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HC से CRPF ने कहा- पैलेट गन बैन हुई तो फायरिंग पर मजबूर होंगे
श्रीनगरः कश्मीर घाटी में सुरक्षा का जिम्मा संभालने वाली सीआरपीएफ ने जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट से साफ कह दिया है कि अगर पैलेट गन पर रोक लगी, तो मजबूरी में उसके जवान हालात काबू में करने के लिए गोलियां चलाएंगे। इससे ज्यादा नुकसान होगा। आतंकी बुरहान वानी की मौत के बाद घाटी में पिछले 41 दिनों से हिंसा और कर्फ्यू का दौर जारी है। पथराव करने वालों को काबू में करने के लिए पैलेट गन का इस्तेमाल होता है। कोर्ट ने इससे आंखों को होने वाले नुकसान पर चिंता जताते हुए इसका इस्तेमाल बंद करने पर सीआरपीएफ की राय पूछी थी।
कोर्ट में सीआरपीएफ ने क्या कहा?
सीआरपीएफ ने कश्मीर हाईकोर्ट बार एसोसिएशन की याचिका के जवाब में हाईकोर्ट में एफिडेविट दाखिल कर कहा है कि अगर असली गोलियां चलानी पड़ीं तो ज्यादा नुकसान होगा। उसने ये भी कहा है कि वैसे पैलेट गन कमर से नीचे चलाई जाती है, लेकिन कई बार प्रदर्शन के बीच ऐसा करना मुश्किल होता है। सीआरपीएफ के मुताबिक इस साल 9 जुलाई से 11 अगस्त के बीच घाटी में 3500 पैलेट कारतूस इस्तेमाल किए गए।
2010 से हो रहा पैलेट गन का इस्तेमाल
सीआरपीएफ के मुताबिक कश्मीर में पैलेट गन का इस्तेमाल साल 2010 से ही हो रहा है। इसके इस्तेमाल से किसी की जान नहीं जाती। इस वजह से भीड़ को कंट्रोल करने के लिए इससे पैलेट कारतूस दागे जाते हैं। इस बंदूक के कारतूस से सैकड़ों छर्रे निकलते हैं और कई बार प्रदर्शनकारियों की आंखों में भी इससे गंभीर चोट लगती है। इसी वजह से पैलेट गन के खिलाफ कश्मीर घाटी में आवाज उठने लगी है।
राजनाथ ने क्या कहा था?
केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने सुरक्षाबलों को पैलेट गन के इस्तेमाल से बचने के लिए कहा था। उन्होंने ये भी कहा था कि संसद की समिति पैलेट गन के मामले पर विचार करेगी। साथ ही इसका कोई विकल्प खोजने की कोशिश भी सरकार कर रही है। हालांकि, उन्होंने साथ ही पथराव करने वालों से अपील की थी कि वे इस तरह के हिंसात्मक प्रदर्शन न करें।