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कोरोना का असर: पंजाब के बाजारों में घटी विदेशी फलों की मांग, इंडियन फ्रूट्स की बल्ले-बल्ले
कोरोना वायरस का असर आमजन के साथ-साथ बाजार पर भी दिखने लगा है। कोरोना के चलते एक तरफ जहां दुनिया के विभिन्न देशों के शेयर मार्केट औंधेमुंह गिर रहे हैं।
दुर्गेश पार्थसारथी
अमृतसर: कोरोना वायरस का असर आमजन के साथ-साथ बाजार पर भी दिखने लगा है। कोरोना के चलते एक तरफ जहां दुनिया के विभिन्न देशों के शेयर मार्केट औंधेमुंह गिर रहे हैं। वहीं इसका असर देश के सीमावर्ती राज्य पंजाब के अमृतसर, जालंधर और लुधियाना जैसे बड़े शहरों फ्रूट मंडियों पर भी देखने को मिल रहा है।
खाने पीने के शौकीनों में कुछ दिन पहले तक विदेशी फलों की मांग अधिक थी, लेकिन जब से कोरोना वायरस के केस भारत में बढ़े हैं तब से लोगों का अब इन फलों से मोह भंग होने लगाया है। इसके विपरित भारतीय फलों की मांग में तेजी आई है। फल मंडी से मिली रिपोर्ट के मुताबिक चीन, ईरान, अफागानिस्तान सहित अन्य देशों से फलों का आयात इन दिनों से पूरी तरह से बंद हो चुका है। लोगों में कोरोना का डर इस कदर हावी हो चुका है कि कारोबारियों के पास चीन के फलों का पुराना स्टॉक भी नहीं निकल रहा है। मजबूरन ब्यापारियों इन फलों को कोल्ड स्टोरों में रखना पड़ रहा है।
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जबकि, भारतीय फलों सेब, किन्नू, अंगूर आदि की मांग अचान से बढ़ गई है। कारोबारियों का मानना है कि मार्च के बाद हालात सामान्य होंने पर विदेशी फलों का उनका कारोबार फिर से पटरी पर लौट आएगा।
200 रुपये किलो बिक रहा था चाइना का सेब, अब नहीं हैं खरीददार
अमृतसर के हाल गेट में विदेशी फलों का कारोबार ने दिलबाग सिंह कहते हैं कि चीन हा रहा फ्यूजी सेब अमृतसर की मंडी में 200 से 250 किलो के हिसाब से होलसेल में बिक रहा आ रहा था, लेकिन अब उसके खरीदार नहीं हैं। कुछ यही हाल चाइनीज अंगूर और आम का भी है। मजबूरन इन फलों को स्टोर करके रखना पड़ रहा है।
फरवरी के पहले सप्ताह में आया था माल
इसी तरह जालंधर मंडी में फलों का कारोबार करने वाले गुरुबख्श सिंह कहत हैंकि फरवरी के पहले सप्ताह में चीन के फलों का अंतिम बार आयात हुआ था। इसके बाद कोरोना वायरस की वजह से विदेशी फलों के आयात पर ब्रेक लग गई। हालत यह है कि अब जो माल पोर्ट पर अटका है या कारोबारियों के पास पास पहले का जो स्टाक है वह भी नहीं निकल रहा है। क्योंकि लोनों चीन सहित अन्य दूसरे देशों से आने वाले विदेशी फलों से दूरी बना ली है।
बाजार पर पड़ रहा बुरा असर
पंजाब फ्रूट ऐसोसिएशन के पदाधिकारियों का कहना है कि कोरोना ने विदेशी फलों के मार्केट को करीब-करीब खत्म कर दिया है। पिछले हफ्ते अफगानिस्तान से ड्राईफ्रूट्स के कुछ ट्रक अटारी पोर्ट पर आए थे। लुधियाना में भी चीन के फलों के फरवरी तक दो-तीन ट्रक माल रोजाना आ रहा था, लेकिन अब माल आना बंद हो गया है। जबकि, भारतीय अंगूरों की मांग बढ़ी है।
कैलिफोर्निया के सेब और ऑस्ट्रेलियन अंगूर भी आ रहे हैं कम
थाइलैंड के गुआवा की मांग घटी
चीनी और ईरानी फलों के साथ-साथ थाईलैंड के गुआवा, कैलिफोर्निया के सेब और ऑस्ट्रेलियन अंगूर की मांग की कम हुई है। फिलहाल थोड़ा बहुत जो केलिफोर्निया के सेब का जो स्टाक वह 1800 से 2200 रुपये प्रति दस किलो के हिसाब से थोक में बिक रहा है। कुछ इसी तरह का रेट ऑस्ट्रेलियन अंगूर का है। मार्केट में मांग न होने की वजह से थाईलैंड के गुआवा का रेट भी काफी गिरा है।
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हिमाचली सेबों की मांग बढ़ी
फल कारोबारी बगीचा सिंह के मुताबिक पंजाब की मंडियों में विदेशी फलों की बजाय अब इंडियन फ्रूट्स की मांग जोर पकड़ रही है। किन्नौर के हिमाचली सेब के दाम पंद्रह दिन में चार सौ रुपये प्रति दस किलो तक थोक में बढ़े हैं। इसी तरह अंगूर, किन्नू और अन्य भारतीय फलों की भी मांग बढ़ी है।
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