Defamation Case: राहुल गांधी को "सभी चोरों के सरनेम मोदी क्यों" बयान मामले में 2 साल की सजा, मिली जमानत

Defamation Case: लोकसभा चुनाव 2019 के प्रचार अभियान के दौरान तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा था कि ‘सभी चोरों के सरनेम मोदी क्यो’। इस मामले में सूरत कोर्ट ने राहुल गांधी को दोषी करार देते हुए 2 साल की सजा सुनाई है। हालांकि जिसके तुरंत बाद कोर्ट ने सजा को 30 दिन के लिए सस्पेंड कर दिया है।

Prashant Vinay Dixit
Published on: 23 March 2023 8:23 AM GMT (Updated on: 23 March 2023 2:15 PM GMT)
Defamation Case: राहुल गांधी को सभी चोरों के सरनेम मोदी क्यों बयान मामले में 2 साल की सजा, मिली जमानत
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Rahul Gandhi (Photo: Social Media )

Defamation Case: कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी इन दिनों ब्रिटेन में भारतीय लोकतंत्र को लेकर की गई टिप्पणियों को लेकर विवादों में हैं। सत्तारूढ़ बीजेपी लगातार उनपर हमलावर है और संसद में उनसे माफी की मांग कर रही है। इस मुद्दे को लेकर संसद की कार्यवाही भी ठप है। इस गतिरोध के बीच राहुल गांधी से जुड़े एक और चर्चित केस का फैसला आज कोर्ट ने सुनाया। "सभी चोरों के सरनेम मोदी क्यों" इस बयान पर दोषी करार दिया।

मानहानि केस में राहुल गांधी को सजा

मानहानि के केस में कोर्ट में पेश होने के लिए राहुल गांधी सुबह सूरत पहुंचे थे। इसके बाद 11 बजे सूरत कोर्ट की कार्यवाही शुरू हुई। जहां पर कोर्ट ने इस मामले में फैसला सुनाते हुए उन्हें आईपीसी की धारा 504 के तहत मानहानि का दोषी करार दिया। राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का यह मामला दो धाराओं 499 और 504 में था। आईपीसी की धारा 504 में दोषी पाए जाने पर दो वर्ष की सजा का प्रावधान है।

मानहानि केस में राहुल गांधी को बेल

सूरत की अदालत ने राहुल के मोदी सरनेम वाले बयान पर 2 साल की सजा सुनाई है। जिसके तुरंत बाद कोर्ट ने साथ ही राहुल गांधी को जमानत दे दी है। इसके अलावा कोर्ट ने सजा को 30 दिन के लिए सस्पेंड भी कर दिया। अब राहुल गांधी इस सजा के खिलाफ उच्च अदालत में भी जा सकते हैं। कोर्ट में राहुल गांधी ने कहा "मैं भ्रष्टाचार के खिलाफ बोलता रहता हूं, इसके खिलाफ आवाज उठाता हूं, मेरा कोई गलत इरादा नहीं था किसी को अपमानित करने का इरादा नहीं था"।

राहुल की सजा पर पहली प्रतिक्रिया

कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष और सांसद राहुल गांधी ने मानहानि केस से सजा के बाद टवीट् करके पहली प्रतिक्रिया दी। उन्होंने अपने टवीट् में लिखा - मेरा धर्म सत्य और अहिंसा पर आधारित है। सत्य मेरा भगवान है, अहिंसा उसे पाने का साधन। - महात्मा गांधी

महासचिव प्रियंका गांधी की प्रतिक्रिया

कांग्रेस पार्टी की महासचिव प्रियंका गांधी ने राहुल गांधी को मानहानि केस में सजा मिलने के बाद टवीट् करके प्रतिक्रिया दी। उन्होंने लिखा - डरी हुई सत्ता की पूरी मशीनरी साम, दाम, दंड, भेद लगाकर @RahulGandhi जी की आवाज को दबाने की कोशिश कर रही है। मेरे भाई न कभी डरे हैं, न कभी डरेंगे। सच बोलते हुए जिये हैं, सच बोलते रहेंगे। देश के लोगों की आवाज उठाते रहेंगे। सच्चाई की ताकत व करोड़ों देशवासियों का प्यार उनके साथ है।

कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष का बयान

कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने राहुल गांधी की सजा पर बयान देते हुए कहा कि हम कानून के तहत आगे बढ़ेंगे, हम कानून में विश्वास रखने वाले लोग है, हमें तो यह पहले ही मालूम था, इस मामले में बराबर जज बदले जा रहे थें, जनता को सच बताना हमारा काम हैं। यह तानाशाह सरकार है। ये लोग चाहते हैं कि सिर्फ इनकी चले। लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा, एक साजिश रची जा रही थी, हम सबको मालूम थी, सहयोग से कोर्ट के जज का तबादला कर नए जज बैठाए गए, इसके बाद राहुल को पेश किया गया और दोषी करार दिया गया। वहीं आम आदमी पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने भी अप्रत्यक्ष रूप से राहुल गांधी का समर्थन किया है।

अन्य नेताओ की यह प्रतिक्रिया

राहुल गांधी को दोषी करार दिए जाने के बाद केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा, राहुल गांधी जो बोलते हैं, उससे सिर्फ नुकसान ही होता है, इससे कांग्रेस को तो नुकसान होता ही है, लेकिन इससे देश को भी नुकसान होता है। किरेन रिजिजू ने दावा किया कि कांग्रेस के कुछ सांसदों ने उन्हें बताया कि राहुल गांधी का को रवैया है, उसने सब कुछ खराब कर दिया, इससे उनकी पार्टी तो डूब ही रही है, बल्कि सभी का नुकसान होता है। केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि राहुल जी को इस सच्चाई को स्वीकार करना चाहिए। शब्दों की चोट शस्त्रों की चोट से ज्यादा गहरी और पीड़ादायक होती है और शब्द जब अनर्गल और झूठे हों तब चोट और भी गहरी और कष्टदायक हो जाती है।

राहुल गांधी पर मानहानि का दावा

दरअसल, लोकसभा चुनाव के प्रचार अभियान के दौरान तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा था कि ‘सभी चोरों के सरनेम मोदी कैसे हैं’। इस विवादित टिप्पणी को लेकर बीजेपी की ओर से कड़ी प्रतिक्रिया आई थी। बीजेपी विधायक और पूर्व कैबिनेट मंत्री पूर्णेश मोदी ने इसे लेकर राहुल गांधी पर मानहानि का दावा सूरत की सेशंस कोर्ट में ठोका था। बीते शुक्रवार को दोनों पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने 23 मार्च की तारीख फैसला सुनाने के लिए निर्धारित की थी।

राहुल ने आरोप से किया इनकार

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी मानहानि केस में 9 जुलाई 2020 को सूरत की अदालत में पेश हो चुके हैं। गांधी ने कोर्ट के अंदर अपने बयान में कहा था कि वो खुद पर लगे आरोप से इनकार करते हैं। राहुल ने कहा था कि उन्होंने चुनावी रैली में ऐसा कहा था, ये उन्हें याद नहीं है। कोर्ट में कांग्रेस नेता के वकील ने कहा था कि मोदी कोई समुदाय नहीं है। उनके सारे आरोप प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर लक्षित थे। ऐसे में उन्हें मानहानि का केस करना चाहिए।

क्या था पूरा मामला ?

2019 में लोकसभा चुनाव को लेकर प्रचार अभियान चरम पर था। तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी इस सिलसिले में कर्नाटक में 13 अप्रैल 2019 को चुनाव प्रचार करने पहुंचे थे। इस दौरान कोलार में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा था कि नीरव मोदी, ललित मोदी और नरेंद्र मोदी का सरनेम कॉमन क्यों है? सभी चोरों के सरनेम मोदी क्यों होता है ? राहुल गांधी के इस बयान के बाद सूरत पश्चिम से बीजेपी विधायक पूर्णेश मोदी ने मानहानि केस कर दिया था।

अपमानित करने का आरोप

उन्होंने कांग्रेस सांसद पर मोदी समुदाय को अपमानित करने का आरोप लगाया। सूरत कोर्ट में सुनवाई धीमी पड़ने के बाद मोदी हाईकोर्ट चले गए थे। हालांकि, उच्च न्यायालय ने लोअर कोर्ट को जल्द फैसला सुनाने का आदेश देकर बीजेपी विधायक की याचिका खारिज कर दी थी। पिछले शुक्रवार को सूरत कोर्ट में चार साल पुराने इस मामले में सुनवाई संपन्न हुई और मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एच एच वर्मा ने 23 मार्च यानी आज की तारीख फैसला सुनाने के लिए निर्धारित की।

Prashant Vinay Dixit

Prashant Vinay Dixit

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