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JNU Controversy: फिर से एकबार विवादों में जेएनयू, यूनिवर्सिटी की दीवारों पर लिखे गए विवादित नारे, ABVP ने उठाई जांच की मांग
JNU Controversy: दिल्ली स्थित जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) एकबार फिर से विवादों में है। यूनिवर्सिटी की दीवारों पर विवादित स्लोगन लिखे जाने का मामला सामने आया है। जिससे कैंपस का माहौल एकबार फिर गरमा गया है।
JNU Controversy: दिल्ली स्थित जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) एकबार फिर से विवादों में है। यूनिवर्सिटी की दीवारों पर विवादित स्लोगन लिखे जाने का मामला सामने आया है। जिससे कैंपस का माहौल एकबार फिर गरमा गया है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने घटना का विरोध करते हए विश्वविद्यालय प्रबंधन से जांच की मांग की है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, शनिवार देर रात किसी अज्ञात द्वारा यूनिवर्सिटी के लेंग्वेज स्टडी सेंटर की दीवारों और फर्श पर फ्री कश्मीर, मोदी तेरी कब्र खुदेगी और भगवा जलेगा जैसे नारे लिखे गए। सुबह जब छात्र उठे तो उनका ध्यान इन विवादित नारों के ऊपर गया, जिसके बाद कैंपस में खलबली मच गई। मामला तूल पकड़ता उससे पहले ही यूनिवर्सिटी प्रबंधन एक्टिव हो गया और फौरन विवादित नारों दिया गया।
लेकिन तब तक छात्रों ने इसकी तस्वीर खींचकर सोशल मीडिया पर डाल दी, जिसके बाद ये वायरल हो गया। जेएनयू प्रशासन फिलहाल इस मामले में कुछ भी कहने से बच रहा है। उनका कहना है कि मामले की जांच की जा रही है, जिसके बाद आगे की कार्रवाई होगी। नारे किसने लिखे इसका भी पता नहीं चल पाया है। वहीं, इस चर्चित प्रकरण पर दिल्ली पुलिस ने कहा कि यूनिवर्सिटी की ओर से कोई शिकायत नहीं दर्ज कराई गई है। यह विश्वविद्यालय का अंदरूनी मामला है।
ABVP ने उठाई जांच की मांग
विवादित स्लोगन को लेकर छात्र संगठन ABVP भड़की हुई है। दीवारों पर विवादित नारे लिखे जाने को लेकर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने जेएनयू प्रबंधन को सौंपा है। उन्होंने प्रबंधन से मामले को गंभीरता से लेने और इसकी जल्द से जल्द जांच कराने की मांग की है।
जेएनयू का है विवादों से पुराना नाता
जेएनयू की गिनती देश के प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थानों में होती है, जहां देशभर के छात्र-छात्राएं पढ़ने की तमन्ना रखते हैं। यहां बड़ी संख्या में विदेशी छात्र भी उच्च शिक्षा ग्रहण करते हैं। इस यूनिवर्सिटी की खासियत ये है कि इसकी जमीन छात्र राजनीति के लिए काफी उर्वर मानी जाती है। यहां अक्सर लेफ्ट और राइट विचारधारा के छात्र संगठनों के बीच टकराव की घटनाएं होती रहती हैं।
इसी साल फरवरी में छत्रपति शिवाजी महाराज के पोट्रेट को नुकसान पहुंचाए जाने को लेकर छात्रों के दो गुटों के बीच हिंसा भड़क गई थी। इससे पहले जनवरी में गुजरात दंगों में पीएम मोदी की भूमिका को लेकर बनी बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग को लेकर भी भारी बवाल हुआ था। वही, बीते साल नवंबर में ब्राह्मणों और बनियों के खिलाफ आपत्तिजनक नारे लिखे गए थे।