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दिल्ली में दानिश सिद्दिकी फ़्रीडम अवार्ड का हुआ आयोजन, अजीत अंजुम सहित कई बड़े पत्रकार हुए सम्मानित

Danish Siddiqui Freedom Award: 2022 में यह सम्मान जाने-माने पत्रकार व चर्चित यू-ट्यूबर अजीत अंजुम, लखनऊ यूनिवर्सिटी की सेवानिवृत वाइस चांसलर व कर्मठ समाज सेविका प्रोफ़ेसर रूप रेखा वर्मा, एवं पुलित्ज़र पुरस्कार सम्मानित, समाचार संस्था रॉयटर्स के फ़ोटो जर्नलिस्ट अदनान आबिदी को दिया गया।

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Newstrack Network
Published on: 16 Nov 2022 8:15 PM IST
Danish Siddiqui Freedom Award organized in Delhi
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Danish Siddiqui Freedom Award organized in Delhi (Image: Newstrack) 

किसान ट्रस्ट द्वारा बुधवार को कॉन्स्टिट्यूशन क्लब में 'दानिश सिद्दिकी फ़्रीडम अवार्ड' समारोह का आयोजन किया गया। समाज में संविधान मूल्य, नागरिक अधिकारों व अभिव्यक्ति की आज़ादी की गरिमा की लड़ाई लड़ रहे सामाजिक कार्यकर्ताओं, पत्रकारों व अन्य व्यक्तित्व के सम्मान में आयोजित दानिश सिद्दिकी फ़्रीडम अवार्ड का यह पहला कार्यक्रम रहा। अब से हर साल 16 नवंबर, राष्ट्रीय पत्रकारिता दिवस के अवसर पर इस सम्मान समारोह का आयोजन किया जाएगा और तीन हस्तियों को पुरस्कृत करेगी।


2022 में यह सम्मान जाने-माने पत्रकार व चर्चित यू-ट्यूबर अजीत अंजुम, लखनऊ यूनिवर्सिटी की सेवानिवृत वाइस चांसलर व कर्मठ समाज सेविका प्रोफ़ेसर रूप रेखा वर्मा, एवं पुलित्ज़र पुरस्कार सम्मानित, समाचार संस्था रॉयटर्स के फ़ोटो जर्नलिस्ट अदनान आबिदी को दिया गया। समाज में धूमिल हो रहे हमारे संवैधानिक मूल्यों की रक्षा की ख़ातिर निष्पक्ष होकर मुखरता से, आवाज़ उठाने वाली इन हस्तियों को विख्यात फ़ोटो जर्नलिस्ट एवं पत्रकारिता के मिसाल दानिश सिद्दिकी जी के नाम पर आयोजित इस फ़्रीडम अवार्ड ट्रोफ़ी के साथ 1-1 लाख रुपयों की सम्मान राशि दी गई।


किसान ट्रस्ट द्वारा आयोजित इस सम्मान समारोह की निर्णायक समिति प्रतिवर्ष जनता के सुझाव एवं समाज में अभिव्यक्ति की आज़ादी के साथ-साथ सामाजिक अवधारणाओं के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाने वाली हस्तियों एवं निष्पक्षता से समाज का पक्ष रखने वाले पत्रकारों के काम का आँकलन कर, इस सम्मान के लिए उपयुक्त विजेताओं का चयन करती है।

किसान ट्रस्ट द्वारा संचालित इस सम्मान योजना की चयन समिति में योगेन्द्र यादव, प्रवीण जैन एवं एस.इरफ़ान.हबीब शामिल थे।


इस सम्मान समारोह में राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी जयंत सिंह ने स्वतंत्र पत्रकारिता की महत्ता के ऊपर अपने विचार रखें। समाज में अभिव्यक्ति की आज़ादी की वर्तमान परिस्थिति को देखते हुए पूर्व एम्बेसडर केसी सिंह ने कहा कि मीडिया और प्रेस को सत्ता के समक्ष सच्चाई बोलने की क्षमता रखनी चाहिए। सम्मान समारोह आयोजन में जस्टिस अंसारी ने भी कहा कि प्रेस के लिए आज़ादी ज़रूरी नहीं है बल्कि मौलिक होनी चाहिए तभी समाज में मीडिया या प्रेस का फ़ायदा है।


समारोह के जूरी सदस्य योगेन्द्र यादव ने कहा कि ये हमारी ख़ुशनसीबी है कि हम कोरोना त्रासदी, एंटी सीएए प्रोटेस्ट एवं किसान आंदोलन, तीनों घटनाओं से जुड़े हुए तीन अलग-अलग हस्तियों को सम्मानित कर रहे हैं। जूरी मंडल सदस्य प्रवीण जैन एवं प्रोफ़ेसर एस.इरफ़ान हबीब ने किसान ट्रस्ट द्वारा इस अवार्ड की शुरुआत किए जाने एवं निष्पक्ष पत्रकारिता को सम्मानित किए जाने पर ख़ुशी जताई।



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Rakesh Mishra

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