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'गुड़िया' गैंगरेप: सात साल पहले हुए गैंगरेप का आया फैसला, 2 आरोपी दोषी करार

पांच साल की बच्ची गुड़िया के साथ हुए गैंगरेप केस में कड़कड़डूमा कोर्ट शनिवार को अपना फैसला आ गया। दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट ने दोनों आरोपियों प्रदीप और मनोज को दोषी करार दिया है। कोर्ट ने पॉक्सो, किडनैपिंग, गैंगरेप और सबूत मिटाने के मामले में दोषी करार दिया है।

SK Gautam
Published on: 18 Jan 2020 4:13 AM GMT
गुड़िया गैंगरेप: सात साल पहले हुए गैंगरेप का आया फैसला, 2 आरोपी दोषी करार
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नई दिल्ली: पांच साल की बच्ची गुड़िया के साथ हुए गैंगरेप केस में कड़कड़डूमा कोर्ट शनिवार को अपना फैसला आ गया। दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट ने दोनों आरोपियों प्रदीप और मनोज को दोषी करार दिया है। कोर्ट ने पॉक्सो, किडनैपिंग, गैंगरेप और सबूत मिटाने के मामले में दोषी करार दिया है। दोषियों ने 5 साल की बच्ची के साथ 24 से ज्यादा घंटों तक बंधक बनाकर दुष्कर्म किया था।

देश की राजधानी दिल्ली में यह घटना चर्चित रेप केस निर्भया कांड के बाद हुई थी। गुड़िया रेप केस में अभी तक कुल 59 गवाहियां हो चुकी हैं। पुलिस ने आरोपी प्रदीप और मनोज के खिलाफ जान से मारने की कोशिश, गैंगरेप, किडनैपिंग, सबूत मिटाने और पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया था।

गुड़िया के शरीर से मोमबत्ती और कांच की शीशी भी निकली थी

यह मामला उस वक्त सुर्खियों में आया था जब निर्भया केस के 4 महीने बाद ही 15 अप्रैल 2013 को 5 साल की गुड़िया को 2 लोगों ने अपहरण करके उसका गैंगरेप किया था। गुड़िया के शरीर से मोमबत्ती और कांच की शीशी भी निकली थी। कई सर्जरी के बाद उसे किसी तरह बचाया गया था। इस मामले में दो आरोपियों को बिहार और उत्तर प्रदेश से गिरफ्तार किया गया था।

दोषी करार दिए गए मनोज शाह और प्रदीप दोनों उसके पड़ोसी थे। इस मामले की सुनवाई पूरी होने में वक्त इसलिए भी लगा क्योंकि प्रदीप ने इस मामले में खुद को नाबालिग बताया था, साथ ही मामले को लंबा खींचने की कोशिश की थी।

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17 अप्रैल की सुबह गुड़िया अवस्था में अपने घर के पास मिली थी

मासूम गुड़िया के साथ जब ये दरिंदगी हुई थी तब उसकी उम्र महज पांच साल थी। गैंगरेप के बाद दोनों आरोपियों ने गुड़िया को जान से मारने की भी कोशिश की थी।

बता दें कि 15 अप्रैल, 2013 की शाम गुड़िया अपने गांधी नगर के घर से लापता हो गई थी। इसके दो दिन बाद 17 अप्रैल की सुबह वो घायल अवस्था में अपने घर के पास मिली थी। गुड़िया को इलाज के लिए एम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया था। डॉक्टरों ने यहां उसके शरीर के अंदर से तेल की शीशी और मोमबत्ती निकाली थी। कई दिनों तक गुड़िया की हालत अस्पताल में नाजुक बनी हुई थी।

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निर्भया केस के महज चार महीने बाद हुआ था

इस हादसे के बाद लोगों में काफी रोष देखने को मिला था। दरअसल, गुड़िया रेप केस 16 दिसंबर, 2012 को निर्भया केस के महज चार महीने बाद हुआ था। इसे लेकर दिल्ली पुलिस और प्रशासनिक व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठे थे।

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