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Constitution Of India: जानों संविधान को, नमन करो संविधान को : आज ही के दिन अपनाया गया था भारत का संविधान

Constitution Of India: आज संविधान दिवस या संवत् दिवस है। आज के दिन को राष्ट्रीय कानून दिवस के रूप में भी जाना जाता है। दरअसल, 1949 में इसी दिन भारत की संविधान सभा ने औपचारिक रूप से भारत के संविधान को अपनाया जो 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ था।

Neel Mani Lal
Written By Neel Mani Lal
Published on: 26 Nov 2023 8:41 AM GMT
Know the Constitution, bow to the Constitution: The Constitution of India was adopted today
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जानों संविधान को, नमन करो संविधान को: आज ही अपनाया गया था भारत का संविधान: Photo- Social Media

Constitution Of India: आज संविधान दिवस या संवत् दिवस है। आज के दिन को राष्ट्रीय कानून दिवस के रूप में भी जाना जाता है। दरअसल, 1949 में इसी दिन भारत की संविधान सभा ने औपचारिक रूप से भारत के संविधान को अपनाया जो 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ था।

26 नवम्बर के दिन को संविधान दिवस के रूप में मानने का एक बड़ा कारण युवाओं में संविधान के मूल्यों को बढ़ावा देना है। दरअसल यही वह दिन है, जब गुलामी की जंजीरों से आजाद होकर अपने स्वतंत्र अस्तित्व को आकार देने का प्रयास कर रहे राष्ट्र ने संविधान को अंगीकार किया था। इसी दिन संविधान सभा ने इसे अपनी स्वीकृति दी थी। इस वजह से इस दिन को संविधान दिवस’ के तौर पर मनाया जाता है।

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संविधान दिवस की शुरुआत

2015 में डॉ बी.आर.अंबेडकर की 125 वीं जयंती के अवसर पर 11 अक्टूबर, 2015 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा मुंबई में स्टैच्यू ऑफ इक्वेलिटी की आधारशिला रखते हुए हर साल संविधान दिवस मनाने घोषणा की गई थी। इसके बाद 19 नवंबर 2015 को केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने नागरिकों के बीच संविधान मूल्यों को बढ़ावा देने के लिए हर साल 26 नवंबर को 'संविधान दिवस' के रूप में मनाने की अधिसूचना जारी की। बता दें कि डॉ. अम्बेडकर को 29 अगस्त, 1947 को संविधान मसौदा समिति के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया था। हमारा संविधान भारत के लिखित सिद्धांतों और उदाहरणों का एक समूह है जो मूलभूत राजनीतिक सिद्धांतों, प्रक्रियाओं, अधिकारों, निर्देश सिद्धांतों, प्रतिबंधों और सरकार और देश के नागरिकों के कर्तव्यों को पूरा करता है। यह भारत को एक संप्रभु, धर्मनिरपेक्ष, समाजवादी और लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित करता है और अपने नागरिकों की समानता, स्वतंत्रता और न्याय का आश्वासन देता है।

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खास बातें

- विश्व में भारत का संविधान सबसे बड़ा लिखित संविधान है। संविधान लागू होने के समय इसमें 395 अनुच्छेद, 8 अनुसूचियां और 22 भाग थे, जो वर्तमान में बढ़कर 448 अनुच्छेद, 12 अनुसूचियां और 25 भाग हो गए हैं।

- यह हस्तलिखित संविधान है जिसमें 48 आर्टिकल हैं। इसे तैयार करने में 2 साल 11 महीने और 17 दिन का वक्त लगा था।

- भारतीय संविधान की मूल प्रतियां हिंदी और अंग्रेजी में लिखी गई थीं। संविधान का मसौदा तैयार करने वाली संविधान सभा के प्रत्येक सदस्य ने संविधान की दो प्रतियों पर हस्ताक्षर किए, एक हिंदी में और दूसरी अंग्रेजी में।

- हमारे संविधान में अन्य देशों से कई विचारों को शामिल किया है। संविधान की प्रस्तावना अमेरिका के संविधान से ली गई है।

- भारत के संविधान की तीन मूल प्रतियां हैं। ये सभी प्रतियाँ संसद के केन्द्रीय पुस्तकालय में सुरक्षित रखी हुई हैं। संविधान की मूल प्रति 22 इंच लंबी और 16 इंच चौड़ी है। यह चर्मपत्र की चादरों पर लिखा गया है और इसकी पांडुलिपि में 251 पृष्ठ हैं। संविधान की मूल प्रति खराब न हो, इसका पूरा ध्यान रखा गया है, इसलिए इसे हीलियम गैस से भरे डिब्बे में रखा गया है।

- भारतीय संविधान में सरकार के संसदीय स्‍वरूप की व्‍यवस्‍था की गई है जिसकी संरचना कुछ अपवादों के अतिरिक्त संघीय है।

- हमारे संविधान को अपनाने के केवल तीन साल बाद, इसके मुख्य वास्तुकार, डॉ अंबेडकर ने संसद में इसका सार्वजनिक रूप से परित्याग कर दिया था। 1953 में उन्होंने राज्यसभा में इसकी निंदा करते हुए कहा था : “सर, मेरे मित्र मुझसे कहते हैं कि मैंने संविधान बनाया है। लेकिन मैं यह कहने के लिए तैयार हूं कि मैं इसे जलाने वाला पहला व्यक्ति बनूंगा। मुझे वह नहीं चाहिए। यह किसी को शोभा नहीं देता।” अम्बेडकर ने यह बयान संविधान के कुछ ऐसे मुद्दों की प्रतिक्रिया के रूप में दिया, जिन पर कभी ध्यान नहीं दिया गया, जिनमें से एक तथ्य यह था कि राज्यों के राज्यपाल के पास कोई वास्तविक शक्ति नहीं होती है और सभी यथार्थवादी उद्देश्यों के लिए वह सिर्फ एक 'रबर-स्टांप' होता है। अम्बेडकर लोकतंत्र के संसदीय स्वरूप के भी आलोचक थे और मानते थे कि यह भारत की जटिल सामाजिक संरचना के अनुरूप नहीं है।

Shashi kant gautam

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