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दार्जिलिंग : गोरखा जनमुक्ति मोर्चा मना रहा काला दिवस, निकाला मार्च

Rishi
Published on: 18 Jun 2017 3:36 PM IST
दार्जिलिंग : गोरखा जनमुक्ति मोर्चा मना रहा काला दिवस, निकाला मार्च
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दार्जिलिंग : पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग में पुलिस गोलीबारी में तीन कार्यकर्ताओं की मौत के विरोध में रविवार को गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (जीजेएम) 'काला दिवस' मना रहा है। सुरक्षाबलों और आंदोलनकारियों के बीच शनिवार को हुई हिंसक झड़प में जीजेएम प्रमुख बिमल गुरुंग ने एक वीडियो संदेश में पार्टी के तीनों कार्यकर्ताओं की मौत को गोरखालैंड आंदोलन के शहीद करार दिया।

इस संदेश में गोरखाओं से मुंहतोड़ जवाब देने को कहा गया है। जीजेएम सूत्रों के मुताबिक, दार्जिलिंग में एक बार फिर गुस्सा है। हजारों की संख्या में गोरखा मुक्ति मोर्चा के कार्यकर्ता तीनों शवों के साथ मार्च कर रहे हैं। हालांकि, पुलिस ने पहाड़ी क्षेत्रों में इस तरह की रैलियों को मंजूरी नहीं दी है।

दार्जिलिंग में रविवार सुबह लोगों ने शांति बहाली के लिए मार्च निकाला। इस रैली में शामिल लोगों ने काले रंग के बैज लगा रखे थे। ये लोग 'हमें शांति चाहिए' और 'अब और शव नहीं' जैसे संदेश लिखे पोस्टर और तख्तियां लिए हुए थे।

गोरखा कार्यकर्ताओं ने रविवार को सड़क मार्ग अवरुद्ध किया और क्षेत्र में जीजेएम के 12 घंटे के बंद के समर्थन में कई स्थानों पर प्रदर्शन किए। जीजेएम समर्थकों ने जयगांव में दलसिंगपारा टी एस्टेट के पास सड़क को बाधित किया।

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी पुलिस के दावों का समर्थन किया और जीजेएम पर आतंकवादियों एवं विद्रोही समूहों से जुड़े होने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि गोरखालैंड आंदोलन को दोबारा पुनर्जीवित करने के पीछे गहरी साजिश है।

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आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

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