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सीआरपीएफ के डीजी बोले- कश्मीर में 2 सालों में 360 से ज्यादा आंतकी मारे गए, आतंकियों की उम्र घटी है
नई दिल्ली: सुरक्षा बलों ने एक के बाद कई अभियान चलाकर कश्मीर घाटी के अंदर आतंकवाद की कमर तोड़ने का काम किया है। जो आतंकी पहले ज्यादा दिनों तक घाटी के अंदर छिपकर आतंक मचाते थे। उन्हें सुरक्षा बल के जवान चुन-चुनकर निशाना बना रहे है। इससे आतंकियों की 'अपनी उम्र' घटी है और पिछले 2 साल से भी कम वक्त में 360 से ज्यादा आतंकी मार गिराये गये हैं।
ये बातें सेन्ट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स के डायरेक्टर जनरल राजीव राय भटनागर ने एक इंटरव्यू में कही है। घाटी में आतंकी संगठनों में शामिल होने वाले स्थानीय युवाओं की बढ़ती तादाद क्या चिंता का विषय है, इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, 'आतंकियों की उम्र बहुत कम है, वे ज्यादा दिन जी नहीं पाएंगे। उनकी तादाद हो सकता है कि ज्यादा हो, लेकिन उसका परिणाम सीमित है।'
पीटीआई को दिए गए इंटरव्यू में भटनागर ने कहा कि आंकड़ों से पता चलता है कि घाटी में आतंकी संगठनों में शामिल होने वाले युवाओं की तादाद बढ़ रही है लेकिन सुरक्षा बल युवाओं तक पहुंचने के लिए हर मुमकिन कदम उठा रहे हैं ताकि उन्हें हथियार उठाने से रोका जा सके। उन्होंने कहा, 'जम्मू और कश्मीर के आतंकियों में कुछ बाहरी हैं तो कुछ गुमराह युवा (स्थानीय) भी शामिल हैं।'
युवा ग्लैमर समझकर आतंकवाद की तरफ बढ़ा रहे है कदम
देश के सबसे बड़े अर्धसैनिक बल के प्रमुख ने कहा कि युवा आतंकवाद में शामिल हो रहे हैं क्योंकि यहां उन्हें 'ग्लैमर' दिखता है लेकिन उन्हें समझना होगा कि इससे उन्हें कुछ हासिल नहीं होने वाला। उन्होंने कहा, 'यह सिर्फ समय की बात है। हम बहुत प्रयास (उनके मुख्यधारा में लौटने) करते हैं और उनसे सरेंडर के लिए भी कहते हैं। उनमें से कुछ मुख्यधारा में लौटे भी हैं। उन्हें समझना होगा कि हथियार उठाने से कोई मकसद पूरा नहीं हो सकता।'
आतंकवाद से निपटने के लिए बढ़ाया गया 'सुरक्षा का स्तर'
भटनागर ने कहा कि सुरक्षा से जुड़ी चुनौतियों को देखते हुए सीआरपीएफ ने फुल बॉडी प्रटेक्टर, बुलेट प्रूफ गाड़ियों और विशेष बख्तरबंद गाड़ियों के जरिए जम्मू और कश्मीर में तैनात अपने जवानों की 'सुरक्षा का स्तर बढ़ाया' है। कश्मीर घाटी में सीआरपीएफ की 60 बटैलियन तैनात हैं।
सीआरपीएफ डीजी ने कहा कि उनकी फोर्स, राज्य पुलिस और सेना बहुत अच्छी तालमेल के साथ काम कर रही हैं। उन्होंने कहा, 'हम एक यूनिट के रूप में काम करते हैं। इससे हमें काफी कामयाबी मिली है। इस साल 142 आतंकी ढेर किए गए हैं। अगर आप पिछले साल के आंकड़ों पर नजर डालें तो 220 से ज्यादा आतंकी मारे गए। सुरक्षा बलों के बीच जबरदस्त समन्वय है और आतंक के खिलाफ लड़ाई में इन्हें बढ़त हासिल है।'
आतंकी अपना रहे गुरिल्ला वॉर की रणनीति
आतंकविरोधी अभियानों की सफलता का जिक्र करते हुए भटनागर ने कहा, 'उनके प्रमुख कमांडर ढेर किए जा रहे हैं। शिविरों पर फिदायीन हमलों पर प्रभावी तौर पर रोक लगी है, हम उन्हें कैंपों को निशाने बनाने से नाकाम किया है।' उन्होंने कहा कि घाटी में लॉ ऐंड ऑर्डर की स्थिति देश के किसी अन्य राज्यों की तरह नहीं है क्योंकि वहां आतंकी 'हमला करो और भागो' जैसी गुरिल्ला वॉर की रणनीति अपना रहे हैं।
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