधान दिवस' के रूप में मनाएं।

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26 नवम्बर को संविधान दिवस मनाये जाने की ये है वजह

26 नवंबर 1949 को भारतीय संविधान सभा की तरफ से इसे अपनाया गया और 26 नवंबर 1950 को इसे लोकतांत्रिक सरकार प्रणाली के साथ लागू किया गया। यह वजह है कि 26 नवंबर को संविधान दिवस के तौर पर मनाया जाता है।

इसके लिए 29 अगस्त 1947 को भारत के संविधान का मसौदा तैयार करनेवाली समिति की स्थापना की गई थी। इसके अध्यक्ष के तौर पर डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की नियुक्ति हुई थी।

संविधान का मसौदा तैयार करने वाली समिति हिंदी और अंग्रेजी दोनों में ही हस्तलिखित और कॉलीग्राफ्ड थी। संविधान सभा के 284 सदस्यों ने 24 जनवरी 1950 को दस्तावेज पर हस्ताक्षर किए। दो दिन बाद इसे लागू किया गया था।

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भारतीय संविधान से जुड़ी 10 खास बातें:-

1. देश का सर्वोच्चा कानून हमारा संविधान 26 नवंबर, 1949 में अंगीकार किया गया था।

2. संविधान सभा को इसे तैयार करने में दो साल, 11 महीने और 18 दिन का समय लगा।

3. संविधान सभा पर अनुमानित खर्च 1 करोड़ रुपये आया था।

4. मसौदा लिखने वाली समिति ने संविधान हिंदी, अंग्रेजी में हाथ से लिखकर कैलिग्राफ किया था और इसमें कोई टाइपिंग या प्रिंटिंग शामिल नहीं थी।

5. संविधान सभा के सदस्य भारत के राज्यों की सभाओं के निर्वाचित सदस्यों के द्वारा चुने गए थे। जवाहरलाल नेहरू, डॉ भीमराव अम्बेडकर, डॉ राजेन्द्र प्रसाद, सरदार वल्लभ भाई पटेल, मौलाना अबुल कलाम आजाद आदि इस सभा के प्रमुख सदस्य थे।

6. 11 दिसंबर 1946 को संविधान सभा की बैठक में डॉ. राजेंद्र प्रसाद को स्थायी अध्यक्ष चुना गया, जो अंत तक इस पद पर बने रहें।

7. इसमें अब 465 अनुच्छेद, तथा 12 अनुसूचियां हैं और ये 22 भागों में विभाजित है। इसके निर्माण के समय मूल संविधान में 395 अनुच्छेद, जो 22 भागों में विभाजित थे इसमें केवल 8 अनुसूचियां थीं।

8. संविधान की धारा 74 (1) में यह व्यगवस्थाज की गई है कि राष्ट्रगपति की सहायता को मंत्रिपरिषद् होगी जिसका प्रमुख पीएम होगा।

9. हमारा संविधान विश्वद का सबसे लंबा लिखित संविधान है।

10. आज से ठीक 66 वर्ष पहले भारतीय संविधान तैयार करने एवं स्वीकारने के बाद से इसमें पूरे 100 संशोधन किए जा चुके हैं।

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Aditya Mishra

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