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बुरी खबर: कोरोना वैक्सीन के ट्रायल पर लगाई गई रोक, ये है बड़ी वजह
कंपनी की ओर से सोमवार को जारी बयान में कहा गया कि उसने एक अध्ययन प्रतिभागी में एक अस्पष्टीकृत बीमारी के कारण अपने ट्रायल को अस्थायी रूप से रोक दिया है।
नई दिल्ली वर्ल्ड के सैकड़ों देश कोरोना की चपेट में है। कोरोना के कहर से 10 लाख 76 हजार से ज्यादा लोंगों की अब तक मौत दुनियाभर में हो चुकी है और 3 करोड़ 74 लाख से ज्यादा लोग कोविड-19 संक्रमण का शिकार हैं।कोरोना वायरस की प्रमाणिक वैक्सीन के लिए अभी भी दुनियाभर में शोध जारी है। रूस ने कोरोना की वैक्सीन बनाने का दावा किया है। कोरोना के वैक्सीन की उम्मीद लगाए लोगों को एक और झटका लगा है।
अस्थायी रूप से रोक
जॉनसन एंड जॉनसन ने कोरोना को लेकर किए जा रहे अपने क्लिनिकल ट्रायल को अस्थायी रूप से रोक दिया है। कंपनी की ओर से सोमवार को जारी बयान में कहा गया कि उसने एक अध्ययन प्रतिभागी में एक अस्पष्टीकृत बीमारी के कारण अपने ट्रायल को अस्थायी रूप से रोक दिया है।
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जॉनसन एंड जॉनसन की तरफ से एक स्टेटमेंट जारी
कंपनी ने कहा कि बड़े ट्रायल में ऐसे अस्थायी रोक चलती रहती हैं, जिसमें 10 हजार से अधिक लोगों पर ट्रायल किया जाता हो। जॉनसन एंड जॉनसन की तरफ से एक स्टेटमेंट जारी कर बताया गया, ‘हमने अपने सभी कोविड-19 वैक्सीन का क्लिनिकल ट्रायल अस्थायी रूप से रोक दिया है। कंपनी ने इसकी वजह शोध के दौरान एक पार्टिसिपेंट का बीमार होना बताया हैं।
बीमारी के कारण अपने ट्रायल पर रोक
जॉनसन एंड जॉनसन का कदम एस्ट्राजेनेका पीएलसी की तरह ही है। सितंबर में, एस्ट्राजेनेका ने अपने वैक्सीन के अंतिम चरण के ट्रायल पर रोक लगा दी थी। एस्ट्राजेनेका ने ब्रिटेन के एक शोध में नहीं समझ आनें वाली बीमारी के कारण अपने ट्रायल पर रोक लगाई थी। हालांकि यूके, ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका और भारत में परीक्षण फिर से शुरू हो गए हैं, लेकिन अमेरिकी में ट्रायल अभी शुरू नहीं हो पाया है।
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वैक्सीन के लिए ट्रायल
बता दें कि वैक्सीन डोज इम्यून रिस्पॉन्स पैदा करता है और सुरक्षित होने का भी पता चला। जिससे बड़े ग्रुप पर वैक्सीन उम्मीदवार के मानव परीक्षण को आगे किया जा सके। जुलाई में बंदरों पर जॉनसन एंड जॉनसन के सिंगल डोज से मजबूत सुरक्षा मिलने के बाद कंपनी को काफी उत्साह मिला था। उसने अमेरिकी सरकार की मदद से कोरोना वायरस संक्रमण के खिलाफ प्रारंभिक-माध्यमिक मानव परीक्षण शुरू किया।
जॉनसन एंड जॉनसन ने पिछले महीने अंतिम चरण का मानव परीक्षण 60 हजार लोगों पर शुरू करने में जुटी थी। जिसके रिजल्ट इस साल के अंत या 2021 की शुरुआत में आने की उम्मीद है। इससे पहले की रिपोर्ट में दावा किया गया था कि जॉनसन एंड जॉनसन की कोविड-19 वैक्सीन उम्मीदवार में कोरोना वायरस के खिलाफ मजबूत इम्यून रिस्पॉन्स मिला है।