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Dating App Scam: सावधान! डेटिंग ऐप की लत बड़ी खराब, विडियो में देखें ये खास रिपोर्ट
Dating App Scam: ऐप के मेंबर बनिए, अपना प्रोफाइल बनाइये, जो पसंद करें उनसे बातचीत बढाइये और दोस्ती को किसी भी हद तक परवान चढ़ाइए।
Dating App Scam: दिल्ली के एक शख्स को स्विट्ज़रलैंड से आई उसके एक ऑनलाइन दोस्त की ह्त्या के जुर्म में गिरफ्तार किया गया है। दोनों की मित्रता एक डेटिंग ऐप के जरिये हुई थी। हत्यारा एकतरफा प्यार में था जबकि लड़की सिर्फ एक दोस्त समझ रही थी, गलती उससे यही हुई कि वह दोस्त के देश-शहर घूमने के झांसे में आ गयी और जो हुआ वह नृशंस और बर्बर हत्या थी।
साथ पढ़ने वालों या साथ काम करने वालों के लिए किसी समय में दोस्ती का एक जरिया हुआ करता था पेनफ्रेंडशिप का। एक दूसरे को चिट्ठी भेजना।चिट्ठी लिखते समय हर चीज़ का ख़्याल रखना पड़ता था। अच्छे कोट, शायरी व लाइनें तलाशनी पड़ती थीं। चिट्ठी को किताब या नोट्स के बीच देनी होता था। और पहला ख़त लिखना तो समझिये चाँद को हथेलियों में भर लेने सरीखा होता था। प्रोसेस लम्बा था। अब न चिठ्ठी रही न पेन फ्रेंड्स। ज़माना ऑनलाइन है । सो प्यार और जीवन साथी की तलाश भी ऑनलाइन हो चली है। इसका एक बहुत बड़ा जरिया है डेटिंग एप्स। ऐप के मेंबर बनिए, अपना प्रोफाइल बनाइये, जो पसंद करें उनसे बातचीत बढाइये और दोस्ती को किसी भी हद तक परवान चढ़ाइए। लेकिन साइबर दुनिया बहुत रहस्यमय है। कौन क्या है, क्या असलियत है, जानना असम्भव तो नहीं लेकिन मुश्किल जरूर है। किसी ‘दोस्त’ के मन में क्या चल रहा है, कौन इन्सान के भेष में पिशाच है, कुछ नहीं कहा जा सकता। तभी तो दिल्ली की श्रद्धा और स्विट्ज़रलैंड की नीना ‘’दोस्तों’’ के हाथों जान गँवा बैठती हैं।
असल दुनिया में इतना अकेलापन है, इतनी बंदिशें हैं। उन्मुक्तता तथा स्वछंदता की इतनी ज्यादा ख्वाहिश है कि डेटिंग एप्स का बिजनेस दिन दूना रात चौगुना तरक्की कर रहा है, लोग इन पर जम कर पैसा लुटा रहे हैं। यह जान लीजिये कि 2022 में, दुनिया भर में प्यार चाहने वालों ने डेटिंग ऐप्स पर आकर्षक प्रीमियम सुविधाओं के लिए रिकॉर्ड 5.9 बिलियन डॉलर खर्च किए। 2019 में यह रकम 3.1 बिलियन डॉलर, 2020 में 4 बिलियन डॉलर और 2021 में 5.3 बिलियन डॉलर थी। टिंडर और बम्बल जैसे डेटिंग ऐप्स की अतिरिक्त सुविधाएं यूजर्स को हर महीने अधिक व्यूज, लाइक, मैसेज और मुफ्त बूस्ट प्राप्त करने में मदद करती हैं। 2021 और 2022 के बीच डेटिंग ऐप्स पर खर्च में रिकॉर्ड 6 बिलियन डॉलर की वृद्धि हुई। एक साधारण गणित हमें बताता है कि डेटिंग ऐप यूजर्स ने 2022 के दौरान इन-ऐप खरीदारी पर हर दिन 16 मिलियन डॉलर खर्च किए। यह है प्यार की भूख।
पश्चिमी देशों की शोशेबाजी
अगर आप सोच रहे हैं कि ये सब पश्चिमी देशों की शोशेबाजी है तो ये भी जान लीजिये - 2022 में डेटिंग ऐप खर्च में साल-दर-साल वृद्धि के मामले में भारत 5वें सबसे तेजी से बढ़ते बाजार के रूप में उभरा है। भारतीयों ने 2021 की तुलना में 2022 में डेटिंग ऐप्स पर 31 मिलियन डॉलर अधिक खर्च किए। डेटिंग के बाज़ार में नंबर एक है अमेरिका, उसके बाद यूनाइटेड किंगडम, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और पांचवें नंबर पर भारत है। अमेरीकियों ने 2022 में डेटिंग एप्स पर ढाई बिलियन डालर खर्च किये।
अब आइए 2022 में दुनिया भर में डेटिंग ऐप्स के डाउनलोड और बिताए गए समय पर नजर डालें। ग्लोबल लेवल पर डेटिंग ऐप डाउनलोड की संख्या 2022 में 1.9 बिलियन के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गई, जो सालाना आधार पर 18.8 फीसदी की वृद्धि है। ग्लोबल लेवल पर सभी एंड्रॉइड डेटिंग ऐप्स पर बिताया गया समय 2022 में 10 बिलियन घंटों के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया जबकि 2019 में यह 7 बिलियन घंटे था।
संयुक्त राज्य अमेरिका एक बार फिर प्यार और जीवन साथी की तलाश कर रहे लोगों के लिए सबसे आकर्षक बाजार साबित हुआ। अमेरिका में डेटिंग ऐप डाउनलोड 2022 में सालाना आधार पर 10.4 फ़ीसदी बढ़कर 148 मिलियन हो गया।
भारत में फिलवक्त तो अरेंज मैरिज अब भी आम है । लेकिन डेटिंग ऐप्स ने रोमांस में क्रांति ला दी है। युवा लोग अब प्यार और साथ पाने के लिए इंटरनेट और ऐप्स का सहारा ले रहे हैं। भारत में टिंडर, बम्ब्ल, हिन्ज, हैपेन, आयल, बदू, ओकेक्यूपिड, ट्रूली मैडली, क्वैकक्वैक, वू, लाइव टॉक, लिवमेट, ब्लिस यू, बेला जैसे ढेरों डेटिंग एप्स चल रहे हैं और इनकी यूजर संख्या भी बढती जा रही है।
लेकिन खतरे भी बहुत हैं इन राहों में। प्यू रिसर्च सेंटर के 2020 के एक अध्ययन ने निकल कर आया कि कई महिलाएं डेटिंग साइटों और ऐप्स पर किसी न किसी रूप में उत्पीड़न का अनुभव कर रही हैं। 18 से 34 वर्ष की आयु की महिला ऑनलाइन डेटर्स में से, 57 फीसदी ने कहा कि उन्हें यौन रूप से खुले स्पष्ट संदेश या फोटो मिले जबकि उन्होंने नहीं मांगे थे।
डेटिंग ऐप्स और साइटें ढेर सारी फर्जी प्रोफाइलों से भरी
ये जान लीजिये कि डेटिंग ऐप्स और साइटें ढेर सारी फर्जी प्रोफाइलों से भरी हुई हैं, जहां अनगिनत घोटालेबाज रोमांस की आड़ में निर्दोष व्यक्तियों को फंसाते हैं। उन्हें धोखा देते हैं, जान तक ले लेते हैं। कोरोना महामारी के दौरान ओडिशा के रमेश कुमार स्वैन नाम का एक शख्स पकड़ा गया था जिसने 10 अलग-अलग राज्यों में 27 महिलाओं से शादी की, उनका पैसा लूट लिया। स्वैन ने उन महिलाओं को निशाना बनाया जो मध्यम आयु वर्ग की, शिक्षित और संपन्न थीं। दिल्ली का श्रद्धा केस याद करिए। श्रद्धा की मुलाकात 2019 में ऑनलाइन डेटिंग ऐप बम्बल पर आफताब पूनावाला से हुई थी। क्या श्रद्धा ने कभी सोचा होगा कि वह एक हिंसक यौन शिकारी के जाल में फंस रही है जो उसे एक जानवर की तरह मार डालेगा।
पुणे में एक महिला ने एक शख्स को टिंडर ऐप के जरिए अपने जाल में फंसाया और पहली ही मुलाकात में उसके लाखों का का सामान लूट लिया। कर्नाटक में एक महिला ने टिंडर पर ही मिले एक शख्स को धोखा दिया ब्लैकमेल किया और लूट लिया।
ऐसी कहानियां बहुतेरी हैं। आए दिन कोई न कोई मामला सामने आता है। सिर्फ डेटिंग एप्स ही क्यों, साइबर अपराधी तो पूरे इन्टरनेट जगत में फैले हुए हैं और अपने शिकार की तलाश में हैं। क्या आप जानते हैं कि बीते एक साल के भीतर साइबर स्कैमर्स ने 1.02 ट्रिलियन डालर की भारी भरकम रकम लोगों से ऑनलाइन अपराध के जरिये ठग ली है? तमाम जागरूकता अभियानों, साइबर पुलिसिंग और उपायों के बावजूद ये रकम लगातार साल दर साल बढ़ती ही जा रही है।
ऑनलाइन उपस्थिति, सोशल मीडिया सब कुछ ने जीवन को बहुत आसान बना दिया है। ऐसा देखने से लगता है लेकिन इस आसान आवरण के नीचे बहुत गंदगी जमा है जिसे साफ़ करना अब तो नामुमकिन सा लगता है। आप डेटिंग एप्स में नहीं फंसेंगे तो किसी ऑनलाइन फ्रॉड का शिकार हो जायेंगे। हर जगह शिकारी जाल बिछाये बैठा है। इन्हें जालों के बीच रास्ता तय करना होगा। जब तक दुनिया है, जालसाज रहेंगे, लूटने के नए नए उपाय बनाते रहेंगे। एक कहावत है कि अपराधी दो कदम आगे चलता है। बचने के उपाय हमें खुद ही ढूँढने होंगे ताकि फिर किसी का हश्र स्विस युवती नीना जैसा न हो। ट्रिलियन डालर की लूट में हमारा एक भी पैसा न हो।
( लेखक पत्रकार हैं । दैनिक पूर्वोदय से साभार ।)