×

फजीहत के बाद दमन और दीव में वापस हुआ ऑफिस में राखी वाला निर्णय

Rishi
Published on: 1 Aug 2017 5:09 PM GMT
फजीहत के बाद दमन और दीव में वापस हुआ ऑफिस में राखी वाला निर्णय
X

नई दिल्ली: कल की ही तो बात है, दमन और दीव में सरकार ने बड़ा गजब का निर्णय लिया था, कि इस रक्षाबंधन सभी पुरुष ऑफिस ज़रूर आएंगे और अपनी महिला सहकर्मी से अपनी कलाई पर राखी बंधवाएंगे। बोले तो सामूहिक रक्षाबंधन, सिर्फ इतना ही नहीं उन्हें अपनी उपस्थिति के बारे में भी ज़रूर बताना है। इसके बाद इस निर्णय को लेकर बवाल मच गया फिर क्या होना था, हो गया वापस निर्णय आप भी देख लीजिए नई वाली चिट्ठी।

अब मान लीजिए कोई पति-पत्नी या गर्लफ्रेंड या बॉयफ्रेंड एक ही ऑफिस में साथ काम करते हैं। तो वो बेचारे क्या करेंगे, मतलब है न पंगेबाजी। अब इसके पीछे सरकार की क्या मंशा है, ये तो वही जाने। लेकिन यदि ऐसा कुछ यूपी में हो जाए, तो देखिए क्या हो सकता है क्योंकि वहां के सीएम अप्रत्याशित निर्णय लेने के लिए काफी चर्चा बटोर चुके हैं।

यूपी जाने से पहले देख लें ये चिट्टी

अब पढ़ के देखिए यदि योगी सरकार ने दिया होता ये आदेश तो क्या-क्या होता

यूपी के सीएम साहेब योगी आदित्यनाथ मठाधीश पहले हैं, और मुख्यमंत्री बाद में। मान लीजिए उन्होंने आज ये वाला आदेश यूपी में दे दिया कि रक्षाबंधन पर जितने भी पुरुष हैं न, वो महिला सहकर्मी से राखी बंधवा उनकी रक्षा की कसम खा लें। अब पुरूषों के लिए तो बड़ी मुसीबत हो गयी। हुजूर कैसे बंधवा ले राखी! कोई न कोई किसी न किसी के साथ बीजी है, न भी हो तो अब बहन तो बना नहीं लेंगे। वैसे ये उन लोगों के लिए बड़ी मुसीबत है जो माचो बन ऑफिस में घूमा करते हैं, और हर दूसरी सुंदरी के आगे पीछे भवरा बन भन्न भन्न करते रहते हैं।

लिख के ले लो दारू के ठेके के सारे रिकार्ड टूट जाएंगे

हाय कैसे हो गया ये सब, बहुत तो ऊपर वाले के यहाँ अर्जी लगा चुके होंगे की कयामत आ जाए, दुनिया खत्म हो जाए धरती फट जाए। लेकिन रक्षाबंधन का मनहूस दिन न आए, कैलेंडरों से तारीख गायब हो जाए, तारीख क्या महिना ही गायब हो जाए।

लेकिन ऐसा तो हो नहीं सकता तो दारु के जाम में गम गलत तो हो ही सकता है, कोई नहीं कुछ देर के लिए ही सही इस असहनीय गम से मुक्ति मिल जाएगी।

कोई नाम तो बता उसका जिसने आग लगाई है

किसी महिला अधिकारी के खुराफाती दिमाग से ही निकलेगा ये खुरपेंची आइडिया, अब जब ऑफिस में सब बहनें ही होंगी भईया की तो घर में औरतें सुकून से अपने सीरियल देख सकेंगी। वो आते हैं न! जिसमें पता ही नहीं चलता की जो बाप की गर्लफ्रेंड थी वो कब बेटे के साथ शादीशुदा हो गयी हाँ! हाँ! वही वाले। सबसे बड़ा फायदा बेगमों की रात की नींद भी पतिदेव का फोन चेक करने से ख़राब नहीं होगी, और न ही ये सोच कर उनका रक्तचाप बढेगा की पता नहीं कौन निगोड़ी है, जिसके लिए ये इतना बनठन कर ऑफिस जाते है।

अपने योगी तो बन जाएंगे हीरो, लेकिन दिलजलों की बददुआ लगेगी

इस आदेश के बाद से योगी की महिलाओं में फैन फालोइंग में गजब का उफान देखने को मिलेगा। आखिर साहेब ने सौतन वाला टनटा ही खत्म कर दिया। न रक्तचाप बढेगा, न पति को किसी और से बचाने में तिकड़में सोचने में सिर दर्द होगा। वैसे हम आपको बता दें, हमारे देश में कम ही बहादुर होतें हैं जो बाहर भी किसी के साथ बीजी रहते हैं। वर्ना 90 फीसदी से तो एक ही नहीं झेली जाती।

सबसे बड़ी बात उस चिट्ठी को यूपी की औरतें संपूर्ण सत्यनारायण व्रत कथा के साथ ही रखने लगेंगी।

Rishi

Rishi

आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

Next Story