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कोरोना पर चेतावनी, हालात होंगे और बदतर, 1 महीने में हुए ये बदलाव
भारत में एक बार फिर कोरोना के गहराते संकट को लेकर केंद्र सरकार की ओर से राज्यों को चेतावनी जारी की गई है।
नई दिल्ली: देश में कोरोना वायरस की दूसरी लहर (Coronavirus Second Wave in India) के आगाज के साथ ही तेजी से संक्रमितों की संख्या बढ़ने लगी है। दूसरी लहर पहले से भी ज्यादा खतरनाक है, जिसे लेकर केंद्र सरकार ने राज्यों को चेतावनी दी है। स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि जरा सी भी लापरवाही खतरनाक साबित हो सकती है। भारत में लगातार कोविड-19 के एक्टिव मामले बढ़ने से सरकार की चिंता बढ़ गई है।
केंद्र ने दी राज्यों को चेतावनी
भारत में एक बार फिर कोरोना के गहराते संकट को लेकर केंद्र सरकार की ओर से राज्यों को चेतावनी जारी की गई है। केंद्र ने कहा है कि कोरोना महामारी की दूसरी लहर से हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं। पूरा देश खतरे में है और किसी को भी लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए। बता दें कि देश के दस जिलों में सबसे ज्यादा सक्रिय मामले हैं। इनमें से आठ जिले केवल महाराष्ट्र के हैं।
पिछले साल की ही तरह इस बार फिर मार्च-अप्रैल में कोरोना का संकट गहरा गया है। एक बार फिर से महामारी ने पूरी तरह करवट बदली है। मौजूदा वक्त में कोविड-19 के चलते देश में हुए हालातों को चलिए समझते हैं।
7 प्वाइंट में समझें एक महीने में कितना विकराल हुआ कोरोना
आज यानी बुधवार तक भारत में कोरोना वायरस के एक्टिव मामलों की संख्या साढ़े पांच लाख के आंकड़े को पार कर गई है। देश में मौजूदा समय में कोविड-19 के 5.52 लाख एक्टिव केस हैं। जबकि कुल मामलों की संख्या 1.21 करोड़ है।
बता दें कि मार्च में देश में एक्टिव केस 1.76 लाख थे। लेकिन मार्च से कोरोना महामारी ने एक बार फिर से विकराल रूप धारण कर लिया और उसके बाद लगातार संक्रमितों की संख्या बढ़ती जा रही है।
कोरोना से सबसे ज्यादा महाराष्ट्र प्रभावित हुआ है। यहां पर कोरोना पॉजिटिव रेट की रफ्तार भी सबसे अधिक है। महाराष्ट्र का औसत 23 फीसदी तक पहुंच गया है। वहीं दूसरे नंबर पर पंजाब है, जहां ये औसत 8.82 फीसदी तक है।
मार्च के आखिरी 10 दिनों में महाराष्ट्र में रोजाना तीस हजार से ज्यादा कोरोना के मामले दर्ज किए जा रहे हैं। यहां एक मार्च को कोरोना के 80 हजार से कम एक्टिव मामले थे, जो तीस मार्च तक तीन लाख तक पहुंच गए हैं। देश में कुल एक्टिव केस का करीब 70 फीसदी सिर्फ महाराष्ट्र से ही है।
महाराष्ट्र के बाद पंजाब की स्थिति चिंताजनक है। यहां पर अब ढाई हजार से ज्यादा कोरोना के मामले सामने आ रहे हैं, जो कि फरवरी में करीब 300 केस रोजाना आते थे।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि अभी देश में करीब 47 जिले ऐसे हैं जहां पर सबसे अधिक ध्यान देने की जरूरत है। साथ ही इन जिलों में RT-PCR टेस्ट की संख्या बढ़ाने को कहा गया है।
इस बीच देश में वैक्सीनेशन की रफ्तार भी बढ़ा दी गई है। बीते एक महीने में तेजी से लोगों को वैक्सीन दी जा रही है। 31 मार्च तक भारत में 6.30 करोड़ से अधिक वैक्सीन की डोज दी जा चुकी हैं।