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Delhi Liquor Scam: कोर्ट ने खारिज की संजय सिंह की जमानत अर्जी, मनी लॉन्ड्रिंग मामले में कर रहे जांच का सामना
Delhi Liquor Scam: आप नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह को एक्साइज पॉलिसी मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जांच का सामना करना पड़ रहा है। चार अक्टूबर से ही ईडी की हिरासत में हैं।
Delhi Liquor Scam:दिल्ली में हुए कथित शराब घोटाला मामले में आम आदमी पार्टी नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह को राउज एवेन्यू कोर्ट से बड़ा झटका मिला है। कोर्ट ने शुक्रवार को आप नेता की जमानत याचिका खारिज कर दी। कोर्ट ने गुरुवार को ही संजय सिंह की न्यायिक हिरासत को 21 दिसंबर तक के लिए बढ़ा दिया था। संजय सिंह को एक्साइज पॉलिसी मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जांच का सामना करना पड़ रहा है। अदालत ने गुरुवार को संजय सिंह की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए गुरुवार को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
चार अक्टूबर से हैं ईडी की हिरासत में
दिल्ली आबकारी नीति मामले में आरोपी आप सांसद संजय सिंह चार अक्टूबर से ईडी की हिरासत में हैं। राउज एवेन्यू कोर्ट के विशेष न्यायाधीश एमके नागपाल को जमानत अर्जी पर फैसला गुरुवार को सुनाना था, लेकिन उन्होंने कहा कि अब वे फैसला शुक्रवार को देंगे। लेकिन आज भी संजय सिंह को राहत नहीं मिली। संजय सिंह के वकील ने जमानत के लिए बहस करते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता मोहित माथुर ने कहा था कि अदालत को सभी सबूतों का सावधानीपूर्वक अध्ययन करने की आवश्यकता नहीं है। अगर कोई संदेह है कि आरोपी दोषी नहीं हो सकता है तो अदालत को सिंह के पक्ष में फैसला देना चाहिए।
अन्यथा हर व्यवसाय भ्रष्ट हो जाएगा
सिंह के वकील ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर उंगली उठाते हुए कहा उनके मुवक्किल को आपने मुझे 60 दिनों से अधिक समय तक हिरासत में रखा है। फिर भी आपके पास कुछ भी नहीं है। जो कुछ भी सही जगह पर नहीं है उसे भ्रष्ट आचरण नहीं माना जा सकता। अन्यथा हर व्यवसाय भ्रष्ट हो जाएगा।
क्या है दिल्ली शराब नीति मामला?
दिल्ली शराब नीति मामले में ईडी ने समन जारी कर दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को भी 21 दिसंबर को दूबारा पूछताछ के लिए बुलाया था, लेकिन इस बार भी वे ईडी के सामने पेश नहीं हुए। पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया इसी मामले में पहले से ही जेल में हैं। वहीं आप नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह भी जेल में हैं। उनका जमानत याचिका कोर्ट ने खारिज कर दी है। यहां यह जानना जरूरी है कि आखिर दिल्ली शराब नीति घोटाला है क्या?
दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार नवंबर 2021 में राजधानी के शराब विक्रेताओं के लिए एक नई नीति लेकर आई थी। नई नीति के तहत सरकारी दुकानों की बजाय शराब के स्टोर बेचने के लिए निजी पार्टियों को लाइसेंस के लिए आवेदन करने की परमिशन दी गई। दिल्ली सरकार का कहना था कि नई नीति लाने से शराब की कालाबाजारी रुकेगी, राज्य सरकार का राजस्व बढ़ेगा और ग्राहकों को फायदा होगा। केजरीवाल सरकार की नई नीति में शराब की दुकानों को आधी रात के बाद भी खुले रहने की परमिशन दी गई। शराब विक्रेताओं को बिना किसी लिमिट के डिस्काउंट देने की भी परमिशन दी गई।
नई नीति आने के बाद कई निजी शराब दुकानों की बिक्री में बढ़ोतरी देखी गई और दिल्ली सरकार ने कलेक्शन में 27 प्रतिशत की वृद्धि का दावा किया। दिल्ली में विपक्षी पार्टी बीजेपी ने केजरीवाल सरकार की नई शराब नीति की आलोचना करते हुए दिल्ली सरकार पर ‘‘शराब संस्कृति‘‘ को बढ़ावा देने का आरोप लगाया। बीजेपी ने कहा कि शराब की कई दुकानें रिहायशी इलाकों में खोली गई हैं।
कैसे शुरू हुई परेशानी?
दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार ने जुलाई 2022 में एक रिपोर्ट में आरोप लगाया कि नई शराब नीति में कई नियमों का उल्लंघन किया गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि केजरीवाल सरकार की शराब नीति ने विक्रेताओं को ‘‘अनुचित लाभ‘‘ दिया। मुख्य सचिव ने कोरोना महामारी के दौरान शराब लाइसेंस फीस में 144 करोड़ की छूट देने की भी बात कही। दिल्ली के मुख्य सचिव की रिपोर्ट के बाद उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने सीबीआई से इस मामले को देखने को कहा। इसके बाद आम आदमी पार्टी बीजेपी पर हमलावर हो गई। वहीं केजरीवाल सरकार ने सभी आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया। इसके तुरंत बाद दिल्ली सरकार ने नई शराब नीति वापस ले ली। इसकी वजह से 400 से ज्यादा नए खुले स्टोर बंद हो गए। नई नीति लागू होने तक शराब की बिक्री पर फिर से सरकार का कंट्रोल हो गया।
शराब नीति मामले में किस-किस पर शिकंजा
अगस्त 2022 में सीबीआई ने दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के घर पर छापेमारी की। मनी ट्रेल की जांच के लिए प्रवर्तन निदेशालय भी जांच में शामिल हुआ। ईडी का केस मनीष सिसोदिया और 14 अन्य के खिलाफ सीबीआई द्वारा दर्ज की गई पहली एफआईआर पर आधारित था। जांच एजेंसियों ने आरोप लगाया कि साउथ का एक ग्रुप भी इसमें शामिल है। इस कथित ग्रुप का हिस्सा तेलंगाना के के चन्द्रशेखर राव की बेटी के कविता और वाईएसआरसीपी सांसद एम श्रीनिवासुलु रेड्डी और अरबिंदो फार्मा के सरथ रेड्डी भी थे।
ईडी ने आरोप लगाया कि ‘‘साउथ ग्रुप‘‘ और आम आदमी पार्टी के बीच एक डील हुई थी, जिसके तहत साउथ ग्रुप ने आम आदमी पार्टी को गोवा चुनाव अभियान के लिए पैसा दिया। ईडी ने आरोप लगाया कि ‘‘साउथ ग्रुप‘‘ को दिल्ली में अपने कंट्रोल वाले शराब कारोबार के जरिए यह पैसा वसूलना था। आप पर नई नीति के तहत लाइसेंस देते समय इन शराब नेटवर्कों का पक्ष लेने का आरोप लगाया गया था।