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कोरोना वैक्सीनेशन 1 मार्च से: रजिस्ट्रेशन हुआ आसान, मिलेगी ये सुविधा
देश में कोरोना वैक्सीनेशन का दूसरा फेज शुरू होने वाला है। सरकार की ओर से कोविड-19 टीकाकरण के लिए लॉन्च CoWIN ऐप पर वैक्सीन लगवाने के लिए आप खुद ही एक मार्च से रजिस्ट्रेशन भी करा सकेंगे।
नई दिल्ली: भारत में एक मार्च से कोरोना वैक्सीनेशन (Corona Vaccination) का दूसरा फेज शुरू होने वाला है। दूसरे चरण में 60 साल से अधिक उम्र वाले लोगों को वैक्सीन की खुराक दी जाएगी। इसके साथ ही उन लोगों को भी इस फेज में शामिल किया जाएगा जो 45 से 59 साल के हैं और किसी तरह की गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं।
CoWIN ऐप पर खुद कराएं रजिस्ट्रेशन
वहीं, अगर आप भी वैक्सीन लगवाने के योग्य हैं तो आरोग्य सेतु ऐप के जरिये कोविन वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं। यही नहीं सरकार की ओर से कोविड-19 टीकाकरण के लिए लॉन्च CoWIN ऐप पर वैक्सीन लगवाने के लिए आप खुद ही एक मार्च से रजिस्ट्रेशन भी करा सकेंगे।
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अधिकारी ने दी ये जानकारी
नेशनल हेल्थ अथॉरिटी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और कोरोना वैक्सीनेशन पर एम्पावर्ड कमेटी के अध्यक्ष राम सेवक शर्मा ने एक टीवी चैनल से बात करते हुए शुक्रवार को कोविन सॉफ्टवेयर अब आम जनता के लिए भी उपलब्ध होगा। उन्होंने बताया कि लोग कैसे टीकाकरण के चरण में वैक्सीन ले पाएंगे और खुद को ऐप पर पंजीकरण करा सकेंगे।
सभी के लिए उपलब्ध होगा कोविन सॉफ्टवेयर
रामसेवक शर्मा के मुताबिक, अब कोविन सॉफ्टवेयर सभी के लिए उपलब्ध होगा। इस पर अभी स्वास्थ्यकर्मियों और फ्रंटलाइन वर्कर्स का ही कोरोना वैक्सीन के लिए रजिस्ट्रेशन किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि कोविन ऐप के लिए अलग से मोबाइल की जरूरत नहीं होगी। इस ऐप को आरोग्य सेतु ऐप के जरिये भी एक्सेस किया जा सकता है।
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शर्मा ने बताया कि 45-60 उम्र के जो भी लोग गंभीर बीमारियों से पीड़ित हैं, उन्हें रजिस्ट्रेशन के लिए मेडिकल सर्टिफिकेट की आश्यकता होगी। इस कैटेगरी में 20 बीमारियों की पहचान की गई है। वहीं 60 से ज्यादा उम्र के लोगों को किसी तरह के सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं होगी। उन्हें आधार कार्ड के जरिए अपनी पहचान को मान्य करना होगा।
नेशनल हेल्थ अथॉरिटी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने बताया कि रजिस्ट्रेशन के वक्त जानकारियां भरनी होंगी। हम नाम, उम्र और जेंडर जैसे न्यूनतम डेटा ले रहे हैं। हम उनसे बायोमेट्रिक डेटा नहीं ले रहे हैं। उन्होंने ये भी बताया कि टीकाकरण के लिए केवल सीजीएचएस और आयुष्मान भारत के तहत आने वाले अस्पतालों को इसकी अनुमति दी जाएगी।
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