TRENDING TAGS :
संतों के बीच हाथापाई: धर्म संसद में एक दूसरे पर ही टूट पड़े संत, नहीं सुलझ सका हनुमानजी के जन्मस्थान पर विवाद
Maharashtra News Today: हनुमान की जन्मस्थली को लेकर संत-महात्माओं के बीच आपस में ही विवाद हो गया है। यहां तक कि महंत सुधीरदास और महंत गोविंदानंद सरस्वती के बीच लड़ाई छिड़ गई।
Maharashtra News Today: पवनपुत्र हनुमान की जन्मस्थली पर चल रहे विवाद का पटाक्षेप करने बैठे संत-महात्माओं के बीच आपस में ही विवाद हो गया है। संतों के बीच हाथापाई तक की नौबत आ गई। नासिक (Nashik) के कालाराम मंदिर (Kalaram Mandir) के महंत सुधीरदास और कर्नाटक (Karnataka) के किष्किंधा (Kishkindha) के महंत गोविंदानंद सरस्वती (Mahant Govindanand Saraswati) के बीच लड़ाई छिड़ गई। महंत सुधीरदास इस कदर अपना आपा खो बैठे कि उन्होंने पास में मौजूद एक रिपोर्टर की माइक छिनकर गोविंदानंद सरस्वती पर हमला बोल दिया।
हालांकि स्थिति को ज्यादा बिगड़ने से पहले ही वहां मौजूद अन्य साधु – संतों ने इसे संभाल लिया था। इसके बाद धर्म संसद बिना किसी नतीजे के रद्द हो गई। बता दें कि इस धर्म संसद में नासिक, त्रयंम्बकेशवर, कर्नाटक और सोलापुर के करीब 20-25 साधु – संत शामिल हुए थे।
हनुमान जी के धर्मस्थान को लेकर दावे
भगवान राम और श्रीकृष्ण की जन्मभूमि को लेकर चल रहे विवाद के बीच पवनपुत्र हनुमान की जन्मस्थली को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। हिंदू संतों ने भगवान हनुमान के जन्मस्थान को लेकर अलग - अलग दावे पेश किए हैं। जिसे लेकर विवाद गहरा गया है। भगवान हनुमान के जन्मस्थान को लेकर कर्नाटक के किष्किंधा, महाराष्ट्र के नासिक और आंध्र प्रदेश के तिरूमाला तिरूपति देवस्थानम के अपने – अपने दावे हैं।
इसके अलावा गुजरात, बिहार और झारखंड में भी हनुमान जी के जन्मस्थान को लेकर दावा किया जा चुका है। मामले को बढ़ता देख महंत श्री मंडलाचार्य पीठाधीश्वर स्वामी अनिकेत शास्त्री देशपांडे महाराज ने 31 मई को नासिक में धर्म संसद बुलाई थी। पूर्व के कार्यक्रम के मुताबिक, इस धर्म संसद में देशभर से आए साधु – संत भगवान हनुमान की जन्मभूमि के संबंध में अपने विचार रखते और इसके बाद धर्म संसद इसपर अपना अंतिम फैसला सुनाती। लेकिन संतों के बीच झगड़े के कारण यह बैठक असफल रहा।
कैसे उठा विवाद?
दरअसल कर्नाटक के एक महंत गोविंदानंद ने महाराष्ट्र के नाशिक के त्रयंम्बकेशवर में अंजनेरी में हनुमान जी के जन्म पर सवाल उठाया है। महंत गोविंदानंद का दावा है कि हनुमानजी का जन्म अंजनेरी में नहीं बल्कि किष्किंधा में हुआ था। गौरतलब है कि किष्किंधा पर्वत कर्नाटक में स्थित है। महंत गोविंदानंद यहीं के महंत हैं। उन्होंने वाल्मीकी रामायण समेत कई वेदों और पुराणों का उल्लेख करते हुए दावा किया कि किष्किंधा पर्वत पर ही हनुमान जी का जन्म हुआ था। इस दावे पर आज यानि 31 मई को नासिक में महंत गोविंदानंद और त्रयंम्बकेशवर के महंत अनिकेत शास्त्रीे महाराज के बीच शास्त्रार्थ होना था।
दोस्तों देश और दुनिया की खबरों को तेजी से जानने के लिए बने रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलो करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।