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Cyber Fraud : नकली कोर्ट, नकली पुलिस और 7 करोड़ की साइबर ठगी, महिला निकली मास्टरमाइंड

Cyber Fraud : भारत में डिजिटल और ऑनलाइन धोखाधड़ी तेजी से आम हो रही है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट की नकली सुनवाई आयोजित करके किसी को धोखा देना अनसुना है।

Neel Mani Lal
Published on: 1 Oct 2024 2:52 PM GMT
Cyber Fraud : नकली कोर्ट, नकली पुलिस और 7 करोड़ की साइबर ठगी, महिला निकली मास्टरमाइंड
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Cyber Fraud (Pic - Social media)

Cyber Fraud : एक ऐसा साइबर ठगी का मामला सामने आया है जिसमें ठगों ने एक बड़े व्यवसायी को फर्जी सुप्रीम कोर्ट के समक्ष एक फर्जी ऑनलाइन सुनवाई के लिए बुलाकर और जेल जाने की धमकी देकर 7 करोड़ रुपये ठग लिए। वैसे तो भारत में डिजिटल और ऑनलाइन धोखाधड़ी तेजी से आम हो रही है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट की नकली सुनवाई आयोजित करके किसी को धोखा देना अनसुना है।

क्या है मामला

इस साइबर ठगी के शिकार हुए मशहूर टैक्सटाइल-स्पिनिंग कंपनी "वर्धमान ग्रुप" के 82 वर्षीय चेयरमैन एसपी ओसवाल। ठगी करने वालों ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के नाम पर उन्हें गिरफ्तारी और बदनामी का डर दिखाया। उन्हें प्रॉपर्टी सीलिंग और अरेस्ट करने के फर्जी वारंट भेजे। जिसके बाद उनसे रकम ऐंठ ली गई। जब एसपी ओसवाल को होश आया कि उन्हें ठग लिया गया है तो उन्होंने लुधियाना पुलिस को शिकायत दे दी। पुलिस ने आरोपियों पर केस दर्ज करते हुए एक ठग को गिरफ्तार कर लिया है।

इस तरह जाल में फंसाया

- पुलिस को दी शिकायत मुताबिक एसपी ओसवाल ने बताया कि पिछले दिनों उनके मोबाइल पर एक फोन आया। कॉल करने वाले ने खुद को सीबीआई अधिकारी बताते हुए ओसवाल से कहा कि मलेशिया जाने वाला एक पार्सल जब्त किया गया है।जिसमें 58 फर्जी पासपोर्ट, 16 डेबिट कार्ड और अन्य संदिग्ध सामग्री है, और ये पार्सल ओसवाल के आधार कार्ड नम्बर से जुड़ा है, जिससे वह मामले में प्रमुख संदिग्ध बन गए हैं। उस ठग ने कहा कि ओसवाल के नाम पर सुप्रीम कोर्ट की तरफ से अरेस्ट वारंट निकला है और उनकी प्रॉपर्टी सील करने के ऑर्डर निकले हैं। एक के बाद अलग अलग लोगों ने फोन और स्काइप पर बात की और सुप्रीम कोर्ट, ईडी, सीबीआई, कस्टम विभाग का भी हवाला दिया।

- ठगों ने जब स्काइप पर ओसवाल को वीडियो कॉल की तो कमरे का माहौल बिल्कुल पुलिस और सीबीआई के ऑफिस जैसा बनाया हुआ था। पीछे से वॉकी-टॉकी पर आने वाले मैसेज की आवाज सुनाई दे रही थी, जैसा कि पुलिस कंट्रोल रूप में होता है। ठगों ने सुप्रीम कोर्ट का एक वकील भी ऑनलाइन दिखा दिया।

महिला है मास्टरमाइंड

पुलिस के अनुसार इस ठग की मास्टरमाइंड एक महिला गुवाहाटी निवासी रूमी कालिता है जो पहले सरकारी बैंक में काम करती थी। ठग अपनी योजना में कामयाब भी हुए, लेकिन लालच में एक आरोपित द्वारा दिए गए खुद के ही खाते की वजह से इस ठगी को ट्रेस करने में पुलिस कामयाब रही। पुलिस ने मामले में दो आरोपित अतनु चौधरी और आनंद चौधरी को गिरफ्तार किया है।

सरगना समेत सात आरोपित पुलिस गिरफ्त से बाहर हैं। आरोपितों से 5.25 करोड़ रुपये, छह एटीएम कार्ड और तीन मोबाइल पुलिस द्वारा बरामद किए जा चुके हैं।

रूमी कालिता ने इस मामले में बाकी के सभी आरोपितों अतनु चौधरी, आनंद चौधरी, आलोक रंगी, गुलाम मोरतजा, संजय सूत्रधार, रिंटू, निम्मी भट्टाचार्य और जाकिर को अपने साथ जोड़ा। ये सभी एक-दूसरे से कभी मिले नहीं और इनकी दोस्ती ऑनलाइन हुई थी।

Rajnish Verma

Rajnish Verma

Content Writer

वर्तमान में न्यूज ट्रैक के साथ सफर जारी है। बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय से पत्रकारिता की पढ़ाई पूरी की। मैने अपने पत्रकारिता सफर की शुरुआत इंडिया एलाइव मैगजीन के साथ की। इसके बाद अमृत प्रभात, कैनविज टाइम्स, श्री टाइम्स अखबार में कई साल अपनी सेवाएं दी। इसके बाद न्यूज टाइम्स वेब पोर्टल, पाक्षिक मैगजीन के साथ सफर जारी रहा। विद्या भारती प्रचार विभाग के लिए मीडिया कोआर्डीनेटर के रूप में लगभग तीन साल सेवाएं दीं। पत्रकारिता में लगभग 12 साल का अनुभव है। राजनीति, क्राइम, हेल्थ और समाज से जुड़े मुद्दों पर खास दिलचस्पी है।

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