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Corona Deaths: डरावना आंकड़ा-कोरोना की दूसरी लहर में हुईं 12 गुना ज्यादा मौतें
Corona Deaths: पहली लहर के दौरान भर्ती कुल 2.4 प्रतिशत मरीजों की मौत हुई। जबकि दूसरी लहर में 20.3 प्रतिशत मरीजों की मौत हुई थी।
Corona Deaths: कोरोना की दूसरी और सबसे भयः लहर के बारे में दिल्ली एम्स के एक अध्ययन में चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है। पता चला है कि कोरोना की दूसरी लहर में कोरोना के कारण पहली लहर की अपेक्षा 12 गुना ज्यादा मौतें हुई थीं। कोरोना के दूसरी लहर में 61.1 प्रतिशत मृतकों को ही कोई पुरानी बीमारी थी यानी काफी ऐसे मरीजों की जान गयी जिन्हें पहले से कोई बीमारी नहीं थी।
एम्स के डॉक्टरों का यह अध्ययन हाल ही में क्यूरियस जर्नल ऑफ मेडिसिन में प्रकाशित हुआ है। कोरोना के दौरान एम्स ने राष्ट्रीय कैंसर संस्थान (एनसीआई) को कोविड अस्पताल बनाया था और कोरोना की पहली लहर में मार्च 2020-दिसंबर 2020 के बीच इस अस्पताल में 6,333 और अप्रैल 2021- जून 2021 के बीच 2,080 मरीज भर्ती हुए थे। पहली लहर के दौरान भर्ती कुल 2.4 प्रतिशत मरीजों की मौत हुई। जबकि दूसरी लहर में 20.3 प्रतिशत मरीजों की मौत हुई थी। पहली लहर में कोरोना करीब डेढ़ प्रतिशत मरीजों की मौत का कारण बना था। जबकि दूसरी लहर में यह 17.7 प्रतिशत मरीजों की मौत का कारण बना।
पुरानी बीमारी
अध्ययन के अनुसार, कोरोना की पहली लहर में 90.4 प्रतिशत मृतकों को कोरोना के अलावा कोई दूसरी गंभीर पुरानी बीमारी भी थी। जो लोग पहले से स्वस्थ थे उनको कोरोना से ज्यादा नुकसान नहीं हुआ था। लेकिन दूसरी लहर में 61.1 प्रतिशत मृतकों को ही को-मार्बिडिटी थी। यानी बहुत से ऐसे मरीज मौत का शिकार हुए जिन्हें पहले से कोई बीमारी नहीं थी।
ऑक्सीजन की जरूरत
कोरोना की पहली लहर में सिर्फ 9.6 प्रतिशत मरीजों को ऑक्सीजन की जरूरत पड़ी थी। दूसरी लहर में 42.8 प्रतिशत मरीजों को आक्सीजन की जरूरत पड़ी। इस तरह दूसरी लहर में पहली लहर की तुलना में करीब साढ़े चार गुना अधिक मरीजों को आक्सीजन की जरूरत पड़ी थी।
अभी भी सतर्क रहना जरूरी
कोरोना वायरस में लगातार म्यूटेशन जारी है, इससे नए वेरिएंट्स के डेवलप होने का जोखिम बढ़ रहा है। हाल ही में यूके-यूएस और सिंगापुर में कोरोना संक्रमण के मामलों में तेज उछाल आया है। चूँकि बहुत सी जगह लोगों में कोरोना टेस्टिंग नहीं के बराबर है सो नए मामलों का पता नहीं चल पा रहा है।
अमेरिका और यूके सहित कई अन्य देशों में ओमिक्रॉन का पिरोला वेरिएंट बड़ी चिंता का कारण बना हुआ है। सबसे पहले इस साल जुलाई में इस नए वेरिएंट की पहचान की गई थी, इसके बाद से ये कई देशों में काफी तेजी से बढ़ा है। अध्ययनों में पता चला है कि यह ओमिक्रॉन का अब तक का सबसे अधिक म्यूटेशनों वाला वेरियंट है। इसमें 35 नए म्यूटेशन हैं और अधिक म्यूटेशनों का मतलब यह आसानी से शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को चकमा दे सकता है।
सिंगापूर में मुख्य रूप से दो वैरिएंट्स बीए 5 और एचके 3 के कारण मामले रिपोर्ट किए जा रहे हैं। ये दोनों ओमिक्रॉन के ही सब-वेरिएंट्स हैं। कुछ रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि देश में जिस तरह से संक्रमण के मामलों में उछाल आई है ऐसे में आशंका है कि संक्रमण की एक और लहर आ सकती है। भारत की बात करें तो हिमाचल प्रदेश में दो लोगों की कोरोना से मौत होने की खबर है।