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मुफ्ती साहेब बता रहे हैं ! बिना महरम के औरत को यात्रा की इजाजत नहीं देता इस्लाम
सहारनपुर : पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा मुस्लिम महिलाओं को बिना किसी महरम (जिससे खून का रिश्ता हो) के हज पर जाने का विशेष तोहफा देने की घोषणा करने पर देवबंदी उलेमा ने सख्त आपत्ति जताई है। दारुल उलूम के मुफ्ती अबुल कासिम नौमानी ने कहा कि बिना महरम के औरत का हज जायज ही नहीं है। क्योंकि इस्लाम औरतों को अकेले यात्रा करने की इजाजत नहीं देता है।
2017 की अंतिम ‘मन की बात’ में पीएम मोदी ने मुस्लिम महिलाओं को तोहफा देने की बात कहते हुए हज यात्रा करने की इजाजत देने की घोषणा की है। पीएम की इस घोषणा पर उलेमा ने सख्त ऐतराज जताया है। विश्व प्रसिद्ध इस्लामिक शिक्षण संस्था दारुल उलूम देवबंद के मुफ्ती अबुल कासिम नौमानी ने कहा कि हदीस से साबित है कि औरत को अकेले सफर करने की मनाही है।
उन्होंने कहा कि पीएम के बयान पर वह प्रतिक्रिया नहीं देना चाहते, क्योंकि जाहिर है कि उनका बयान सियासी फायदे के लिए है। अलबत्ता शरई मसला यही है कि औरत अकेले हज पर नहीं जा सकती। मुफ्ती अबुल कासिम ने कहा कि अगर सरकार मुस्लिम ख्वातीन को बगैर महरम के हज पर भेजने की इजाजत देती है तो यह सीधे तौर पर धार्मिक मामलो में सरकार का हस्तक्षेप है। सरकार को ऐसा बिल्कुल नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से मामलात और अधिक खराब होते हैं और सरकार की नियत पर भी शक होता है।
उन्होंने स्पष्ट किया कि अगर कोई औरत बिना महरम के हज पर जाती है तो यह इस्लाम की खिलाफवर्जी होगी। उन्होंने मुस्लिम ख्वातीन से अपील की कि अगर सरकार भी इसकी इजाजत दे तो वह खुद इससे परहेज करें क्योंकि गैर शरई रास्ता इख्तिार कर कोई भी धार्मिक कार्य करना गलत है।
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तंजीम उलेमा हिंद के प्रदेश अध्यक्ष मौलाना नदीमुल वाजदी ने कहा कि प्रधानमंत्री बिना कुछ जाने और सोचे केवल अपने मन की बात कर रहे हैं। कहा कि महिला को अकेले यात्रा करने की इस्लाम इजाजत नहीं देता चाहे वह धार्मिक यात्रा ही क्यों न हो।
मौलाना ने बताया कि महिलाओं की सहुलियत के लिए सऊदी सरकार ने पहले ही चार या उससे अधिक महिला के ग्रुप को हज और उमरा पर जाने की इजाजत दे रखी है।
किसी अकेली महिला ने नहीं किया हज आवेदन
खादिमुल हुज्जाज मौलाना हसीब सिद्दीकी ने बताया इस वर्ष नगर क्षेत्र से करीब सात सो लोगों द्वारा हज यात्रा का आवेदन किया गया है। और किसी भी महिला ने अकेले हज पर जाने की न इच्छा जाहिर की है और न ही आवेदन किया है। बताया कि जिन महिलाओं के साथ हज यात्रा पर जाने वाला कोई महरम व्यक्ति नहीं था। उन्हें ऐसे ग्रुप में शामिल कर लिया गया जिसमें एक पुरुष और दो महिलाएं शामिल थी। मौलाना ने बताया कि सऊदी सरकार की पॉलिसी है कि वह किसी अकेली महिला को सुरक्षा की दृष्टि से हज पर आने की इजाजत नहीं देती इसलिए कोई भी महिला अकेले हज पर जा ही नहीं सकती है।