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कही मूंछ रखने पर रोक तो कही घोड़ी चढ़ने पर टोक, ये है पांच अजब -गजब केस
लखनऊ: कासगंज के एक गांव में दलित को दूल्हा बनाकर घोड़े पर बिठाकर बारात निकलवाने के लिए सुप्रीम कोर्ट से परमिशन लेनी पड़ गई। कोर्ट के आदेश के बाद 350 से ज्यादा पुलिस कर्मियों की ड्यूटी लगाई गई। तब जाकर ठाकुरों के गांव से दूल्हा सही सलामत अपनी अपनी बारात लेकर दुल्हन के गांव पहुंच पाया। उसके बाद उसकी शादी सम्पन्न हो पाई।
newstrack.com आज आपको पांच ऐसे केस के बारे में बताने जा रहा है। जिसमें दलित को घोड़े पर बैठकर बारात निकालने या मूंछ रखने पर हंगामा हो चुका है।
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ये है पांच अजब-गजब केस
राजस्थान: 28 दिसम्बर 2017 को राजस्थान के जालौर के निकट बालवाडा में एक जाति विशेष के लोगों ने मूंछ रखने पर दलित युवक के दोनों पैर तोड़ दिए थे। साथ ही उसे गांव से निकालने की भी कोशिश की थी। पुलिस को जब इस मामले में शिकायत मिली तब उसने अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर पीड़ित पक्ष को कार्र्वाई का भरोसा दिया था।
हरियाणा: 6 अप्रैल 2017 को चरखी दादरी जिले के सांजरवास गांव में क़रीब दर्जन भर उच्च जाति के लोगों ने दलित दूल्हे और परिवार के साथ मारपीट की थी। राजपूत समुदाय के लोगों का कहना था कि ‘घुड़चड़ी’ रस्म का निर्वाह दलितों द्वारा नहीं किया जा सकता है। उन्होंने दूल्हे को घोड़े से धक्का देते हुए कहा कि दलित घोड़े पर नहीं सवार हो सकते। दोनों पक्षों की तरफ़ से बहस बढ़ने के कारण हाथापाई हो गई और आधा दर्जन लोग घायल हो गये। पुलिस को जब इस मामले की जानकारी हुई तब उसने मौके पर जाकर दलित युवक की घोड़े के साथ बारात निकलवाई।
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मध्य प्रदेश: 20 जून 2018 को छतरपुर जिले में दलितों के बारात निकालने और दूल्हे के घोड़ी चढ़ने पर दबंगों की गुंडागर्दी देखने को मिली थी। बताया जाता है कि जब दलित दूल्हे के लिए घोड़ा मंगाया गया तो यह बात दबंगों को नागवार गुजरी और उन्होंने ना सिर्फ घोड़े वाली की पिटाई की बल्कि जो बाराती उन्हें रोकते रहे उनकी भी पिटाई कर डाली। इसकी सूचना जब प्रशासन तक पहुंची तो पुलिस की मौजूदगी में बारात निकाली गई फिर फेरे भी कराए गए।
मध्य प्रदेश: 17 अप्रैल 2018 को उज्जैन जिले के महिदपुर में एक दलित युवक को घोड़ी पर बारात निकालना मंहगा पड़ा। इस दौरान न केवल दूल्हे को घोड़े से जबरन नीचे उतारा गया बल्कि बारात पर पथराव भी किया गया। पुलिस ने इस मामले में लगभग 17 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। वर पक्ष का आरोप था कि घोड़े पर बारात निकालने से नाराज होकर कुछ लोगों ने उन पर पत्थरबाजी की।
गुजरात: 27 फरवरी 2018 को साबरकांठा जिले के गोराल गांव में ठाकोर समुदाय के आठ लोगों ने एक दलित परिवार के लड़के के साथ पहले मारपीट की थी। उसके बाद उसकी जबरन मूंछ भी काट दी।
बताया जाता है कि वे लोग गांव के अंदर दलित युवक के मूंछ रखने से काफी नाराज थे। उनका मानना था कि दलित को मूंछ रखने का अधिकार नहीं है।
पुलिस ने इस मामले में अनुसूचित जाति और जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत आरोपियों के खिलाफ केस भी दर्ज किया था।