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अफवाहों पर ध्यान न दें ! सरकार और बैंकों ने किसी ऋण को माफ नहीं किया है

Rishi
Published on: 2 Jan 2018 6:47 PM IST
अफवाहों पर ध्यान न दें ! सरकार और बैंकों ने किसी ऋण को माफ नहीं किया है
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नई दिल्ली : केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने मंगलवार को कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार ने किसी कॉर्पोरेट ऋण को माफ नहीं किया है और ये सारी धारणाएं केवल गलतफहमियां हैं।

सरकार द्वारा कथित रूप से करीब 55 हजार करोड़ रुपये के कॉर्पोरेट ऋण माफ करने को लेकर पूछे गए सवाल पर जेटली ने राज्यसभा में कहा, "मैं यह स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि न तो सरकार ने और न ही बैंकों ने किसी ऋण को माफ किया है।"

उन्होंने कहा, "केवल चार साल बाद जब ऋण अनिष्पादित रह जाता है और बैंक को लगता है कि वसूली करना मुश्किल है तो वे ऋण की श्रेणी बदल देते हैं। लेकिन अदाकर्ता की जिम्मेदारी है कि वह बचा हुआ ऋण वापस दें। आयकर में राहत पाने के लिए बैंक प्रावधान करते हैं।"

पूरक प्रश्नों के जवाब में वित्तमंत्री ने कहा कि 2015 में भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा संपत्तियों की गुणवत्ता की समीक्षा में पाया गया कि अनिष्पादित ऋण वहां हुए, जहां बैंकों ने धुंआधार उधारी दी या जोखिम का आवश्यक मूल्यांकन नहीं किया। इसके साथ ही वहां जानबूझकर डिफॉल्ट के मामले भी रहे हैं।

उन्होंने कहा, "प्रत्येक अनिष्पादित खाते की एक अलग कहानी है। इसलिए इन मामलों में कानून के तहत जो भी कदम उठाए जाने चाहिए थे, उठाए गए। जहां आपराधिक जवाबदेही तय करनी चाहिए थी, की गई। और जहां व्यापारिक घाटे का कारण बताया गया, वहां वसूली प्रक्रिया या दिवालिया प्रक्रिया चालू है।"

हालांकि, जेटली कांग्रेस नेता और पूर्व वित्तमंत्री पी. चिदंबरम द्वारा पूछे गए प्रश्नों का सीधा जवाब देने से बचते नजर आए। चिदंबरम ने जेटली से जानना चाहा था कि एक अप्रैल, 2014 के बाद से कितने ऋण अनिष्पादित संपित्तयों में बदल गए।



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Rishi

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आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

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