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सावधान! 15 अक्टूबर से बंद हो रहे हैं आपके डेबिट-क्रेडिट कार्ड
लखनऊ। नवरात्र, दशहरा और दीपावली के उत्सव के इस सीजन में लोग जब जमकर खरीदारी करते हैं। एक नया संकट खड़ा होने जा रहा है। 15 अक्टूबर से लोगों के एटीएम के क्रेडिट व डेबिट कार्ड बेकार होने का खतरा उत्पन्न हो गया। यानी आप इनसे कोई रुपया पैसा नहीं निकाल पाएंगे। वित्त मंत्री अरुण जेटली के हस्तक्षेप के बाद क्रेडिट और डेबिट कार्ड पर 15 अक्टूबर के बाद उत्पन्न होने वाला संकट की उम्मीद बंधी है। जेटली ने इस संबंध में गत दिवस आरबीआई के अधिकारियों और वित्त मंत्रालय के अधिकारियों के साथ एक बैठक की है। हालांकि बैठक में लिए गए फैसलों की जानकारी अभी सामने ऩहीं आई है लेकिन इस मामले में अंतिम निर्णय आरबीआई को लेना है और वित्त मंत्रालय कुछ छूट देने के पक्ष में है।
क्या है मामला
डिजिटल युग में आज जबकि 90 फीसदी से ज्यादा लोगों ने लेन देन के लिए बैंक जाना बंद किया हुआ है और अपने सारे कार्य डेबिट और क्रेडिट कार्ड से निपटा रहे हैं ऐसे में रिजर्व बैंक के एक फैसले से देश के करोड़ों क्रेडिट और डेबिट कार्ड का भुगतान 15 अक्टूबर के बाद रुकने का खतरा उत्पन्न हो गया था।
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क्या था कारण
दरअसल आरबीआई यानी रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने इस साल अप्रैल में ग्लोबल फाइनेंशियल कंपनियों को डाटा लोकलाइजेशन के लिए अपना सर्वर भारत में ही लगाने के लिए 15 अक्टूबर तक की मियाद दी थी। रिजर्व बैंक ने यह कदम भारतीय बैंकों के करोड़ों ग्राहकों का हित देखते हुए उठाया था। रिजर्व बैंक का तर्क था कि कंपनियों की बेहतर निगरानी के लिए उनके द्वारा संग्रहीत किये जा रहे डाटा तक बिना रोकटोक उसकी पहुंच बहुत जरूरी है।
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कौन सी हैं यह कंपनियां
आपके डेबिट क्रेडिट कार्ड पर लिखा होता है मास्टर कार्ड या वीजा कार्ड। दरअसल दरअसल यह विदेशी गेटवे कंपनियों के जरिये होता है। इनका सर्वर देश में नहीं है जिससे इनके कार्य की निगरानी रिजर्व सर्वर यहां न होने से सुचारु रूप से नहीं कर पाता है इसीलिए इन कंपनियों पर अपना सर्वर देश में लगाने का दबाव बनाया जा रहा है।
क्या कह रही हैं कंपनियां
कंपनियां इस प्रक्रिया को पूरा करने के लिए 15 अक्टूबर की समय सीमा बढ़ाने की मांग कर रही हैं उनके अनुसार इस काम में दो साल का वक्त लगेगा तब तक के लिए उन्हें डाटा स्टोर के बजाय उसकी कापी रखने की छूट दी जाए।
वित्त मंत्रालय पक्ष में
वित्त मंत्रालय डेटा कापी की छूट दिये जाने के पक्ष में है लेकिन अभी तक रिजर्व बैंक की तरफ से कंपनियों को छूट नहीं मिली है।
यदि बंद हो गए कार्ड
अगर लोगों के मास्टर कार्ड या वीजा के डेबिट क्रेडिट कार्ड बंद हो जाते हैं तो लोगों के पास पेटीएम, भीम, नेटबैंकिंग आदि से भुगतान के विकल्प ही बचेंगे। बैंकों पर निकासी का दबाव बढ़ जाएगा। नकदी का संकट भी खड़ा हो सकता है।