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Bulldozer In India Day Parade: इंडिया डे परेड में बुलडोजर लाने पर छिड़ा विवाद

Bulldozer In India Day Parade: अमेरिका में इंडिया डे परेड (India Day Parade) में एक बुलडोजर का प्रदर्शन (bulldozer performance) करने पर विवाद खड़ा हो गया है।

Neel Mani Lal
Written By Neel Mani Lal
Published on: 26 Aug 2022 5:40 PM IST
Controversy erupted over bringing bulldozers in India Day Parade
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इंडिया डे परेड: इंडिया डे परेड में बुलडोजर लाने पर छिड़ा विवाद: Photo- Social Media

New Delhi: अमेरिका (America) में इंडिया डे परेड (India Day Parade) में एक बुलडोजर का प्रदर्शन (bulldozer performance) करने पर विवाद खड़ा हो गया है। बुलडोजर लाने वाले इंडियन बिजनेस एसोसिएशन के खिलाफ न्यूजर्सी टाउन काउंसिल में शिकायत की गई है और उससे माफी मांगने की मांग की जा रही है जबकि एसोसिएशन ने इससे साफ मना कर दिया है।

न्यू जर्सी (new Jersey) के इंडियन बिजनेस एसोसिएशन (आईबीए) ने कहा है कि वह परेड में बुलडोजर लाने के लिए माफी नहीं मांगेगा। न्यू जर्सी के एडिसन में बीते बुधवार टाउनशिप काउंसिल की मैराथन बैठक में बुलडोजर का मसला जोरशोर से उठा और इसपर तीखी बहस हुई।

पूर्वाग्रही शिकायत

बैठक के बाद आईबीए के अध्यक्ष चंद्रकांत पटेल ने बताया कि उनका संगठन इस घटना के लिए माफी नहीं मांगेगा क्योंकि उसने ऐसा कुछ गलत नहीं किया है।" उन्होंने कहा कि यह एक पूर्वाग्रही शिकायत है। बुलडोजर केवल सरकारी जमीन पर अवैध ढांचे को गिराने का प्रतिनिधित्व करता है।"

हुआ ये था कि भारत की स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित एक रैली के हिस्से के रूप में आयोजकों ने एडिसन की सड़कों पर एक बुलडोजर की व्यवस्था की थी। उसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पोस्टरों से सजाया गया था।

आईबीए के खिलाफ कार्रवाई की मांग

कई भारतीय-अमेरिकी मुसलमानों ने कहा कि वे विशेष रूप से इस बात से दुखी हैं कि आईबीए ने "नफरत" के इन प्रतीकों को एडिसन को लाने का फैसला किया। इंडियन अमेरिकन मुस्लिम काउंसिल, काउंसिल फॉर अमेरिकन इस्लामिक रिलेशंस और हिंदू फॉर ह्यूमन राइट्स जैसे संगठनों ने आईबीए के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।

टाउनशिप काउंसिल की बैठक में काफी गर्मागर्मी रही और कई निवासियों ने परिषद के सदस्य अजय पाटिल पर हितों के टकराव का आरोप लगाया, क्योंकि वह आईबीए के उपाध्यक्ष भी थे। पाटिल को इस मुद्दे से खुद को अलग करने के लिए कहा गया, क्योंकि लोगों का कहना था कि घटना के बाद पहली परिषद की बैठक में, वह एकमात्र सदस्य थे जिन्होंने घटना की निंदा करने से परहेज किया था।

रैली में बुलडोजर को शामिल करने का बचाव

इग्नाइट चर्च के बिशप निकोलास जी ब्राउन ने बैठक में पूछा कि "क्या ऐसा हो सकता है कि जिस व्यक्ति ने इस कृत्य की निंदा नहीं की, वह आईबीए का उपाध्यक्ष हो?"आईबीए के कई प्रतिनिधियों और समर्थकों ने बैठक में भाग लिया और रैली में बुलडोजर को शामिल करने का बचाव किया। उन्होंने बुलडोजर को भारत में "कानून और व्यवस्था" का प्रतीक बताया। एडिसन के निवासी एक हिंदू अमेरिकी ने काउंसिल को बताया कि इस मुद्दे को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया गया है।

कुछ अन्य निवासियों ने कहा कि आईबीए द्वारा तथ्यों को गलत तरीके से पेश करने और परिषद और जनता दोनों को भ्रमित करने का जानबूझकर प्रयास किया गया था।भारतीय मूल के अमेरिकी नगरिक डॉमिनिक सिकेरा ने कहा कि "यदि आप भारत का 75वां स्वतंत्रता दिवस मना रहे हैं, तो आप देश की विरासत का जश्न मना रहे हैं; आप विकास और समृद्धि का जश्न मना रहे हैं, ऐसे में विनाश का प्रतीक नहीं दिखाना चाहिए।

पिछले हफ्ते शहर की लीडरशिप ने कहा था कि उन्हें नहीं पता था कि एक बुलडोजर परेड का हिस्सा होगा और न ही उन्हें इस बात की जानकारी थी कि यह क्या दर्शाता है। लेकिन आईबीए के अध्यक्ष पटेल ने दावा किया है कि शहर काउंसिल को सूचित किया गया था कि एक बुलडोजर पटेड का हिस्सा होगा।



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Shashi kant gautam

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