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दुनिया को कोरोना के कहर से बचाएंगी ये 6 वैक्सीन! जानिए इनके बारे में

कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया को तबाह कर दिया है और अब सबको वैक्सीन का इंतजार किया जा रहा है जो पूरी तरीके से कोरोना वायरस के संक्रमण को खत्म करने में मददगार साबित हो। वैज्ञानिकों की टीम लगातार इस पर काम कर रही है

suman
Published on: 13 May 2020 5:43 AM GMT
दुनिया को कोरोना के कहर से बचाएंगी ये 6 वैक्सीन! जानिए इनके बारे में
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नई दिल्ली कोरोना वायरस से संक्रमण को रोकने के लिए दुनिया भर के वैज्ञानिक वैक्सीन तैयार करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं ताकि इस महामारी को रोका जा सके। कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया को तबाह कर दिया है और अब सबको वैक्सीन का इंतजार किया जा रहा है जो पूरी तरीके से कोरोना वायरस के संक्रमण को खत्म करने में मददगार साबित हो। वैज्ञानिकों की टीम लगातार इस पर काम कर रही है लेकिन फिलहाल कोई रिजल्ट नही निकला है। लेकिन इस दौरान कुछ ऐसी भी वैक्सीन तैयार हो रही हैं जो कोरोना वायरस के मरीजों पर बेहतरीन तरीके से कार्य कर सकती है जानते है उसके बारे में...

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बीमारी के लक्षण

रिसर्च के अनुसार किसी भी बीमारी के लक्षण को पता करने के बाद उस पर पूरी रिसर्च की जाती है। फिर वैक्सीन बनाने की प्रक्रिया शुरू होती है। इस दौरान सबसे मुश्किल काम यह होता है कि जिस बीमारी या संक्रमण को खत्म करने के लिए वैक्सीन बनाई जा रही है, वह प्रभावी तरीके से उस संक्रमण को रोकने के लिए काम करे। इसके लिए सबसे पहले वैक्सीन का ट्रायल जानवरों पर किया जाता है और उसके बाद ह्युमन ट्रायल होता है। इन दोनों चरणों में पास होने के बाद ही यह वैक्सीन इस्तेमाल करने के लिए जारी की जाती है।

यहां यहां चल रही है वैक्सीन की प्रक्रिया

ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में डॉक्टरों की एक विशेष टीम ने कोरोना वायरस को खत्म करने के लिए एक वैक्सीन बनाई है। तीन महीने में “ChAdOx1 nCoV-19 नाम की वैक्सीन को बनाया है।” यह एक सामान्य कोल्ड वायरस, एडेनो वायरस के एक लक्षण से संबंध रखता है। यह बॉडी में कोरोना वायरस के स्पाइक प्रोटीन की पहचान करने में सक्षम करेगा। यह वैक्सीन अब परीक्षण के अंतिम चरण में है।

अमेरिका में, मैसाचुसेट्स स्थित बायोटेक कंपनी मॉडर्ना नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एलर्जी एंड इंफेक्शियस डिजीज (NIAID) के साथ मिलकर (RNA) पर आधारित एक वैक्सीन बना रही है। यह वैक्सीन mRNA-1273 के पहले चरण का परीक्षण करने के बाद दूसरे चरण के सफल परीक्षण की ओर आगे बढ़ रही है। आरएनए वैक्सीन मानव कोशिकाओं में प्रवेश करने के बाद काम करती है और वायरल प्रोटीन बनाने के लिए बॉडी टिश्यू को प्रेरित करती है।

चीनी वैज्ञानिकों ने बंदरों पर एक वैक्सीन के सफल परीक्षण का दावा किया है। शोधकर्ताओं ने वैक्सीन ( PiCoVacc )को बंदरों में इंजेक्ट किया जो कि एक चीनी बायोफार्मास्युटिकल कंपनी "सिनोवैक बायोटेक" द्वारा बनाया गया है। बंदरों को बाद में कोरोनो वायरस के संपर्क में लाया गया और यह पाया गया कि जिन बंदरों को इस वैक्सीन का टीका दिया गया था वे काफी हद तक वायरस से सुरक्षित थे।

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अमेरिका स्थित और उसके जर्मन पार्टनर बायोएनटेक चार आरएनए वैक्सीन पर एक साथ काम कर रहे हैं। उन्होंने अपने इस वैक्सीन "BNT162" के परीक्षण भी शुरू किए। यह वैक्सीन विशेष रूप से डिजाइन किए गए मैसेंजर आरएनए (मॉडर्न वैक्सीन के समान) पर आधारित है वहां 360 स्वस्थ वालंटियर पर इस वैक्सीन का ट्राय करने पर विचार किया जा रहा है।

भारत भी प्रयासरत

इधर खबरों के अनुसार, भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) ने भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड (BBIL) के साथ मिलकर कोविड-19 वैक्सीन विकसित की है। यह वैक्सीन पुणे में वायरस का इस्तेमाल करेगा। इसे नीव(NIV) से (BBIL) में सफलतापूर्वक स्थानांतरित कर दिया गया है।

इसके अलावा, सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII), जो वॉल्यूम के आधार पर वैक्सीन बनाने में दुनिया की सबसे बड़ी निर्माता कंपनी है, इसने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के साथ एक वैक्सीन की 60 मिलियन डोज का उत्पादन करने के लिए साझेदारी की है। फिलहाल देश के अलग बड़े रिसर्च संस्थानों में वैक्सीन तैयार करने का काम तेजी से चल रहा है।

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