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Cyber Froud : सावधान लड़कों ! कहीं भी जॉब करने से पहले पढ़ लें ये खबर, आपके साथ भी हो सकता है ये फ्रॉड
Cyber Froud : ठग रोज़ कुछ न कुछ नए तरीके अपनाते रहते हैं। हाल ही में एक नया और चौंकाने वाला तरीका भी सामने आया है।
Cyber Froud : जैसे-जैसे लोग आधुनिकता के दौर में आगे बढ़ रहे हैं वैसे-वैसे ही अब अपराध और फ्रॉड का तरीक़ा भी अपडेट हो गया। लोग साइबर क्राइम को ठीक से अभी समझ भी नहीं पाये थे कि फ्रॉड का एक नया तरीक़ा आ गया। हाल ही में एक नया और चौंकाने वाला तरीका भी सामने आया है। वह है खूबसूरत महिलाओं को प्रेग्नेंट बनाने के बहाने से उनसे करोड़ों रुपयों की ठगी करने का।
प्रेगनेंट करो, लाखों कमाओ
आपने हमेशा लोगों से ठगों और ठगी के बेशुमार किस्से सुने होंगे। नटवरलाल से लेकर सुकेश चंद्रशेखर तक के इस दौर के बीच न जाने कितने ही ठग आकर चले गए। कई किस्से तो अपने वर्तमान में भी देखे और सुने होंगे। कोई किसी को नौकरी दिलाने के बहाने रूपये ठगता है तो कोई घर दिलाने के बहाने। इस दुनिया के कोने कोने में आपको बहुत से ऐसे लोग मिल जायँगे जो लोगों को ठग कर ही अपना जीवन निर्वाह करते है। मगर आज की इस पीढ़ी ने तो ठगी का एक न्य ही नमूना पेश कर दिए है। प्रेगनेंट करो, लाखों कमाओ जी हाँ आप कुछ गलत नहीं पढ़ रहे है ये बिलकुल सच लिखा गया हैं। ठगों ने तो बाकयदा इस संस्था का नामकरण भी कर रखा है।
10 से 13 लाख तक की जॉब ऑफर
ठगों की इस संस्था का नाम जितना अजीब है उतना काम भी अजीब है। ऑल इंडिया प्रेगनेंट जॉब इंटरेस्टेड हैं, तो अप्लाई कीजिए। बस आपको करना ये है कि एक ऐसी महिला को गर्भवती करना है, जिसको औलाद नहीं हो रही है। अगर आपने ऐसी कर दिया तो आपको 10 से 13 लाख तक रूपये मिलेंगे। अगर आप नहीं भी कर पाते है तो भी आपको 5 लाख तक की धनराशि मिलेगी। एक तरफ लाखों रूपये और दूसरी तरफ खूबसूरत महिला मतलब ये एक ऐसा कॉम्बिनेशन है की लोग इस ऑफर के चलते हजारों गवा चुके है। ठगों के इस नए गिरोह ने इस स्कीम के चलते करोड़ों कमा चुके हैं।
यहां है इनका हेडक्वार्टर
इस गिरोह का हेडक्वार्टर पटना से करीब डेढ़ सौ किलोमीटर दूर एक नवादा शहर है से करीब 8 किलोमीटर अंदर एक गांव गुरम्हा है जहां से प्रेग्नेंट करने और लाखों कमाने की पूरी स्कीम का सञ्चालन किया जा रहा है। संसाधन की बात करे तो उसके नाम पर सिर्फ एक मोबाइल फ़ोन ही है। मगर इसे हल्के में न लीजिये इस मोबाइल फ़ोन से ही काफी वरदातों को अंजाम दिया जा चुके है। संस्था के नाम पर महज़ 20-25 लड़के है और उम्र भी कुछ 25-30 साल है। मगर सारा ठगी का काम बखूबी संभाल रखा है।
कैसे शुरू हुआ गिरोह
पांच साल पहले इसी गांव का रहने वाला शख्स मुन्ना नौकरी करने के लिए राजस्थान गया। वहां जाकर उसने कुछ छोटी मोती नौकरियां की मगर साथ में जामताड़ा जैसे कुछ गिरोहबाज़ से भी उसकी मुलाकात हुई। मतलब उसने ठगी की बाकयदा ट्रेनिंग ली। उसके बाद वह अपने गांव वापस आज्ञा तो मछली पलने के काम की आड़ में नहर किनारे उसने एक खंडहरनुमा कमरे को साफ कर उसमें अपना दफ्तर बनाया। उसके बराबर में एक ऊंचा मचान बनाया ताकि ऊंचाई पर नेटवर्क बेहतर आ सके। इस दौरान वो गांव के 20-30 लड़को का भी चुनाव कर चुका था जिन्हे वह ट्रेनिंग दे सके। उसने कंपनी के नाम, कुछ तस्वीरें, आकर्षित करने वाले स्लोगन के प्रिंटआउट निकाले। उन्हें सोशल मीडिया पर डालना शुरू किया। व्हाट्सएप और फेसबुक जैसे प्लेटफॉर्म के जरिये उसके इस ऑफर को लोगों ने खरीदना शुरू कर दिया।
मेम्बरशिप और होटल के नाम पर रुपयों की ठगी
लोग लाखों कमाने के लालच में 500 रुपए देकर मेंबर बन जाते थे। यहीं से सारा खेल शुरू होता। इसके बाद नाम पता सब लेकर बाकायदा उन्हें फर्जी स्टैंप पेपर नियम कायदे लिख कर भेजते थे। उन्हें सूंदर महिलाओं की तस्वीर भेजी जाती थी कि वो खुद चुने कि इनमें से वो किसको प्रेग्नेंट करेगा? उसके बाद होटल बुकिंग के नाम से भी ठगा जाता था।
ठगने का दिलचस्प तरीका
कंपनी का शख्स सामने वाले को एक मैसेज भेजता है। ठीक वैसा ही मैसेज जैसा बैंक में पैसा जमा होने यानी क्रेडिट होने पर कोई बैंक आपको भेजता है। इस मैसेज को भेजने के बाद वो कहता है की रकम हमने आपके एकाउंट में जमा करा दिया है। एकाउंट का डिटेल सामने वाले से पहले ही ले लिया जाता था। फिर उसको बताया जाता कि एकाउंट डिपोजिट का मैसेज तो आ गया है, लेकिन खाते से रकम तभी निकलेगी जब वो लाख रूपये के हिसाब से जीएसटी भरेगा। अब वह बेचारा पांच रूपये के हिसाब से जो भी 80-90 हजार रूपये की जीएसटी बनती है वह दे देता है। क्योंकि उसको तो दो चीजों का इंतज़ार होता है एक उस खूबसूरत महिला का दूसरा 10 से 13 लाख रुपयों का और उसे इन दोनों में से कुछ नहीं मिलता है।
पुलिस ने किया गिरोह का पर्दाफाश
जब पुलिस को इस साइबर ठगी का पता चला तो कुछ समय के लिए तो उनका भी दिमाग घूम गया। पुलिस ने आठ लड़को को पकड़ा पता चला कि 18 अभी और बाकी है। पुलिस के सामने दिक्कत ये है कि जिन लोगों को इन्होंने चूना लगा कर दो से ढाई करोड़ रुपए कमा लिए, उनमें से दो को छोड़ कर कोई भी इस घटना के खिलाफ शिकायत दर्ज़ नहीं करवा रहा है। कारण साफ़ है कोई भी अपने परिवार को शर्मिंदा नहीं करना चाहता है। शुरुआती छानबीन के मुताबिक प्रेग्नेंट करने के नाम पर जिन औरतों की वीडियो या तस्वीरें ये गिरोह सामने वाले को फांसने के नाम पर इस्तेमाल करता था उनमे से आधे से ज्यादा फर्जी है और जो कुछ है भी वह छोटी-छोटी ऐसी मॉडल थी, जिन्हें पैसे देकर ये एड शूट कराया गया था।