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गुजरात: बजट सत्र से पहले दलितों का विरोध-प्रदर्शन, मेवाणी हिरासत में

aman
By aman
Published on: 19 Feb 2018 3:07 AM GMT
गुजरात: बजट सत्र से पहले दलितों का विरोध-प्रदर्शन, मेवाणी हिरासत में
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गुजरात: बजट सत्र से पहले दलितों का विरोध-प्रदर्शन, मेवाणी को लिया हिरासत में

अहमदाबाद: गुजरात में नवगठित विधानसभा के पहले बजट सत्र के एक दिन पहले रविवार को दलित समुदाय के लोगों ने बड़े पैमाने पर प्रदर्शन किया। यह राज्यव्यापी प्रदर्शन दलित कार्यकर्ता भानुभाई वांकर की मौत के विरोध में हुए जिसमें दलित नेता व नव निर्वाचित विधायक जिग्नेश मेवाणी सहित कई कार्यकर्ताओं को पुलिस ने हिरासत में ले लिया।

अहमदाबाद के उपगनरीय इलाके सरसपुर में पुलिस हिरासत में लिए जाने पर मेवाणी की पुलिस के साथ गरमागरमी भी हुई। मेवाणी और 100 अन्य लोगों को हिरासत में लेने पर उन्होंने सिपाही से बहस की और उनसे उनके बकल का नंबर मांगा। उन्होंने कहा, 'गुजरात तुम्हारे पिता का नहीं है। अपना बकल नंबर दो। मैं निर्वाचित विधायक हूं और तुम मेरा अपमान नहीं कर सकते।'

'पुलिस ने बदसलूकी की'

मेवाणी ने कहा, कि पुलिस ने उन्हें कार से बाहर निकालने के दौरान उनके साथ बदसलूकी की। एक निर्वाचित विधायक से इस तरह का बर्ताव नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि पुलिस ने उनकी कार पर धावा बोल दिया, चाभी खींच ली और उन्हें तोड़ दिया।

पुलिस ने मेवाणी के आरोपों से इनकार किया

हालांकि, पुलिस ने मेवाणी के आरोपों से इनकार किया है। अपराध शाखा के संयुक्त पुलिस आयुक्त जे.के. भट ने पत्रकारों से कहा, 'यह कहना गलत है कि पुलिस ने सम्मानित विधायक से बदसलूकी की। घटना को लेकर हम अपनी रिपोर्ट प्रदेश विधानसभा को सौंपेंगे। हो सकता है कि उन्होंने (मेवाणी ने) बदसलूकी की हो लेकिन हमने नहीं की। यह सामान्य बात है कि जब किसी को पुलिस हिरासत में लेती है तो कुछ बहस होती है।'

सैकड़ों प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने हिरासत में लिया

दलित कार्यकर्ता मेवाणी उत्तर गुजरात के वडगाम विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय विधायक हैं। उनको जुहापुरा इलाके में शाम में पुलिस के विशेष अभियान समूह के कार्यालय ले जाया गया, जहां भारी तादाद में उनके समर्थक उनकी रिहाई की मांग की। मेवाणी के अलावा अहमदाबाद में विभिन्न जगहों पर प्रदर्शन कर रहे सैकड़ों प्रदर्शनकारियों को भी पुलिस ने हिरासत में लिया।

प्रदेशभर में हुए प्रदर्शन

प्रदेश में जगह-जगह कई राजमार्गों और राष्ट्रीय राजमार्गों पर अवरोध व वाहनों के टायर जलाने की घटनाएं हुईं। जगह-जगह प्रदर्शनकारी नारे लगा रहे थे। पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठियां भी भांजी। उत्तर गुजरात में गांधीनगर, ऊंझा, चानस्मा, पाटन और सौराष्ट्र में मोरबी समेत प्रदेश के कई इलाकों में विरोध प्रदर्शन हुआ।

गुजरात में आज से बजट सत्र शुरू

गुजरात में राजनीतिक सरगर्मियों के बीच महीने भर का बजट सत्र सोमवार को शुरू हो रहा है। कांग्रेस ने कई मुद्दों पर सरकार को घेरने की तैयारी की है। युवा नेता प्रतिपक्ष परेश धनानी की अगुवाई में कांग्रेस प्रदेश के 182 सदस्यीय विधानसभा में 77 सीटें जीतकर पूरे जोश में है।

दलित के आत्मदाह के बाद शुरू हुआ प्रदर्शन

60 वर्षीय वांकर ने गुरुवार को पाटन के जिला समाहरणालय में खुद को आग के हवाले कर दिया था। वह एक दलित परिवार को आवंटित जमीन का कब्जा दिलाने की मांग कर रहे थे। वह बुरी तरह झुलस गए थे और नाजुक अवस्था में उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। शुक्रवार की रात अहमदाबाद के एक निजी अस्पताल में उनकी मौत हो गई। वांकर के परिजनों ने उनका शव लेने से मना कर दिया है और राज्य सरकार के सामने सात मांगे रखी हैं। सरकार के प्रतिनिधियों से इनकी व दलित नेताओं के बीच कई दौर की बातचीत हो चुकी है। दलित समुदाय का कहना है कि वे लिखित में वादा चाहते हैं जबकि राज्य के प्रतिनिधि उन्हें केवल सुन रहे हैं।

ये कहा नितिन पटेल ने

प्रदेश के उप मुख्यमंत्री नितिन पटेल ने पत्रकारों से शुक्रवार को कहा था, 'हमने उनकी सभी बड़ी मांगें मान ली है। हम उस परिवार के नाम नाम कानूनी रूप से जमीन का हस्तांतरण करेंगे जिसके लिए भानुभाई वांकर आवाज उठा रहे थे। साथ ही वांकर के परिवार को आठ लाख रुपये का मुआवजा देंगे।' उन्होंने कहा, 'सरकार उच्च न्यायालय के अवकाश प्राप्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में जांच आयोग का गठन करेगी या विशेष जांच दल से मामले की जांच करवाएगी।'

हार्दिक-अल्पेश मिले वांकर के परिवार से

हार्दिक पटेल और अन्य पिछड़ी जाति के नेता व कांग्रेस विधायक अल्पेश ठाकोर, वांकर के परिवार से मिलने गए और उन्होंने मामले में सख्त कार्रवाई और समुदाय के लिए न्याय की मांग की। धनानी ने भी परिवार से बात की और दलितों के मसले पर एकजुटता दिखाई।

आईएएनएस

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अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

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