TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

बिना हिस्ट्री वाले कोरोना मरीज मिले लेकिन कम्यूनिटी स्प्रेड की आशंका नहीं

आइसीएमआर के डाक्टर रमन गंगाखेड़कर ने स्वीकार किया कि सांस की गंभीर बीमारी से ग्रसित कुछ लोगों को कोरोना वायरस पॉजिटिव पाया गया है, जिनका विदेशी यात्रा या फिर किसी कोरोना वायरस से ग्रसित व्यक्ति के संपर्क में आने की हिस्ट्री नहीं है।

SK Gautam
Published on: 29 March 2020 3:16 PM IST
बिना हिस्ट्री वाले कोरोना मरीज मिले लेकिन कम्यूनिटी स्प्रेड की आशंका नहीं
X

नई दिल्ली: बिना किसी ट्रैवल या कांटैक्ट हिस्ट्री वाले कोरोना वाइरस के मरीजों ने सरकार की चिंता बढ़ा दी है क्योंकि ये सामुदायिक संक्रमण का संकेत होता है। फिलहाल तो आइसीएमआर का कहना है कि ऐसे मरीजों की संख्या बहुत कम है और स्थिति फिलहाल पूरी तरह नियंत्रण में है।

कम्युनिटी ट्रांसमिशन का मामला

आइसीएमआर के डाक्टर रमन गंगाखेड़कर ने स्वीकार किया कि सांस की गंभीर बीमारी से ग्रसित कुछ लोगों को कोरोना वायरस पॉजिटिव पाया गया है, जिनका विदेशी यात्रा या फिर किसी कोरोना वायरस से ग्रसित व्यक्ति के संपर्क में आने की हिस्ट्री नहीं है। लेकिन डाक्टर रमन ने यह भी साफ कर दिया कि ऐसे लोगों की संख्या बहुत ही कम है और इसे कम्युनिटी ट्रांसमिशन का मामला नहीं माना जा सकता है। उनके अनुसार संचारी रोगों में कई बार लोगों को अपनी हिस्ट्री छुपाते देखा गया है।

कोरोना के मामले में भी कुछ ऐसे केस आए हैं, जो शुरू में अपनी विदेश यात्रा को छुपाते रहे, लेकिन बाद में स्वीकार कर लिया। उन्होंने कहा कि अपनी हिस्ट्री नहीं बताने वाले मरीजों की जांच की जा रही है कि उसे यह वायरस कहां से मिला।

ये भी देखें: कोरोना: मल्टी चैनल वेंटिलेटर डेवलप करेंगे पीजीआई और एकेटीयू

किट की कमी नहीं

डाक्टर रमन के अनुसार देश में जांच किट की कोई कमी नहीं है और अमेरिका से पांच लाख किट आ गए हैं। सरकारी लैब में 12 हजार हर दिन जांच की क्षमता है, लेकिन इसके 30 फीसदी का ही इस्तेमाल हो रहा है। निजी लैब में जांच शुरू हो गई है और अभी तक 440 लोग वहां जांच करा चुके हैं।

जिस किसी को भी जांच की जरूरत पड़ रही है, उसकी जांच की जा रही है और फिलहाल व्यापक टेस्टिंग की कोई जरूरत नहीं है। डाक्टर रमन ने देश में घर में ही टेस्ट कराने की सुविधा की इजाजत देने से भी इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि ऐसे में बहुत सारे लोग ऐसे होंगे जो कोरोना वायरस से ग्रसित होने के बावजूद इसकी जानकारी किसी को नहीं देंगे और यह खतरनाक हो सकता है।

इस बीच कोरोना के नए मामलों की बढ़ती संख्या के बाद सरकार ने कोरोना संक्रमण के हॉटस्पॉट पर ध्यान केंद्रित कर दिया है। इसके लिए ज्यादा संक्रामण वाले इलाके में एक-एक व्यक्ति पर निगरानी रखी जा रही है। लॉकडाउन के बारे में सरकार का कहना है की इसका अगले कुछ दिनों में परिणाम जरूर दिखने लगेगा। दरअसल कोरोना वायरस की चेन तोड़ने के लिए लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग के साथ-साथ सफाई पर ध्यान रखना जरूरी है।

ये भी देखें: चीन की बड़ी साजिश, अचानक बंद हुए दो करोड़ से अधिक फोन, शव गृह के बाहर भीड़

हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन है प्रभावी

आइसीएमआर के डाक्टर रमन ने माना है कि हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन से कोरोना से ग्रसित मरीज में वायरस की संख्या (वायरस लोड) कम हो जाता है। आइसीएमआर ने फिलहाल इस दवा को कोरोना मरीजों के करीबी में संपर्क में आने वालों और उनके इलाज में लगे स्वास्थ्यकर्मियों को देने की इजाजत दी है। ताकि उसके असर पर नजर रखी जा सके। उनसे आने वाले आंकड़े विश्लेषण के बाद ही हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन को आम लोगों के इस्तेमाल की सिफ़ारिश की जाएगी।



\
SK Gautam

SK Gautam

Next Story